India conducting feasibility study for constructing 113 km long canal for Indus water 113 किमी लंबी नहर बनाने का प्लान, सिंधु नदी का पानी होगा डायवर्ट; बूंद-बूंद को तरसेगा पाकिस्तान, India News in Hindi - Hindustan
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113 किमी लंबी नहर बनाने का प्लान, सिंधु नदी का पानी होगा डायवर्ट; बूंद-बूंद को तरसेगा पाकिस्तान

सिंधु जल समझौता 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच विश्व बैंक की मध्यस्थता में हुआ। यह सिंधु नदी प्रणाली की छह नदियों (सिंधु, झेलम, चिनाब, रावी, सतलज और ब्यास) के जल बंटवारे को नियंत्रित करता है।

Niteesh Kumar लाइव हिन्दुस्तानMon, 16 June 2025 09:12 PM
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113 किमी लंबी नहर बनाने का प्लान, सिंधु नदी का पानी होगा डायवर्ट; बूंद-बूंद को तरसेगा पाकिस्तान

भारत 113 किलोमीटर लंबी नहर के निर्माण की संभावना पर गौर कर रहा है, जिससे पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में शेष जल को डायवर्ट किया जा सके। यह कदम सिंधु जल संधि के तहत भारत के हिस्से के जल का बेहतर इस्तेमाल के लिए उठाया गया है। साल 1960 में यह संधि हुई, जिसमें भारत और पाकिस्तान के बीच 6 नदियों (सिंधु, झेलम, चिनाब, रावी, ब्यास और सतलुज) के पानी के बंटवारे का प्रावधान है। भारत अब पश्चिमी नदियों (झेलम, चिनाब और सिंधु) के अतिरिक्त जल को नहरों के जरिए उपयोगी क्षेत्रों में ले जाना चाहता है, जो फिलहाल पाकिस्तान की ओर बहती हैं।

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सूत्रों के अनुसार, यह प्रोजेक्ट अभी शुरुआती चरण में है। इसकी संभावना को लेकर रिपोर्ट तैयार की जा रही है। इस परियोजना के तहत चिनाब को रावी-ब्यास-सतलुज से जोड़ने वाली नई नहर बनाई जाएगी, जिसके अगले तीन वर्षों में पूरा होने की उम्मीद है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को मध्य प्रदेश में भाजपा प्रशिक्षण सत्र के दौरान अहम बयान दिया था। उन्होंने कहा कि अगले तीन वर्षों में सिंधु का जल राजस्थान के गंगानगर तक नहरों के जरिए पहुंचाया जाएगा, जिससे पाकिस्तान पानी की हर बूंद के लिए तरसेगा।

यमुना से जल को गंगासागर तक पहुंचाने का प्लान

रिपोर्ट के मुताबिक, प्रस्तावित नहर को यमुना से जोड़ने का भी प्लान है। इससे नहर की लंबाई 200 किलोमीटर हो सकती है। इसके बाद, यमुना के जरिए जल को गंगासागर तक पहुंचाया जा सकता है। इससे दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान जैसे राज्यों को काफी लाभ होगा। 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला हुआ था। इसके बाद भारत ने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए कहा कि जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को विश्वसनीय रूप से समाप्त नहीं करता, तब तक सिंधु जल संधि को निलंबित रखा जाएगा। भारत ने इस हमले के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया, जिसे इस्लामाबाद खारिज करता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कह चुके हैं कि पानी और खून एक साथ नहीं बह सकता। आतंकवाद और बातचीत एक साथ संभव नहीं है।

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