सदर अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ तीन चिकित्सक एक साथ ड्यूटी से गायब
सिविल सर्जन ने तीनों चिकित्सकों का वेतन बंद कर पूछा स्पष्टीकरण, चिकित्सकों के रवैया से सदर अस्पताल के प्रभारी अधीक्षक और सिविल सर्जन चिंतित हैं।

सिविल सर्जन ने तीनों चिकित्सकों का वेतन बंद कर पूछा स्पष्टीकरण जहानाबाद, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि सदर अस्पताल में डाक्टरों की मनमानी कम होने का नाम नहीं ले रहा है। चिकित्सकों के रवैया से सदर अस्पताल के प्रभारी अधीक्षक और सिविल सर्जन चिंतित हैं। ताजा मामला सदर अस्पताल में पदस्थापित तीन शिशु रोग विशेषज्ञ चिकित्सक एक साथ ड्यूटी से गायब हैं। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सिविल सर्जन डा. देवेन्द्र प्रसाद ने सदर अस्पताल में पदस्थापित तीन शिशु रोग विशेषज्ञों डा. विवेकनंदन, डा.मदनजीत कुमार व डा. जयकिशोर प्रसाद के एक साथ ड्यूटी से गायब होने पर उनका वेतन बंद करते हुए स्पष्टीकरण पूछा है। दरअसल एक साथ सबसे बड़े अस्पताल में पदस्थापित तीनों डाक्टर ड्यूटी से गायब होने का मामले को गंभीर माना जा रहा है। इसका खामियाजा यहां इलाज कराने आने वाले मासूम बच्चों को सबसे अधिक भुगतना पड़ा है। कई गरीब परिवारों को उनकी अनुपस्थिति में इलाज नहीं मिला, जिससे बच्चों के साथ उनके माता-पिता भी मजबूरी में कराहते दिखे। कई लोग तो संबंधित डाक्टरों के ऐसे रवैये को गरीब बच्चों की सेहत व जान से खिलवाड़ बता रहे हैं। अस्पताल के प्रभारी अधीक्षक डा. प्रमोद कुमार सिंह हमेशा से ही लापरवाह डाक्टरों व कर्मियों की मनमानी की खिलाफत करते रहे हैं। यही बात कई डाक्टरों को नागवार गुजरती है। प्रभारी अधीक्षक ने ड्यूटी से एक साथ तीन शिशु रोग विशेषज्ञों के गायब रहने की सूचना पत्र के माध्यम से सिविल सर्जन डा. देवेन्द्र प्रसाद को देते हुए जरूरी कार्रवाई की अनुशंसा की थी। इधर तीनों संबंधित डाक्टरों ने सीधे अवकाश का आवेदन सिविल सर्जन को भेजा था जबकि नियमानुसार उन्हें उचित माध्यम यानि सदर अस्पताल के अधीक्षक के माध्यम से अवकाश का आवेदन देना होता है। अधीक्षक के पत्र मिलते ही सिविल सर्जन ने तीनों डाक्टरों का वेतन बंद करते हुए उनसे सख्त लहजे में स्पष्टीकरण किया है। -सीएस ने अवकाश के आवेदन को रद्द करते हुए काम पर लौटने का दिया आदेश सिविल सर्जन ने अपने पत्र में आरोपित डाक्टरों से कहा है कि आप सभी का अवकाश आवेदन प्राप्त हुआ है। अवकाश आवेदन उचित माध्यम यानि कार्यकारी अधीक्षक सदर अस्पताल के अग्रसारण के द्वारा प्राप्त नहीं कराया गया है। यह नियमानुकूल एवं उचित नहीं है। सीएस ने कहा है कि जैसा कि आप सभी ने एक हीं साथ आवेदन दिया है, इससे प्रतीत होता है कि आप सभी के द्वारा जान बुझकर अस्पताल प्रशासन को षडयंत्र के अंतर्गत गुमराह किया गया है, जिसके कारण जनहित में मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। फलस्वरू आप सभी के अवकाश आवेदन को अस्वीकृत करते हुए उक्त अवधि को अनुपस्थित माना जाता है। सीएस ने संबंधित डाक्टरों को अविलंब अपने कार्य पर लौटना सुनिश्चित करने को कहा है। साथ ही अनुपस्थित अवधि से लेकर अगले आदेश तक आरोपी डाक्टरों का वेतन अवरूद्ध कर दिया गया है।
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