आईबी अफसर मनीष रंजन का परिवार सदमे में, भाई बेसुध; पहलगाम हमले में खोया सपूत
बिहार के रहने वाले मनीष रंजन अपने परिवार के साथ कश्मीर घूमने गए थे। पहलगाम आतंकी हमले में मनीष की मौत हो गई। इस घटना से पूरा परिवार सदमे में है।

जम्मू कश्मीर के पहलगाम में पर्यटक स्थल पर बुधवार को हुए आतंकी हमले में बिहार के रहने वाले इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) के अफसर मनीष रंजन की जान चली गई। मनीष के परिवार वाले इस घटना से सदमे में हैं। उनके दोनों भाई बेसुध हैं। उन्हें समझ नहीं आ रहा कि कैसे एक झटके में उन्होंने अपने परिवार का होनहार सदस्य खो दिया। रोहतास जिले के कहरगहर थाना क्षेत्र स्थित उनके पैतृक गांव अरुही में मातम छाया हुआ है।
औरंगाबाद में रहने वाले उनके करीबी रिश्तेदार डॉ. सुरेंद्र मिश्रा ने बताया कि मनीष रंजन हैदराबाद में आईबी के सेक्शन ऑफिसर के पद पर तैनात थे। वह अपनी पत्नी जया मिश्रा, 12 साल के बेटे और 8 साल की बेटी के साथ कश्मीर घूमने गए थे। जहां आतंकी हमले में मनीष की मौत हो गई।
मनीष के पिता मंगलेश कुमार मिश्रा पश्चिम बंगाल के झालदा में वरिष्ठ शिक्षक थे, जहां वे परिवार के साथ बस गए थे। उनके दादा स्वर्गीय पारस नाथ मिश्रा भी शिक्षक थे, जो सासाराम शहर के गौरक्षणी मोहल्ले में रहते थे। चाचा आलोक प्रियदर्शी ने बताया कि तीन भाइयों में सबसे बड़े मनीष बचपन से ही सभी के लाडले और बुद्धिमान थे। परिवार के सभी लोग उन्हें प्यार करते थे। प्रियदर्शी भी मनीष के साथ अपने परिवार को लेकर कश्मीर घूमने जाने वाले थे, लेकिन तबीयत खराब होने के कारण जा नहीं सके।
मनीष के छोटे भाई राहुल रंजन एफसीआई अधिकारी हैं और विनीत रंजन पश्चिम बंगाल में आबकारी विभाग में कार्यरत हैं। बड़े भाई की मौत की खबर सुनने के बाद दोनों बेसुध हैं। पत्नी जया और भाई विकास, मनीष के पार्थिव शरीर को झालदा ले गए। जब हिन्दुस्तान टाइम्स ने विकास से फोन पर संपर्क किया तो उन्होंने फूट-फूटकर रोते हुए कॉल काट दिया।
मनीष रंजन और जया मिश्रा की 2010 में झारखंड के रांची में शादी हुई थी। रांची में आईबी के साथ काम करने के बाद उनकी पोस्टिंग दो साल पहले हैदराबाद हो गई।
उनके करीबी रिश्तेदार औरंगाबाद में ब्लड बैंक के कर्मचारी आशुतोष कुमार ने बताया कि आतंकी हमले के दौरान गोलियों की आवाज सुनते ही मनीष ने अपनी पत्नी और बच्चों को विपरीत दिशा में भागने को कहा। इस तरह उन्होंने अपनी पत्नी और बच्चों को आतंकियों की गोली बारी से बचा लिया, लेकिन खुद मारे गए।
आशुतोष ने कहा, ''पिछले हफ्ते मनीष ने मुझे फोन कर परिवार के साथ हैदराबाद आने का निमंत्रण दिया था। उन्होंने कहा था कि हैदराबाद घूमने के लिए अच्छी जगह है। वह हमारी आखिरी बातचीत थी।"
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर दुख जताया है। उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए कहा कि पूरा देश आतंकवाद के खिलाफ एकजुट है। इस हमले में मारे गए पर्यटकों के परिजन के प्रति उनकी गहरी संवेदना है।