Career Guidance: क्या 12वीं के बाद सब्जेक्ट बदल सकते हैं? करियर काउंसलर से जानिए अपने सभी सवालों के जवाब?
Career Counsellor: 12वीं के बाद अक्सर ऐसा देखा गया है कि छात्र अपनी 10+2 स्ट्रीम से संतुष्ट नहीं होते हैं और वे अपने भविष्य के लिए दूसरे सब्जेक्ट को पढ़ना चाहते हैं, ऐसे में उन्हें क्या करना चाहिए जानिए करियर काउंसलर से।

After 12th Career Guidance: 12वीं के बाद अक्सर ऐसा देखा गया है कि छात्र अपनी 10+2 स्ट्रीम से संतुष्ट नहीं होते हैं और वे अपने भविष्य के लिए दूसरे सब्जेक्ट को पढ़ना चाहते हैं, ऐसे में उन्हें क्या करना चाहिए जानिए करियर काउंसलर से। इसके अलावा यदि आप भी स्टेनो और टाइपिस्ट नौकरी से संबंधित जानकरी जानना चाहते हैं तो जानें करियर काउंसलर से।
सवाल (प्रिंस कुमार)- मैं एक विकलांग छात्र हूं। मैट्रिक में मैंने 74% अंक प्राप्त किए हैं। परिवार के दबाव में मुझे विज्ञान विषय लेने पड़ रहे हैं। मैं अपना विषय वर्ग बदलना चाहता हूं। यूपीएससी करना चाहता हूं। कृपया मार्गदर्शन करें।
जवाब (करियर कांउसलर आशीष आदर्श)- एक रिसर्च के अनुसार, लगभग 40% छात्र अपनी स्ट्रीम 10+2 के बाद बदल देते हैं, क्योंकि उनको यह समझ आ जाता है कि जिन विषयों को लेकर उन्होंने 10+2 किया था, वे विषय उनकी रुचि और क्षमता के अनुरूप नहीं थे। बहरहाल, आप अपना स्ट्रीम 10+2 के बाद बदल सकते हैं और उन विषयों को चुन सकते हैं, जिनमें आप गहरी रुचि रखते हैं। आप यूपीएससी की तैयारी करना चाहते हैं, तो इस परीक्षा के मुख्यतः तीन स्तर होते हैं- प्रिलिमिनरी, मेन्स और इंटरव्यू। प्रिलिमिनरी परीक्षा में 2 पेपर्स होते हैं - सामान्य ज्ञान यानी जनरल स्टडीज और सी-सैट यानी सिविल सर्विस एप्टीट्यूड टेस्ट। प्रिलिमिनरी परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद मेन्स परीक्षा में बैठना होता है। मेन्स में कुल 9 पेपर्स होते हैं, जिनमें आपको 2 वैकल्पिक पेपर रखने होते हैं। इन विषयों को ही आपको 10+2 के बाद चुनना चाहिए। यदि आपने मेन्स उत्तीर्ण कर लिया और मेरिट लिस्ट में आ गए, तो आपको इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता है, जिसके बाद अंतिम चयन करते हुए तैयार मेरिट लिस्ट के आधार पर चयन किया जाता है। आप विकलांग छात्र हैं और यूपीएससी में 4% सीटों पर विकलांगता के आधार पर चयनित किया जाता है। आप स्वयं में सिविल सर्विस वाली संभावना पाते हैं, तो अपनी तैयारी प्रारंभ करें।
सवाल (अमरजीत सिंह)- मैं स्टेनो और टाइपिस्ट से संबंधित नौकरियों के बारे में जानना चाहता हूं। साथ ही, इसकी तैयारी के लिए आपका मार्गदर्शन भी चाहता हूं।
जवाब (करियर कांउसलर आशीष आदर्श)- स्टेनो और टाइपिस्ट बनने के लिए जरूरी प्रशिक्षण अमूमन निजी संस्थानों द्वारा ही दिए जा सकते हैं। ऐसे संस्थान आपको आसानी से अपने आसपास मिल जाएंगे। यह एक ऐसा स्किल है, जिसमें आपकी प्रोफिशिएंसी ही आपका सर्टिफिकेट है, जो आपको अच्छी नौकरी दिला सकता है। देश के लगभग तमाम सरकारी विभागों, विभिन्न न्यायालयों और विश्वविद्यालयों में निरंतर स्टेनो और टाइपिस्ट पदों की नियुक्तियां निकलती रहती हैं, जिनकी जानकारी आप रोजगार समाचार पत्र से प्राप्त कर सकते हैं। निजी क्षेत्रों में एनजीओ, पब्लिक लाइब्रेरी, बुक पब्लिशर भी अच्छे स्टेनो और टाइपिस्ट की तलाश में रहते हैं। यह समझ लें कि यदि आप इस स्किल में प्रवीणता रखते हैं, तो आपके लिए इस क्षेत्र में अवसरों की कोई कमी नहीं होगी।