दूसरे राज्यों के माफिया गोपालगंज के रास्ते कर रहे शराब की तस्करी
- यूपी-बिहार सीमा पर पुलिस कर्मियों की तैनाती के बीच गोपालगंज व दूसरे जिलों में पहुंच रही शराब की खेप

गोपालगंज, हमारे प्रतिनिधि। शराबबंदी कानून लागू हुए नौ साल बीत चुके हैं, लेकिन गोपालगंज के रास्ते शराब की तस्करी लगातार जारी है। दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान जैसे राज्यों से शराब की बड़ी खेप सीधे गोपालगंज के रास्ते बिहार के दूसरे जिलों में ले जायी जा रही है। इस संगठित तस्करी नेटवर्क में न केवल अंतरराज्यीय माफिया सक्रिय हैं, बल्कि स्थानीय तस्कर भी शामिल हैं। ये ट्रक, पिकअप, कार और स्कॉर्पियो जैसे वाहनों से शराब की ढुलाई कर रहे हैं। उत्पाद विभाग द्वारा जनवरी से मई 2025 के बीच जिले में कुल 12545 स्थानों पर छापेमारी की गई। इसके बावजूद महज 755 लोगों की गिरफ्तारी ही हो सकी।
इनमें शराब तस्करी के 428 और शराब सेवन के 289 आरोपी शामिल हैं। वहीं 38 तस्कर छापेमारी के दौरान फरार होने में सफल रहे। इस दौरान 6194 लीटर देसी, 30,755 लीटर विदेशी, 192 लीटर बीयर और 5671 लीटर चुलाई शराब बरामद की गई। पकड़े गए तस्करों में अधिकांश की जड़ें दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और उत्तर प्रदेश से जुड़ी हुई हैं। तस्करी के वाहनों की बेरोकटोक आवाजाही एनएच 27 के बलथरी सहित अन्य चेकपोस्टों से हो रही है। यह स्थिति तब है जब पुलिस और उत्पाद विभाग के अनुसार यहां 24 घंटे जांच अभियान चलाया जाता है। चुलाई शराब निर्माण पर भी नहीं लग सका अंकुश जिले में शराबबंदी के बावजूद गंडक तटवर्ती क्षेत्रों में चुलाई शराब का अवैध निर्माण धड़ल्ले से जारी है। कुचायकोट, सदर, मांझागढ़, बरौली, सिधवलिया और बैकुंठपुर जैसे इलाकों के अलावा सुरवल चंवर, मिर्जापुर, कहला पुल, मांझागढ़ पुरानी बाजार और विश्वंभरापुर में खुलेआम शराब बनाई जा रही है। बीते पांच महीनों में उत्पाद विभाग ने 4,48,998 लीटर अर्धनिर्मित शराब को जब्त कर नष्ट किया है। बावजूद इसके, निर्माण की रफ्तार पर रोक नहीं लग पाई है। जांच में शिथिलता, तस्करों के हौसले बुलंद यूपी-बिहार सीमा से सटे भिंगारी, एकडेंगा, पकहां, पगरा, भागीपट्टी, कोटनरहवां और बलथरी चेकपोस्ट पर कहने को तो 24 घंटे तलाशी अभियान चलता है, लेकिन जमीनी सच्चाई इसके उलट है। उत्पाद विभाग के कर्मचारियों के अलावा होमगार्ड की तैनाती के बावजूद तस्कर आसानी से इन पोस्टों को पार कर जाते हैं। जिले के भीतर दाखिल होने के बाद वे शराब की आपूर्ति करते हैं । फिर सुरक्षित लौट भी जाते हैं। वर्जन शराब की खेप जिले में न पहुंचे, इसके लिए यूपी-बिहार सीमा से जुड़े चेकपोस्टों पर स्कैनर मशीन और श्वान दस्ते से जांच कराई जा रही है। सूचना मिलने पर गंडक दियारे से लेकर एनएच 27 तक छापेमारी की जाती है। तस्करों की गतिविधियों पर नजर रखने और ठोस कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। अमृतेश कुमार, उत्पाद अधीक्षक, गोपालगंज
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