वित्त आयोग के पैसे का हिसाब देने में हांफ रही ग्राम पंचायतें
Meerut News - राज्य वित्त आयोग और 15वें वित्त आयोग से मिले पैसों का सही हिसाब देने में ग्राम पंचायतों के प्रधान मुश्किल में हैं। कई ग्राम प्रधानों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है और जांच चल रही है। 31 मार्च तक...

राज्य वित्त आयोग और 15वें वित्त आयोग से मिले पैसों का हिसाब देने में ग्राम पंचायतों के प्रधान हांफते नजर आ रहे हैं। अभी हाल में दो ग्राम प्रधानों को मेरठ की डीपीआरओ रेणु श्रीवास्तव ने कारण बताओ नोटिस जारी किया था। अब करीब एक दर्जन ऐसी पंचायतों की जांच हो रही है। अब जिन-जिन पंचायतों में पैसा खर्च नहीं होगा तो एडीओ (पंचायत) की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई होगी। पंचायती राज विभाग के अधिकारियों के अनुसार राज्य वित्त आयोग और 15वें वित्त आयोग का पैसा विभिन्न विकास कार्यो पर 31 मार्च तक खर्च किया जाना था, लेकिन कई ग्राम प्रधानों ने चुनावी साल को देखते हुए पैसा खर्च नहीं किया।
अब जब आय-व्यय का वार्षिक रिपोर्ट मांगा जा रहा है तो पता चल रहा है कि की पंचायतों में पैसे खर्च नहीं हुए। इस संबंध में सभी ब्लाक के एडीओ पंचायत से रिपोर्ट मांगी गई है। जानकारी मिली है कि एक दर्जन से अधिक ग्राम पंचायतों में इस तरह का हाल है। अब जैसे-जैसे ब्लाक से रिपोर्ट आएगी तो संबंधित ग्राम प्रधानों को कारण बताओ नोटिस जारी कर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। मेरठ में है 479 ग्राम पंचायतें मेरठ जिले में 479 ग्राम पंचायतें हैं, जिन्हें राज्य वित्त आयोग और 15वें वित्त आयोग से लाखों रुपये आवंटित हुए। पैसे खर्च नहीं हो सके। अब इन सभी पंचायतों का रिकार्ड तैयार हो रहा है। 31 मार्च तक खर्च होना था पैसा राज्य वित्त आयोग और 15वें वित्त आयोग से जो पैसा पंचायतों को मिला था तो उसे 31 मार्च 2025 तक खर्च करना था, लेकिन कई पंचायतों में पैसा खर्च हुआ है तो उस पर अब कार्रवाई शुरू हुई है - मनीष कुमार, उप निदेशक, पंचायत
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