4 types of people worship god hidden secret in bhagvad gita shlok shri krishna arjun samvad ये 4 लोग ही करते हैं भगवान की भक्ति, गीता के इस श्लोक में छिपा है रहस्य
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ये 4 लोग ही करते हैं भगवान की भक्ति, गीता के इस श्लोक में छिपा है रहस्य

गीता के एक श्लोक में वर्णन हैं कि आखिर वो कौन से चार लोग हैं जो पूरी तरह से भगवान की भक्ति में लीन हो जाते हैं। चलिए जानते हैं आखिर गीता में क्या लिखा हुआ है?

Garima Singh लाइव हिन्दुस्तान, Garima SinghMon, 16 June 2025 01:34 PM
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ये 4 लोग ही करते हैं भगवान की भक्ति, गीता के इस श्लोक में छिपा है रहस्य

हिंदू धर्म में कई महानग्रंथ हैं। इनमें से एक श्रीमद् भागवत गीता है। बता दें कि ये महाभारत का ही एक हिस्सा है जिसमें भगवान श्रीकृष्ण और अर्जुन के बीच हुए सवांद का वर्णन है। गीता में जीवन का कई सार छिपा हुआ है। वहीं इसमें तमाम ऐसी बातें लिखी हैं कि जिससे इंसान समझ पाता है कि भगवान तक पहुंचने का सही रास्ता क्या है? गीता में भगवान के साथ-साथ भक्ति और भक्त तीनों के बारे में लिखा हुआ है।

ये 4 लोग करते हैं भगवान की भक्ति:

गीता में श्रीकृष्ण ने बातों बातों में ही अर्जुन को बताया है कि वो कौन से चार लोग हैं जो भगवान की भक्ति करते ही करते हैं। भगवान की भक्ति तो वैसे कोई भी कर सकता है लेकिन गीता में चार तरह के भक्तों का उल्लेख है। गीता में तकरीबन 700 के आसपास श्लोक हैं। इन्हीं में से एक श्लोक कुछ इस तरह से है...

''चतुर्विधा भजन्ते मां जनाः सुकृतिनोऽर्जुन।

आर्तो जिज्ञासुरर्थार्थी ज्ञानी च भरतर्षभ॥"

श्लोक का मतलब: इस श्लोक के जरिए श्रीकृष्ण ने अर्जुन से कहा है कि चार तरह के लोग उनकी भक्ति में हमेशा लगे रहते हैं। उन्होंने बताया कि दुखी, जिज्ञासु, संपत्ति चाहने वाला और ज्ञानी उनकी भक्ति की ओर आकर्षित होते हैं। श्रीकृष्ण ने इन लोगों के भक्ति के पीछे की वजह का भी वर्णन किया है। चलिए इसे विस्तार से जानते हैं।

आर्त (दुखी लोग): ये वो लोग हैं जो दुख की घड़ी में या किसी पीड़ा के दौरान भगवान को याद करते हैं और उनकी शरण में आते हैं। ऐसे लोगों के पास कोई रास्ता नहीं बचता है कि वह सभी दुख खुद से दूर कर पाए। रोग, संकट या किसी दूसरी समस्या से परेशान हुए लोग भगवान की शरण में आकर उनसे मुक्ति मांगते हैं।

जिज्ञासु (सब कुछ जानने की इच्छा रखने वाले लोग): इस श्रेणी में वो लोग आते हैं जो भगवान और इस संसार से जुड़े हर एक रहस्य को समझने के लिए भक्ति करता है। ऐसे लोग आध्यात्म की राह पकड़कर भी भगवान और यूनिवर्स की असलियत की खोज में निकल पड़ते हैं।

अर्थार्थी (जिसे संपत्ति चाहिए): इस श्रेणी में भौतिक सुख चाहने वाले लोग आते हैं। जिन्हें सुख, समृद्धि और प्रसिद्धि चाहिए। इस श्रेणी में वो लोग भी आते हैं जो अपने घरवालों की भलाई चाहते हैं।

ज्ञानी (परम ज्ञान पाने वाले लोग): गीता में इस प्रकार के भक्तों के बारे में लिखा हुआ है कि ऐसे लोग ईश्वर को पा चुके हैं। गीता में श्रीकृष्ण ने ऐसे लोगों को सर्वश्रेष्ठ बताया है क्योंकि ये लोग बिना किसी मांग या स्वार्थ के उनकी भक्ति करते हैं।