वजीरगंज के करजरा आयुर्वेद महाविद्यालय में तीन दिवसीय सेमिनार का राज्यपाल ने किया उद्घाटन
हमें स्वस्थ तन से ही आत्मज्ञान व ब्रह्मज्ञान की प्राप्ति हो सकती है; राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान
स्वामी राघवेंद्राचार्य त्रिदंडी आयुर्वेद महाविद्यालय और चिकित्सालय, करजरा में तीन दिवसीय सेमिनार को संबोधित करते हुए बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खां ने कहा कि इस ब्रह्मांड में सबकुछ नश्वर है। उसे गतिमान बनाने वाला अक्षर या आत्मा अमर है। वह आत्मा कई प्रकार के जीवों में निवास करती है, लेकिन वह एक ही है और उसके बारे में ज्ञान प्राप्त करने के लिए स्वस्थ शरीर का होना जरूरी है। शरीर को स्वस्थ रखने के लिए आयुर्वेद एक सरल और सुगम रास्ता है, जो अपने ज्ञान के माध्यम मात्र से व्यक्ति को निरोग रखने की क्षमता रखता है। संस्कृत श्लोक को हिंदी में रूपांतरित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि आप किस माता के कोख से पैदा लेते हैं, वह आपकी जाति निर्धारित नहीं करती, जो आत्मज्ञान या ब्रह्मज्ञान प्राप्त कर लेता है उसे ही ब्राह्मण कहते हैं। सेमिनार का विषय जीवन शैली में विकार और आयुर्वेद में उसका प्रबंधन में यह सर्वोपरी है। दिनचर्या या आपके बिना रूटीन वाले कार्यों से ही शरीर में विकार उत्पन्न होता है, लेकिन जब आप यहां के चिकित्सक से परामर्श लेकर अपनी दिनचर्या में सुधार करते हैं तो उसी समय बिना दवा के विकार उत्पन्न होना बंद हो जायगा और पूर्व के विकारों में लाभ भी मिलेगा। जिस प्रकार माउंटेन मैन दशरथ मांझी ने अपनी पत्नी के वियोग के कारक पहाड़ का सीना चीरकर उसमें रास्ता बनाया है, उसी प्रकार इस महाविद्यालय के संस्थापक राघवेंद्राचार्य ने एक गर्भवती स्त्री की पीड़ा को देखते हुए इस चिकित्सालय की स्थापना इस सुदुर क्षेत्र में की है। सेमिनार में उपस्थित जियरा स्वामी जी महाराज ने कहा कि दया, दान और संयम मानव को इंसान बनाता है। जिस व्यक्ति में ये तीनों विशेषताएं हैं उनका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। रोग, धन और मान हानि व संस्कृति को बचाये रखने के लिए ये जरूरी है।
महाविद्यालय शासकीय निकाय के सचिव स्वामी वेंकटेश प्रपन्नाचार्य महाराज ने कहा कि इस महाविद्यालय सह औषधालय की स्थापना वर्ष 1978 में हमारे गुरु द्वारा किया गया था, जो अपने विकास पथ पर चलते हुए इस मुकाम पर पहुंचा है जहां एक वर्ष में लगभग 30 हजार मरीजों का इलाज ओपीडी में किया जाता है। इस वर्ष लगभग 12 हजार मरीजों को पूर्ण स्वास्थ लाभ भी मिला है। इस सेमिनार के माध्यम से आप सभी को आयुर्वेद के ज्ञानियों से तद विद्या समभाषा के माध्यम से वैज्ञानिक सिद्धांतो का समावेश कर आपकी सभी शंका का समाधान किया जायगा। सेमिनार का समापन बुधवार को किया जायगा। सेमिनार के उद्घाटन मौके पर बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के कुलपति सहित देश के विभिन्न राज्यों से आयुर्वेद विशेषज्ञ मौजूद रहे।
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