आतंकवाद के खिलाफ नीतियों को और कठोर बनाने की आवश्यकता
अरवल, निज संवाददाता। भारतीय सेना, सुरक्षा एजेंसियां और सरकार ने यह साबित कर दिया है कि हम न केवल हमलों का जवाब दे सकते हैं, बल्कि आवश्यकता पड़ने पर शत्रु के जड़ों तक प्रहार करने में सक्षम हैं।

अरवल, निज संवाददाता। जदयू के जिला प्रवक्ता चांद मलिक ने बयान जारी कहा कि भारत जैसे देश पर आतंकवाद एक सुनियोजित हमला है। यह हमारी एकता, संस्कृति और संप्रभुता को चुनौती देने वाला षड्यंत्र है। लेकिन भारत आतंकवाद के विरुद्ध किसी प्रकार की नरमी नहीं बरतेगा। भारतीय सेना, सुरक्षा एजेंसियां और सरकार ने यह साबित कर दिया है कि हम न केवल हमलों का जवाब दे सकते हैं, बल्कि आवश्यकता पड़ने पर शत्रु के जड़ों तक प्रहार करने में सक्षम हैं। ऑपरेशन सिंदूर सैन्य पराक्रम का प्रत्यक्ष प्रमाण है। उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम का निर्णय भारत की परिपक्वता, संयम और रणनीतिक आत्मविश्वास का परिचायक है।
लेकिन भारत ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि अगर उस युद्धविराम की आड़ में आतंकवाद को पोषित किया गया, तो परिणाम बेहद कठोर होंगे। भारत शांति चाहता है, परंतु आतंक के साथ कोई संवाद नहीं होगा। जनता दल (यू) जिला इकाई की ओर से केन्द्र सरकार से मांग करता हूं कि आतंकवाद के खिलाफ नीतियों को और अधिक कठोर बनाए, और आतंक को किसी भी प्रकार की वैचारिक, आर्थिक या राजनीतिक शरण देने वालों के विरुद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सख्त कार्रवाई की जाए।
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