CISCI: सीआईएससीई ने किया मार्कशीट और सर्टिफिकेट के फॉर्मेट में बड़ा बदलाव
काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन्स (सीआईएससीई) ने मार्कशीट और सर्टिफिकेट के फॉर्मेट में बड़ा बदलाव किया है।

काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन्स (सीआईएससीई) ने मार्कशीट और सर्टिफिकेट के फॉर्मेट में बड़ा बदलाव किया है। इस साल पहली बार इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट (12वीं) और इंडियन सर्टिफिकेट ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (10वीं) के मार्कशीट और सर्टिफिकेट एकसाथ एक कागज पर छपवाकर भेजे गए हैं। पिछले साल तक मार्कशीट और सर्टिफिकेट अलग-अलग दिए जाते थे।
अंकपत्र में संबंधित विषयों में मिले अंक और प्रतिशत जबकि सर्टिफिकेट में विषयों में मिले ग्रेड रहते थे। इस साल अंकपत्र में ही एक कॉलम बढ़ाते हुए विषयों में मिले अंक और प्रतिशत के साथ ग्रेड भी लिख दिया गया है। इससे छात्र-छात्राओं को सहूलियत होगी और उन्हें दो अलग-अलग अभिलेख संभालकर नहीं रखना होगा। यही नहीं 12वीं के छात्र-छात्राओं के माइग्रेशन सर्टिफिकेट भी पहली बार बोर्ड से ही छपकर आए हैं। पिछले वर्षों में बोर्ड की ओर से प्रारूप तो भेज दिया जाता था और उस स्कूल के स्तर से लिखकर छात्र-छात्राओं को वितरित किया जाता था। कई बार स्पेलिंग की त्रुटि होने के कारण विद्यार्थियों को परेशान होना पड़ता था। इस बार काउंसिल से ही माइग्रेशन सर्टिफिकेट छपकर आने से त्रुटि की आशंका भी खत्म हो गई है। हालांकि 10वीं के छात्र-छात्राओं का माइग्रेशन सर्टिफिकेट का प्रारूप ही भेजा गया है और जो विद्यार्थी अनुरोध करेंगे उन्हें स्कूल जारी करेगा। ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि 12वीं के सभी विद्यार्थी तो स्कूल छोड़ देते हैं लेकिन 10वीं में ऐसा नहीं होता।
यूपी बोर्ड ने डेढ़ दशक पहले किया था बदलाव
सीआईएससीई ने एकसाथ मार्कशीट कम सर्टिफिकेट की जो व्यवस्था अब लागू की है उसे यूपी बोर्ड ने डेढ़ दशक पहले ही लागू कर दिया था। पहले यूपी बोर्ड भी 10वीं-12वीं के अंकपत्र और प्रमाणपत्र अलग-अलग देता था लेकिन छात्रहित में बोर्ड ने पहले ही बदलाव कर दिया था।
इस साल आईएससी और आईसीएससी के अंकपत्र सह प्रमाणपत्र एकसाथ छपकर आए हैं। इससे विद्यार्थियों को सहूलियत होगी। 12वीं के माइग्रेशन सर्टिफिकेट भी काउंसिल से छपकर मिले हैं।
- अली बख्त, निदेशक, बिशप जॉर्ज स्कूल