आजादी के बाद भी 25 वर्षों तक शहरी क्षेत्र में थे कच्चे नाले
हाजीपुर में 1970 के बाद से पक्के नालों का निर्माण किया गया, लेकिन जलजमाव की समस्या बनी हुई है। 1980 के बाद 300 से अधिक योजनाएं बनीं, लेकिन नाले जर्जर हैं और साफ-सफाई ठीक से नहीं हो पा रही। जल निकासी...

1970 के बाद शहरी क्षेत्र में पक्का नाला का हुआ था निर्माण 1980 के बाद नाला निर्माण की 300 से अधिक योजनाएं बनी नाला का निर्माण तो हुआ, लेकिन जलजमाव खत्म करने में नहीं है कारगर ज्यादतर नाले जर्जर हाल में हैं, साफ-सफाई भी ठीक से नहीं हो पाती शहर के मुख्य और बड़े नाले अतिक्रमित हैं, कई नाले पॉलीथिन से पटे हुए हैं हाजीपुर। निज संवाददाता आजादी के बाद कई दशकों तक नगरीय क्षेत्र काफी छोटा था। शहर की आबादी काफी कम थी। आजादी के बाद शहरी क्षेत्र में जलनिकासी के लिए कच्चा नाला हुआ करता था। जिससे सरकारी कार्यालयों, मंडलकारा, सदर अस्पताल और शहर के लोगों के घरों के साथ-साथ बाजार के दुकानों का पानी निकलता था।
इस तरह 1970 से 80 के दशक तक कई क्षेत्रों में कच्चा नाला था। कुछ गिने-चुने जगहों पर ही पक्के नालों का निर्माण हुआ था। वर्ष 1980 के बाद से शहर का विकास शुरू हुआ। आबादी भी तेजी से बढ़ी। शहरी क्षेत्र में ईंट के सीमेंट के कई नाले बनाए गए। आजादी के बाद कई दशकों बाद नगर परिषद ने जल निकासी के लिए समय-समय पर नाला निर्माण की योजना तैयार की। 1980 के बाद से नाला निर्माण की 300 से अधिक योजनाएं बनाई गईं। नाला का निर्माण भी कराया गया। हाल के वर्षों में भी नाला का निर्माण कराया गया। सवीरेज निर्माण का काम बुडको की ओर से जारी है। मालूम हो कि ढाई पूर्व भी एक बार सीवरेज निर्माण का काम शुरू तो हुआ था, लेकिन पूर्ण नहीं हो सका था। यह योजना अधूरी रह गई। जल निकासी की समस्या बनी रही। इस तरह सीवरेज निर्माण पर काफी खर्च हुआ, लेकिन उसका लाभ लोगों को नहीं मिल सका। दोबारा पिछले दो सालों से सीवरेज निर्माण का काम चल रहा है। अभी भी यह पूर्ण नहीं हो पाया है। आशंका है कि इस बरसात में भी शहरवासियों को जलजमाव की समस्या झेलनी पड़ेगी। दो दशकों में छोटे-बड़े 100 से अधिक नाले बने नगर परिषद ने शहर के कई मुख्य नालों सहित वार्डों के 100 से अधिक नालों के निर्माण की स्वीकृति प्रदान की। नालों का निर्माण भी कराया गया है। निर्माण कार्य पर रुपए व्यय तो हुए पर जलनिकासी के लिए ज्यादातर नाले कारगर नहीं हो सके। नाला तैयार हुआ तकनीकी कारणों के कारण नालों से पानी का बहाव नहीं हो पा रहा है। कई नालों का मुख्य नालों से कनेक्शन तक नहीं हुआ। जलनिकासी के लिए छोटे बड़े सभी नालों का कनेक्शन बहुत आवश्यक है। साथ ही नालों की नियमित सफाई और उड़ाही की व्यवस्था होगी, तभी नालों से जल निकासी हो सकेगी। प्लानिंग के तहत नाला का नहीं हुआ निर्माण नगर परिषद के सेवानिवृत्त कर्मचारियों, वरीय नागरिकों और अभियंताओं की माने तो नगर परिषद शहर से जल निकासी के लिए विशेष प्लानिंग के तहत नाला निर्माण की योजना तैयार नहीं की। बेशक नाला का निर्माण तो कराया। नाला से जलनिकासी नहीं हो पा रही है। नाला का लेवल ठीक नहीं है। एक नाले से दूसरे नालों का कनेक्शन नहीं है। नतीजन शहर का पानी नहीं निकल पा रहा है। जलजमाव का मुख्य कारण नालों का सही नहीं होना बताया गया है। बयान नगर परिषद से हाल के वर्षों में कई नालों का निर्माण कराया गया है। शहरी क्षेत्र में 44 मुख्य और बड़े नाले हैं। पूरे वार्ड में लगभग 500 से अधिक छोटे-छोटे नाले हैं। शहर से जल निकासी के लिए नाला निर्माण की महत्वकांक्षी योजना तैयार की गई। नगर परिषद और बुडको के द्वारा शहरी क्षेत्र में नालों का शीघ्र निर्माण कराया जाएगा। - सुशील कुमार, कार्यपालक पदाधिकारी,नगर परिषद हाजीपुर हाजीपुर-06- नगर के गुदरी बाजार के पास जर्जर नाला कूड़ा-कचरा से भरा पड़ा है, कई दिनों से जलनिकासी हो रही बाधित।
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