साइबर अपराध से निपटना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती
-एसएसपी ने जिले में साइबर क्राइम की समीक्षा की, डिजिटल पेट्रोलिंग बढ़ाने का दिया निर्देश

पुलिस की तमाम कोशिशों के बावजूद साइबर क्राइम पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। नए-नए तरीकों से साइबर ठग आम नागरिकों को निशाना बना रहे हैं। बीते वर्ष 2024 में जिले में साइबर अपराधियों ने 10 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी की, जबकि वर्ष 2025 की शुरुआत यानी जनवरी से अब तक एक करोड़ रुपये से अधिक की साइबर ठगी के मामले सामने आ चुके हैं। जिले में साइबर अपराधों का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है। पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती बन चुका है। फर्जी कॉल्स, सिम स्वाप और ऑनलाइन ठगी के मामले तेजी से बढ़े हैं, जिससे लोग अपनी मेहनत की कमाई गंवा रहे हैं।
साइबर अपराधियों ने बैंक खातों की जानकारी हासिल करने के लिए चालाकी से काम करना शुरू कर दिया है, जिनमें बैंक के फर्जी प्रतिनिधि बनकर फोन करना और नकली लिंक्स भेजना शामिल है। 2024 में साइबर अपराधियों का रहा खौफ साल 2024 में साइबर अपराधियों ने कई बड़ी ठगी की वारदात का अंजाम देकर लोगों में डर बना दिया। चार जून को बोधगया के एक बौद्ध भिक्षु के खाते से पुलिस का डर दिखाकर 8 लाख, 50 हजार का चूना लगाया। 15 अप्रैल को साइबर ठगों ने शेयर बाजार में पूंजी निवेश के नाम पर एक व्यक्ति 21 लाख रुपये ठग लिये। आठ अगस्त को बोधगया के एक व्यक्ति से 28 लाख रुपये एक दिन में साफ कर दिये। 22 अगस्त गया के एक नामचीन चिकित्सक के खाते 4 करोड़ 40 लाख रुपये उड़ाकर हड़कंप मचा दिया। 27 दिसंबर को विष्णुपद थाना क्षेत्र के पंतनगर कॉलोनी मोहल्ले के रहने वाले एक व्यक्ति से 11 लाख 92 हजार ठगी की। इस साल 2025 में 1 जनवरी को रेलवे इंजीनियर से 12.57 लाख रुपये की ठगी का मामला सामने आया। इसी माह 14 जनवरी को पंजाबी कॉलोनी में रहने वाले एक व्यवसायी से शातिरों ने स्मार्ट मीटर रिचार्ज करवाने और बिजली काटने का डर दिखाकर 15.50 लाख रुपये ठगी कर ली। इस मामले में पीड़ित ने साइबर थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी है। हाल में वर्क फ्रॉम होम के नामपर बोधगया के युवक से 30.84 लाख की ठगी कर ली। 2025 में जनवरी से अबतक एक करोड़ से ज्यादा की हुई ठगी जनवरी 2025 से अबतक साइबर अपराधियों ने दो दर्जन से ज्यादा लोगों को अलग-अलग पैंतरे से ठगी का शिकार बनाया है एक आंकड़े के अनुसार और 1 करोड़ 8 लाख 41 हजार 464 रुपये बैंक खातों से उड़ा ले गए। प्रलोभन में आकर अच्छे अच्छे लोग भी साइबर ठगों के झूठे झांसे में आकर ठगी का शिकार हो रहे है। डिजिटल मॉनिटरिंग पर एसएसपी ने दिया जोर स्थिति को देखते हुए एसएसपी आनंद कुमार ने जिले में साइबर अपराध की समीक्षा की। साइबर थाना पहुंचकर निरीक्षण किया और साइबर सेल की कार्यप्रणाली, केस डिटेक्शन रेट और डिजिटल मॉनिटरिंग पर खास जोर दिया। एसएसपी ने साइबर सेल को डिजिटल पेट्रोलिंग बढ़ाने और सोशल मीडिया, ई-कॉमर्स साइट्स, बैंकिंग प्लेटफॉर्म्स पर सतत निगरानी रखने के निर्देश दिए।निरीक्षण के दौरान उन्होंने पुलिस पदाधिकारियों को साइबर अपराध के मामलों के त्वरित निष्पादन, डिजिटल साक्ष्यों के उचित संकलन एवं नागरिकों की शिकायतों के शीघ्र निस्तारण के दिशा-निर्देश दिए। साथ ही साइबर पेट्रोलिंग को प्रभावी बनाने, तकनीकी संसाधनों के बेहतर उपयोग एवं संदिग्ध गतिविधियों पर निगरानी रखने को कहा है। एसएसपी ने कहा कि साइबर सुरक्षा को लेकर पुलिस की तत्परता आवश्यक है। जागरूकता की कमी और डिजिटल साक्षरता की सीमाएं भी साइबर ठगों को बढ़ावा देती हैं। लोग निजी जानकारी साझा करने से पहले सतर्क नहीं रहते और इसी का फायदा अपराधी उठाते हैं। साइबर अपराध से बचने का सतर्कता ही असली हथियार साबित हो सकता हैं।
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