Tourism Site in Kursela Historical Ganga-Kosi Confluence Faces Neglect कुरसेला में बदहाली की भेंट चढ़ा ऐतिहासिक पर्यटन स्थल, Katihar Hindi News - Hindustan
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कुरसेला में बदहाली की भेंट चढ़ा ऐतिहासिक पर्यटन स्थल

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Newswrap हिन्दुस्तान, कटिहारSun, 8 June 2025 11:47 PM
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कुरसेला में बदहाली की भेंट चढ़ा ऐतिहासिक पर्यटन स्थल

कुरसेला, निज प्रतिनिधि कुरसेला प्रखंड के शाहपुर धर्मी पंचायत स्थित गंगा-कोसी संगम तट, जिसे त्रिमोहिनी संगम भी कहा जाता है, एक ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थल है। यह वही पवित्र स्थल है, जहां महात्मा गांधी की अस्थियां विसर्जित की गई थीं। अफसोस की बात है कि करोड़ों की लागत से विकसित यह पर्यटन स्थल आज बदहाली और प्रशासनिक उपेक्षा का नमूना बन गया है। आज तक यहां पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को इसका लाभ नहीं मिल रहा है। 2018 में तत्कालीन विधायक नीरज यादव के प्रयास से संगम तट को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की योजना बनी थी।

इसमें शौचालय, विश्राम गृह, पार्क, सीमेंट की कुर्सियां, कैंटीन, चहारदीवारी और सुंदर प्रवेश द्वार जैसी सुविधाएं विकसित की गई थी। लेकिन इनका रखरखाव नहीं होने से आज अधिकांश संरचनाएं खंडहर जैसी हो चुकी हैं। खिड़कियों के शीशे टूटे हैं, टंकियां और रैम्प क्षतिग्रस्त हैं, और परिसर में जंगली झाड़ियां उग आई हैं। स्थानीय ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों का कहना है कि निर्माण कार्य पूरा हुए वर्षों हो चुके हैं, लेकिन आज तक इन सुविधाओं का औपचारिक लोकार्पण नहीं हुआ है। किसी भी अधिकारी या नेता ने यहां का हाल जानने की जहमत नहीं उठाई। चोरों ने कई सामानों की चोरी भी कर ली, लेकिन सुरक्षा या मरम्मत की कोई व्यवस्था नहीं की गई। बावजूद इसके, संगम तट का धार्मिक महत्व अब भी बरकरार है। माघी और कार्तिक सहित अन्य पूर्णिमा के अवसर पर हजारों श्रद्धालु यहां गंगा-कोसी संगम में आस्था की डुबकी लगाने पहुंचते हैं। संगम बाबा के द्वारा यहां मंदिर निर्माण और 'सुंदर नगरम' नामकरण से उम्मीदें जरूर जगी है, लेकिन सरकारी उपेक्षा के कारण पर्यटन की अपार संभावनाएं दम तोड़ती दिख रही हैं। पर्यटन स्थल को संवारने की मांग स्थानीय निवासी मोहित कुमार झा, बाबुल कुमार झा जाहुरी साहनी सुरेंद्र पासवान आदि ग्रामीण के अलावा गंगा सेवक संगम बाबा ने पर्यटन स्थल को संवारने की मांग की है। बताया कि इसके लिए कई बार अधिकारियों को पत्राचार किया गया। बावजूद इस ओर कोई ठोस पहल नहीं की जा रही है। पर्यटन स्थल का आज तक उद्घाटन नहीं हो सका। यह योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया। करोड़ों रुपए से बना यह धरोहर बेकार पड़ा है। अगर इसे सुसज्जित कर सवारने की दिशा में कार्य किया जाए तो यहां आने वाले पर्यटकों को काफी सुविधा मिलेगी।

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