सड़क हादसों का हॉट स्पॉट महेशखूंट में जल्द होगा ट्रॉमा सेंटर का निर्माण
महेशखूंट में सड़क हादसों की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए, बिहार सरकार ने 2023 में यहाँ ट्रामा सेंटर के निर्माण की स्वीकृति दी है। पिछले ढाई वर्षों में यहाँ 400 लोगों की जान जा चुकी है। हालाँकि,...

महेशखूंट। एक प्रतिनिधि सड़क हादसों का हॉट स्पॉट महेशखूंट में जल्द ट्रामा सेंटर का निर्माण होगा। खगड़िया जिले में सड़क दुर्घटना चरम पर है। जानकारी के अनुसार ढाई साल में अकेले महेशखूंट में 400 लोगों की जा जा चुकी हैं। सड़क दुर्घटना में घायल मरीजों की समुचित इलाज कराने के लिए बिहार सरकार 2023 में ही खगड़िया जिले के महेशखूंट एनएच 31 किनारे ट्रामा सेंटर निर्माण की स्वीकृति विधानसभा सभा से पारित कर दी है। इसके बावजूद में ट्रामा सेंटर का निर्माण नहीं हो सका है।महेशखूंट में दो राष्ट्रीय राजमार्ग होने होने के कारण बराबर सड़क दुर्घटना होते रहती है। वाहनों के अनियंत्रित परिचालन व लापरवाही में सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से लोग जख्मी होते हैं, लेकिन विभागीय अधिकारियों की उदासीनता से अब तक ट्रामा सेंटर निर्माण के लिए जमीन भी चिन्हित नहीं हो सकी है। महेशखूंट मुखिया श्वेता कुमारी ने बताया कि सड़क दुर्घटना में घायल लोगों का ससमय इलाज के लिए ट्रामा सेंटर बनाने का कवायद शुरू हो गई है। विभागीय अधिकारियों की मानें तो महेशखूंट में ट्रामा सेंटर निर्माण के लिए जमीन चिन्हित होते ही ट्रामा सेंटर का निर्माण प्ररंभ हो जाएगा। इसके लिए बाकायदा रोड मैप भी तैयार कर किया जा चुका है। मिली जानकारी के अनुसार राष्ट्रीय राजमार्गों पर ज्यादा दुर्घटनाओं वाले इलाके ब्लैक स्पाँट के रूप में खगड़िया के महेशखूंट को चिन्हित किया गया है।
वर्ष 2015 में तत्कालीन मुख्यमंत्री ने की थी घोषणा:
वर्ष 2015 में सौ शय्या सदर अस्पताल भवन के उद्घाटन के दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री जीतन राम मांझाी ने सदर अस्पताल में ट्रामा सेन्टर खोले जाने की घोषणा की थी। हालांकि इसके बाद से कई प्रयास किए गए, लेकिन सदर अस्पताल में ट्रामा सेंटर नहीं खुल पाया। अब महेशखूंट में ट्रामा सेन्टर खोले जाने की सहमति मिल गई है।
जमीन की विभागीय प्रक्रिया में जुटा विभाग: विभागीय सूत्र बताते हैं कि ट्रामा सेन्टर खोले जाने को लेकर विभाग द्वारा महेशखूंट व आसपास के क्षेत्रों में एनएच 31 के किनारे पर्याप्त जमीन तलाशी जा रही है। हालांकि जमीन की तलाश पूरी होने के बाद ट्रामा सेंटर खोले जाने की विभागीय प्रक्रिया पूरी करना पूरी तरह से आसान हो जाएगा। हालांकि एपीएचसी, महेशखूंट के परिसर में भी इसे खोला जा सकता है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के आलाधिकारियों को पहल करने की जरूरत है।
जिले में 20 हाँट स्पॉट को किया गया चिन्हित: जिले में 20 हाँट स्पॉट को चिन्हित किया गया है। परिवहन विभाग द्वारा जिले के महेशखूंट चौरसिया होटल, पितौंझिया ढ़ाला,चैधा-बन्नी,चुकती ओवरब्रिज, दुर्गापुर, संसारपुर ढ़ाला, परमानंदपुर ढ़ाला,राज दरबार होटल, एकनिया सहित 20 जगहों को हॉट स्पॉट चिन्हित की गई है।
क्या होगा फायदा : ट्रामा सेन्टर खोले जाने से सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से जख्मी लोगों की मौत का आंकड़ा कम होगा। बताया जाता है कि समुचित इलाज के अभाव में गंभीर रूप से जख्मी की मौत खगड़िया सदर अस्पताल से रेफर हो जाने के बाद रास्ते में ही हो जाती है। जबकि महेशखूंट अथवा जिले के किसी भी भाग में अगर ट्रामा सेन्टर खुलेगा तो सड़क दुर्घटना में जख्मी लोगों की इलाज के अभाव में मौत की घटनाओं में कमी आएगी।
क्या होती है परेशानी: ट्रामा सेन्टर जिले में नहीं होने के कारण लाइफ सपोर्ट को लेकर किसी भी प्रकार का कारगर व्यवस्था तत्काल जिले के सरकारी अस्पतालों में नहीं है। ऐसे में गंभीर रूप से जख्मी हुए लोगों को इलाज कराने के लिए आने के बाद रेफर करना पड़ता है जो बाद में मौत का कारण भी बन जाता है। गोगरी रेफरल अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. चन्द्रप्रकाश ने बताया कि 20 से 25 एकड़ जमीन की जरूरत है। जिसकी तलाश शुरू कर दी गई है।
लंबे अर्से से लोगों को है इंतजार : जिले में ट्रामा सेंटर के स्थापना का लंबे अर्से से लोगों को इंतजार है। ट्रामा सेन्टर बनने से दूसरे जिले में बेहतर इलाज के लिए आत्म निर्भरता से भी मुक्ति मिलेगी और जिले में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिल पाएगी।
बोले अधिकारी :
महेशखूंट में ट्रामा सेंटर निर्माण के लिए जमीन खोजी जा रही है। जमीन चिन्हित होते ही ट्रामा सेंटर का निर्माण शुरू किया जाएगा।
डॉ. रमेन्द्र कुमार, सिविल सर्जन, खगड़िया।
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