सदर अस्पताल परिसर में जलजमाव की समस्या बनी नासूर
ोज तीन की लीड:सदर अस्पताल परिसर में जलजमाव की समस्या बनी नासूरसदर अस्पताल परिसर में जलजमाव की समस्या बनी नासूरसदर अस्पताल परिसर में जलजमाव की समस्या ब

खगड़िया । नगर संवाददाता सदर अस्पताल में मरीज इलाज कराने के लिए आते हैं, लेकिन क्या पता कब लोग संक्रमण के शिकार हो जाएं। जी हां, यह सच्चाई है। हम बात कर रहे हैं सदर अस्पताल के इमरजेंसी गेट व वार्ड के आसपास का। यहां पर अक्सर जलजमाव रहता है। जलजमाव तुरंत का नहंी बल्कि स्थायी है। जलनिकासी की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण सदर अस्पताल के इमरजेंसी गेट के निकट यह समस्या लंबे दिनों से देखी जा रही है। ऐसे में लोगों को इलाज कराने के बदले संक्रमित होने का भय सता रहा है। जबकि यहां पर मच्छरों का भी बसेरा है।
बताया जा रहा है कि अस्पताल के इमरजेंसी गेट के निकट बने पानी की निकासी समेत विभिन्न जगहों के पानी की निकासी इमरजेंसी वार्ड के बगल में है। जबकि दूसरी जगह यह पानी स्टोरेज हो इसके लिए सदर अस्पताल में अब तक कार्य योजना नहीं बनायी है। यह हालात पिछले कई वर्षों से है। हालांकि अत्यधिक पानी होने पर कभी कभार मोटर से जलनिकासी कराई जाती है, लेकिन फिर महज चंद घंटे के बाद पानी जमा होने की स्थिति उतनी ही होती है। क्या होती है परेशानी : इमरजेंसी वार्ड के पिछले हिस्से व आगे का हिस्सा पानी से भरा रहता है। आलम यह हैकि पानी की अधिक मात्रा होने के बाद बेडों तक आपूर्ति के लिए लगाए गए ऑक्सीजन सिलिंडर का भी कुछ भाग डूब जाता है। इससे सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि सदर अस्पताल प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारी इस जलनिकासी के प्रति कितने गंभीर हैं। जमे हुए पानी में मच्छरों के बसेरा रहने के साथ साथ कई प्रकार की कीटों का भी यह भंडार है। इसके अलावा यहां पर से संक्रमण का हमेशा खतरा बना रहता है। क्योंकि इमरजेंसी वार्ड में मुख्य रूप से कटे फटे व घाव आदि वाले मरीजों का ही इलाज होता है। ऐसे में इन लोगों में संक्रमण तेजी से फैलने की संभावना होती है। वरीय अधिकारियों की भी नहीं है इस पर नजर: सदर अस्पताल के जिस जगह पर जलजमाव होता है। यह अस्पताल भवन में प्रवेश व निकास का मुख्य रास्ता है। इसके बाद भी वहां पर किसी की नजर नहीं पड़ना अनदेखी मानी जा रही है। प्रतिदिन आठ सौ लोग पहुुंचते हैं इलाज कराने के लिए : सदर अस्पताल में प्रतिदिन लगभग आठ सौ लोग इलाज कराने के लिए आते हैं। वही मरीज के परिजनों की संख्या अलग है। बताया जा रहा है कि अभी के समय में जलजमाव लोगों के सेहत के ख्याल से सर्वाधिक हानिकारक साबित हो सकता है। अस्पताल प्रशासन का दावा, बीएमआईसीएल को भेजा गया है प्रस्ताव: सदर अस्पताल प्रबंधक की मानें तो बताते हैं कि जलजमाव की समस्या से मुक्ति के लिए कार्य योजना तैयार कर बीएमआईसीएल को प्रस्ताव भेजा गया है। प्रस्ताव के पास होने के बाद जलजमाव की समस्या दूर हो जाएगी। बोले अधिकारी: सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड के निकट जलजमाव की समस्या का दूर करने के लिए विभागीय स्तर से प्रयास किया जा रहा है। जलनिकासी का स्थायी समाधान जल्द ही होगा। प्रणव कुमार, अस्पताल प्रबंधक, सदर अस्पताल।
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