छात्रों ने चिढ़ाया तो भड़क गया दिव्यांग BPSC टीचर, बच्चों की जमकर पिटाई; स्कूल में बवाल
भागलपुर जिले के नाथनगर स्थित एक सरकारी स्कूल में BPSC से चयनित एक दिव्यांग शिक्षक ने छात्रों की जमकर पिटाई कर दी। जब अभिभावक शिकायत लेकर स्कूल पहुंचे तो टीचर ने उनपर भी ईंट-पत्थर बरसाना शुरू कर दिया।

बिहार के भागलपुर जिले के एक सरकारी स्कूल में तैनात एक शिक्षक ने छात्रों की पिटाई कर दी। नाथनगर के दोगच्छी मध्य विद्यालय में तैनात BPSC शिक्षक संवेंद्र कुमार दिव्यांग है। बताया जा रहा है कि छात्र-छात्राएं अक्सर दिव्यांग टीचर को चिढ़ाते हैं। इससे गुस्सा होकर शिक्षक ने बच्चों की जमकर पिटाई कर दी। इसके बाद स्कूल में बवाल हो गया। मामला शुक्रवार का है। शिक्षक मूलरूप से उत्तर प्रदेश का रहने वाला है।
ग्रामीणों ने 112 नंबर डायल कर पुलिस को बुला लिया। शिक्षक का कहना था कि बच्चे उसे दिव्यांग होने के कारण आए दिन चिढ़ाते रहते हैं। इसी बात को लेकर उन्होंने बच्चों को पीटा था। प्रिंसिपल अरुण कुमार की मानें तो अभिभावक एवं जिला पंचायत के सदस्य धनंजय मंडल बच्चों की पिटाई की शिकायत लेकर स्कूल पहुंचे। इस दौरान शिक्षक संवेंद्र कुमार ने बेकाबू होकर उन पर ईंट पत्थर बरसा दिए।
दूसरी ओर, टीचर ने यह भी आरोप लगाया कि गांव के लोगों ने उसकी बुरी तरह पिटाई की। नाथनगर के प्रभारी थानाध्यक्ष मो. शकील ने बताया कि ग्रामीणों या दिव्यांग शिक्षक की तरफ से कोई लिखित शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। इस कारण अभी तक किसी पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। दिव्यांग शिक्षक अपनी बदली कराना चाहते थे। उन्हें जिला शिक्षा पदाधिकारी के यहां आवेदन देने को कहा गया है। ग्रामीणों द्वारा भी सामूहिक रूप से शिक्षा विभाग को आवेदन देने के लिए कहा गया है।
स्कूली छात्रों के मुताबिक शिक्षक सवेंद्र कुमार ने बीते बुधवार को कुछ बच्चों के साथ मारपीट की थी। इसमें एक बच्चे को आंख के पास गंभीर चोट लग गई थी। घटना की शिकायत लेकर शुक्रवार को अभिभावक व जिला परिषद सदस्य स्कूल पहुंचे। इस पर शिक्षक ने अभिभावकों और जनप्रतिनिधियों पर ईंट-पत्थर फेंके और गाली-गलौज पर उतारू हो गए।
पहले भी विवादों में रहे दिव्यांग शिक्षक
यूपी के रहने वाले शिक्षक सवेंद्र कुमार का चयन नवंबर 2023 में कक्षा एक से पांच तक पढ़ाने के लिए हुआ था। लेकिन उन्हें कक्षा तीन तक ही पढ़ाने के लिए कहा जाता था। आरोप है कि वह बच्चों के साथ दुर्व्यवहार व मारपीट करने लगे थे। प्रिंसिपल द्वारा इनके तबादले के लिए कई बार लिखित शिकायत बीईओ और डीईओ से की गई, लेकिन अधिकारियों ने इस ओर कोई रुचि नहीं दिखाई।