Women Demand Development in Simultala Bihar Training and Train Stop Requests महिला संवाद : सिमुलतला स्टेशन पर हो एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव, Jamui Hindi News - Hindustan
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महिला संवाद : सिमुलतला स्टेशन पर हो एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव

महिला संवाद : सिमुलतला स्टेशन पर हो एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव महिला संवाद : सिमुलतला स्टेशन पर हो एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव महिला संवाद : सिमुलतला

Newswrap हिन्दुस्तान, जमुईMon, 9 June 2025 04:29 AM
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महिला संवाद : सिमुलतला स्टेशन पर हो एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव

जमुई। कार्यालय संवाददाता एक समय बिहार का शिमला कहलाया जाने वाला सिमुलतला आज विकास की राह देख रहा है| झाझा प्रखंड के खुरंडा पंचायत अंतर्गत सुहाना ग्राम संगठन द्वारा आयोजित महिला संवाद कार्यक्रम में महिलाओं ने सामूहिक रूप से इस क्षेत्र के विकास की मांग को उठाया है| साथ ही यहाँ की महिलाओं ने सामूहिक रूप से सिमुलतला रेलवे स्टेशन पर सभी एक्सप्रेस ट्रेनों के ठहराव की मांग को लेकर आवाज बुलंद की| इस संदर्व में महिलाओं का कहना है कि एक्सप्रेस ट्रेन का ठहराव नहीं होने से आम नागरिक को काफी परेशानियाँ झेलनी पड़ती है| कहीं बाहर जाने के लिए झाझा, जमुई जाकर ट्रेन पकड़ना पड़ता है, जो परेशानी के साथ-साथ आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ता है| ग्रामीण विकास विभाग के द्वारा विगत 52 दिनों से चल रहे महिला संवाद कार्यक्रम में कई ऐसी समस्याएं-सुझाव महिलाओं की ओर से आकांक्षा के रूप में सामने आ रही है| झाझा प्रखंड के संगम ग्राम संगठन द्वारा आयोजित संवाद कार्यक्रम में पैगाह पंचायत के सरैया गांव के वार्ड 3 की महिलाओं ने सामूहिक रूप से बताया गया कि इंटर पास सभी लड़कियों को लैपटॉप/टैब सरकार के द्वारा उपलब्ध कराया जाय| पैगाह पंचायत के सरैया गांव के वार्ड 9 की ग्रामीण महिलों ने श्रमिकों के पलायन रोकने हेतु जिले में फैक्ट्री लगाने की मांग की है l सरैया गाँव में महिलाओं ने पालना घर की मांग की, जिससे कामकाजी महिलाएं अपने बच्चों को छोड़कर आसानी से काम पर जा सके| जमुई जिले में आयोजित महिला संवाद कार्यक्रमों में महिलाओं की भागीदारी लगातार सशक्त होती जा रही है।

यह कार्यक्रम न केवल महिलाओं, बल्कि किशोरियों और पुरुषों को भी सामाजिक विकास की मुख्यधारा से जोड़ रहा है। जमुई जिले में जीविका द्वारा संपोषित 1133 ग्राम संगठनों के सहयोग से संचालित कार्यक्रम में अभी तक जीविका की 2 लाख 8 हजार 705, अन्य ग्रामीण महिलाओं की संख्या 19 हजार 283 एवं 17 हजार 458 पुरुषों की भी सहभागिता देखी गई| जिले में प्रतिदिन 22 स्थलों पर सुबह-शाम दो पालियों में कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है| कार्यक्रम में रोजाना पांच हजार के करीब महिलाएं शामिल हो रही हैं, जिन्हें एलईडी के माध्यम से सरकार की विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी जा रही है| जिले में विभिन्न स्थानों पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान महिलाएं आज की आधुनिक जरूरतों को ध्यान में रखते हुए तकनीकी प्रशिक्षण की मुफ़्त सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग भी कर रही हैं| उन्होंने विशेष रूप से ब्यूटीशियन कार्य, सिलाई-कढ़ाई, कंप्यूटर प्रशिक्षण कौशल प्रशिक्षण, पंचायत स्तर पर डिजिटल पुस्तकालय की आवश्यकता जताई, जिससे वे आजीविका से जुड़कर आत्मनिर्भर बन सकें। महिलाओं का मानना है कि यदि ऐसे प्रशिक्षण स्थानीय स्तर पर उपलब्ध कराए जाएं, तो ग्रामीण क्षेत्रों की हजारों महिलाएं स्वरोजगार की दिशा में कदम बढ़ा सकेंगी। कार्यक्रम के दौरान महिलाओं ने सरकार की विभिन्न योजनाओं की जानकारी ली और शिक्षा, स्वास्थ्य, जलजमाव, वृद्धावस्था पेंशन, सोलर लाइट, सामुदायिक भवन, रोजगार और सिंचाई जैसे जमीनी मुद्दों पर खुलकर चर्चा की। साथ ही बढ़ते पलायन को रोकने के लिए जिले में ही लघु एवं कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देने का भी सुझाव दे रही हैं| कार्यक्रम में जीविका व अन्य योजनाओं से लाभान्वित महिलाओं ने यह भी साझा किया कि बिहार सरकार की महिला सशक्तिकरण योजनाओं ने उनके जीवन में बदलाव का काम किया है| जीविका से जुड़ने के बाद कई महिलाओं ने छोटे-छोटे व्यवसाय शुरू किए, जिससे न केवल उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ, बल्कि उन्हें समाज में नई पहचान और सम्मान भी मिला।

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