Digital Transformation of PACS in Katihar Empowers Farmers with Easy Access to Government Services अब गांवों में ही मिलेंगी डिजिटल सेवाएं, Katihar Hindi News - Hindustan
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अब गांवों में ही मिलेंगी डिजिटल सेवाएं

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Newswrap हिन्दुस्तान, कटिहारSun, 8 June 2025 11:21 PM
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अब गांवों में ही मिलेंगी डिजिटल सेवाएं

कटिहार। अब कटिहार जिले के किसान और ग्रामीण अपने जमीन के कागज हों या सरकारी योजनाओं के आवेदन-हर जरूरी काम के लिए शहर नहीं जाएंगे। सरकार की अभिनव पहल के तहत जिले के प्राथमिक कृषि साख समितियों (पैक्स) को डिजिटल प्लेटफॉर्म से जोड़कर उन्हें कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) में बदला जा रहा है। यह कदम ग्रामीण भारत की आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ा परिवर्तन साबित हो रहा है। पहले चरण में जिले के 115 पैक्सों को कंप्यूटरीकृत किया गया है, जिनमें से 90 पैक्सों में कॉमन सर्विस सेंटर शुरू हो चुके हैं। ये केंद्र अब ग्रामीणों के लिए डिजिटल सेवाओं का मजबूत आधार बन चुके हैं, जहां 300 से अधिक प्रकार की सेवाएं एक ही छत के नीचे उपलब्ध हैं।

यहां किसानों को खाद बीज के आवेदन से लेकर अन्य प्रकार के लिए जाएंगे आवेदन यहां किसानों को खाद-बीज के आवेदन, जमीन की रसीद कटवाना, दाखिल-खारिज की जानकारी लेना, राशन कार्ड, जाति, आवासीय, आय प्रमाण पत्र, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाना, आयुष्मान कार्ड, सरकारी अस्पताल के लिए ऑनलाइन पंजीकरण, और सरकारी नौकरियों या परीक्षाओं के लिए आवेदन जैसी सुविधाएं आसानी से मिल रही हैं। सिर्फ यही नहीं, पैक्सों में बैंक मित्र, जन औषधि केंद्र, भंडारण सेवा जैसी सहायक व्यवस्थाएं भी दी जा रही हैं, जिससे स्थानीय लोगों को रोजमर्रा की जरूरतों के लिए इधर-उधर भटकना नहीं पड़ता। सबसे खास बात यह है कि ये सारी सेवाएं मात्र 40 रुपये प्रति आवेदन शुल्क पर उपलब्ध हैं-यह गरीब और वंचित तबके के लिए डिजिटल युग में प्रवेश का सशक्त माध्यम बन रहा है। ग्रामीणों को सरकारी कार्यायलयों की लाइन में खड़े होने की नहीं होगी जरूरत अब ग्रामीणों को सरकारी कार्यालयों की लाइन में खड़े होने की ज़रूरत नहीं, पैक्स कार्यालय ही बन गया है मिनी सचिवालय। इससे न केवल पारदर्शिता बढ़ी है, बल्कि पैक्स की आमदनी और रोजगार के अवसर भी सृजित हुए हैं। दूसरा चरण भी जल्द शुरू होगा, जिसमें शेष 25 पैक्सों को डिजिटलाइज कर सीएससी से जोड़ा जाएगा। वर्जन पैक्सों का डिजिटलीकरण सरकार की ग्रामीण सशक्तिकरण नीति का हिस्सा है। हमने 115 पैक्सों को कंप्यूटर और इंटरनेट से लैस कर उन्हें कॉमन सर्विस सेंटर में बदला है। यहां ग्रामीणों को 300 से अधिक सेवाएं मिल रही हैं। इससे पैक्स की कार्यक्षमता बढ़ी है, पारदर्शिता आई है और स्थानीय स्तर पर रोजगार के रास्ते खुले हैं। हमारा लक्ष्य है कि शेष पैक्स भी जल्द ही इस सुविधा से जुड़ें और गांवों की तस्वीर बदले।

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