वन स्थित गांव का मुख्य सड़क से नहीं है संपर्क ,आवागमन में होती है परेशानी
लक्ष्मीपुर प्रखंड के कई गांव आज भी मुख्य सड़क से नहीं जुड़े हैं। चौकिया और ठाड़ी गांव की जनसंख्या 500 से अधिक है, लेकिन इनकी सड़कें कच्ची हैं। बारिश में यात्रा कठिन हो जाती है। वन विभाग ने सड़क बनाने की...

लक्ष्मीपुर। निज संवाददाता आजादी के सात दशक बीत गए लेकिन लक्ष्मीपुर प्रखंड के वन क्षेत्र स्थित कई गांव हैं जिसे आज भी किसी मुख्य सड़क से नहीं जोड़ा गया है। वैसे गांव में ग्राम पंचायत राज नजारी का चौकिया और ग्राम पंचायत राज पिडरोन का ठाड़ी गांव का नाम सुमार है। दोनों गांव की आबादी पांच सौ से अधिक है। गांव चौंकिया में पंचायत स्तर से कच्ची और फाइबर ब्लाक की सड़क बनाया गया है। गांव ठाड़ी में पंचायत और ग्रामीण विभाग द्वारा पक्की सड़क बनाया गया है। लेकिन दोनों गांव को नजदीक के किसी मुख्य सड़क से पक्की सड़क नहीं जोड़ा गया।
जिससे ग्रामीणों को प्रखंड कार्यालय, अस्पताल या फिर लक्ष्मीपुर बाजार में आने के लिए भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। विशेषकर बरसात के दिनों में जब वैसे कच्ची सड़क का दिशा और दशा जब बदल जाती है तो ग्रामीणों का आवागवन जोखिम भरा होता है। प्रखंड मुख्यालय से दोनों ही गांव की दूरी दस से पंद्रह किलोमीटर दूर पड़ता है। वैसे वन विभाग द्वारा दोनों गांव को समीप के मुख्य सड़क से जोड़ने के लिए मिट्टी मोरम और मेटल बिछाकर सड़क बनाया जाता है। जो एक भारी वर्षा में अपने पूर्व की स्थिति में आ जाता है। वन विभाग के द्वारा बनाए गए सड़कों पर भी लाखों रुपए खर्च किए जाते है। जिसका स्थायी लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल पाता है। जबकि ये गांव पूर्व में नक्सल प्रभावित गांव के रूप में चर्चित रहा है। बावजूद इसके वन विभाग के पेंचीदा कानून होने के कारण वैसे सड़कों का पक्कीकरण नहीं किया जा सकता है। संपर्क करने पर फॉरेस्टर सुमित कुमार ने बताया कि क्षेत्र को सेंचुरी वन होने के कारण विभाग पक्की सड़क का निर्माण नहीं कर सकता है। सरकार द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र का निर्गत होना आवश्यक होता है।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।