Farmers Demand Compensation for Crop Losses Due to Unpredictable Weather असमय वर्षा से सब्जी उत्पादक किसान परेशान, Jamui Hindi News - Hindustan
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असमय वर्षा से सब्जी उत्पादक किसान परेशान

असमय वर्षा से सब्जी उत्पादक किसान परेशान असमय वर्षा से सब्जी उत्पादक किसान परेशान असमय वर्षा से सब्जी उत्पादक किसान परेशान

Newswrap हिन्दुस्तान, जमुईMon, 2 June 2025 05:16 AM
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असमय वर्षा से सब्जी उत्पादक किसान परेशान

झाझा, नगर संवाददाता पुरानी कहावत है कि रोहन तपता है तो खेत खरीफ फसलों के लिए तैयार होती है।खरीफ सीजन में धान की अच्छी फसल होने की संभावना होती है। यह भी कहा जाता है कि नौतपा में जहरीले सरीसृप कीट पतंग का जहर कम होता है। इससे भी मानव जीवन पर असर पड़ता है। और यदि इस पर्यावरणीय चक्त्र में असंतुलन हो जाता है तो इसका असर पड़ना स्वाभाविक है, कहते मिले ऐसे अनेकों बुजुर्ग किसान।असमय वर्षा ने सब्जी उत्पादक किसानों को परेशान कर रख दिया है। लतदार सब्जियों की लताएं गल जाने से फसल को हुए नुकसान को लेकर किसान चिंतित हैं।

नौतपा में भी कभी गरज के साथ वर्षा तो कभी गर्मी से धरती नहीं तप पा रही है जिससे किसान चिंतित हैं। मौसम के मिजाज में इन दिनों करवट लेने से सब्जी उत्पादक किसानों को हुए नुकसान की कृषि विभाग द्वारा स्थलीय जांच और नुकसान का आकलन कर प्राकृतिक आपदा के तहत उचित मुआवजा की मांग की जाने लगी है। इन दिनों सूर्य देव आंख मिचौली करते हुए दर्शन दे जाते हैं तो फिर लुप्त भी हो जाते हैं। कभी धूप के दर्शन लोगों को होते हैं तो फिर कभी धूप कभी छाया जैसी स्थिति बनी रहती है। धूप होने पर गर्मी जैसी स्थिति और छांव में थोड़ी राहत की स्थिति बनी रहती है। जिले में सब्जी ग्राम के रूप में चिन्हित एवं झाझा समेत आसपास के प्रखंडों एवं झाझा के ग्रामीण क्षेत्रों में सब्जी उत्पादन के क्षेत्र में क्त्रांति का बिगुल फूकने वाले और लगभग 500 सब्जी उत्पादक किसानों के झाझा के गांवों यथा सैर फतेहपुर बेनीबांक के अलावे महापुर नारगंजो समेत विभिन्न गांवों के किसानों की फसल को काफी नुकसान हुआ है। गेहूं की फसल की बर्बादी के बाद सब्जी उत्पादन भी प्रभावित हुआ है। सैर के ग्रेजुएट किसान मृत्युंजय मंडल, क्षेत्र में किसानों को नए-नए प्रकार की सब्जियों के उत्पादन के क्षेत्र में जागृत करने वाले बुजुर्ग किंतु कर्मठशील किसान रामचंद्र मंडल, अजय मंडल अनिल मंडल अवध मंडल ब्रह्मदेव मंडल गाजो मंडल नरेश मंडल प्रदीप मंडल प्रमोद मंडल समेत कई किसानों ने कहा कि इस बार हम लोगों को जो नुकसान हुआ है उसकी भरपाई हम लोग नहीं कर पाएंगे। हम लोगों ने अपनी सारी जमा पूंजी के अलावे बाजार से ऊंचे दरों पर ऋण लेकर खेती में लगाया था यह सोच कर कि उत्पादन अच्छा होने के बाद कृषि उत्पादन की बिक्री कर हम लोग ऋण की भी वापसी करेंगे और खुद भी अपने लिए जीवन यापन के लिए रखेंगे परंतु प्रकृति को शायद यह मंजूर नहीं था। थोड़े-थोड़े दिनों के अंतराल पर बीते दिनों हुई वर्षा ने गेहूं की फसल को खेतों में ही सड़ा दिया। इसके साथ-साथ सब्जी उत्पादन में जो हम लोगों ने खीरा ककड़ी कद्दू/लौकी झिंगा नेनुआ टमाटर मिर्ची में अपनी पूंजी लगाई उसमें खाद पानी मजदूरी एवं अपना समय दिया। सब के सब बेकार हो गए। सारी लताएं पानी में सड़ गईं। अब हम लोग कहीं के नहीं बचे। हम लोगों के समक्ष क्या करें क्या नहीं करें वाली स्थिति उत्पन्न हो गई है। सरकार, क्षेत्रीय जन-प्रतिनिधि, जिला प्रशासन तथा कृषि विभाग से हम लोग मांग करते हैं कि हम लोगों को हुए नुकसान की धरातल पर जाकर कृषि विभाग द्वारा स्थलीय जांच कराया जाए और नुकसान का आकलन कराया जाए ताकि हम लोगों को अगले साल या अगले सीजन में पुन: कृषि कार्य करने में प्रोत्साहन में कमी नहीं आ सके। साथ ही हम लोगों को उचित मुआवजा प्राकृतिक आपदा के तहत प्रदान किया जाए। यदि ऐसा नहीं होता है तो हम लोग सोचेंगे कि सरकार और किसानों के लिए सरकार की बड़ी-बड़ी घोषणाएं सिर्फ कागजी घोड़ा हैं और कुछ नहीं। साथ ही इसका ध्यान हम लोग आगामी चुनाव में अवश्य रखेंगे।

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