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बिना सीएम फेस के ही बिहार चुनाव में उतरेगा महागठबंधन? आरजेडी, कांग्रेस का क्या प्लान है

आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में आरजेडी, कांग्रेस का महागठबंधन बिना मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किए ही मैदान में उतर सकता है। इसके पीछे कई वजहें बताई जा रही हैं। कहा ये भी जा रहा है कि तेजस्वी यादव को कोऑर्डिनेशन कमिटी की कमान सौंपकर महागठबंधन ने अनौपचारिक रूप से सब स्पष्ट कर दिया है।

Jayesh Jetawat अनिर्बन गुहा रॉय, एचटी, पटनाSat, 26 April 2025 11:34 AM
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बिना सीएम फेस के ही बिहार चुनाव में उतरेगा महागठबंधन? आरजेडी, कांग्रेस का क्या प्लान है

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के मद्देनजर महागठबंधन में बैठकों का दौर जारी है। बताया जा रहा है कि इस बार महागठबंधन बिना सीएम फेस घोषित किए ही चुनावी मैदान में उतर सकता है। महागठबंधन की प्रमुख पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) भले ही अपने नेता तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री का चेहरा बता रही है। मगर, अभी तक गठबंधन की हुई दो बैठकों में इस पर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई। हाल ही में, बिहार कांग्रेस प्रभारी कृष्णा अल्लावरु और खुद तेजस्वी यादव सीएम फेस के सवाल को टालते हुए नजर आए।

बिहार चुनाव को लेकर 17 अप्रैल को पटना स्थित आरजेडी दफ्तर में महागठबंधन की पहली बैठक आयोजित की गई थी। इसमें सभी दलों ने आपसी समन्वय के लिए आगामी चुनाव को लेकर एक कोऑर्डिनेशन कमिटी गठित करने का फैसला लिया था। इसकी कमान तेजस्वी यादव को सौंपी गई। आगामी चुनाव को लेकर सभी तरह के फैसलों के लिए महागठबंधन द्वारा इस कमिटी को अधिकृत किया गया। इसके बाद से कयास लगाए जाने लगे कि तेजस्वी ही महागठबंधन का चेहरा होंगे।

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इसके बाद, 24 अप्रैल को पटना के सदाकत आश्रम स्थित प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में महागठबंधन की दूसरी बैठक आयोजित की गई। इस बैठक के बाद हुई साझा प्रेस वार्ता में जब तेजस्वी यादव से सीएम फेस को लेकर सवाल पूछा गया, तो वे गोलमोल जवाब देते हुए नजर आए। तेजस्वी ने कहा कि हमने आपस में तय कर लिया है। समय आने पर बता दिया जाएगा। उन्होंने संकेत देते हुए यह भी कहा कि पिछली बैठक में ही स्पष्ट हो गया था, होशियार लोग समझ गए।

बिना सीएम फेस के चुनाव में क्यों उतरेगा महागठबंधन?

अंदरूनी सूत्रों की मानें तो महागठबंधन इस बार मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित करने में सावधानी बरत रहा है। पिछली बार 2020 के विधासनभा चुनाव में आरजेडी, कांग्रेस और वाम दल तेजस्वी यादव के चेहरे पर चुनाव लड़े थे। हालांकि, उस समय गठबंधन को हार का सामना करना पड़ा था।

सूत्रों की मानें तो किसी भी नेता और खासकर तेजस्वी यादव को सीएम फेस घोषित करने से एनडीए को व्यक्तिगत प्रहार करने का मौका मिल जाएगा। सत्ताधारी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता अक्सर आरजेडी के पुराने शासनकाल को जंगलराज बताकर आड़े हाथों लेते रहते हैं। आगामी चुनाव में महागठबंधन इस मुद्दे से बचकर चलने की रणनीति पर काम कर रहा है।

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दूसरा कारण यह है कि महागठबंधन में आरजेडी और कांग्रेस के अलावा सीपीआई, सीपीएम, सीपीआई माले और विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) भी शामिल है। सभी दल एकजुट होकर बेरोजगारी, पलायन, गरीबी, प्रति व्यक्ति आय में कमी, औद्योगिक विकास में कमी और खराब कानून व्यवस्था जैसे मुद्दों पर विधानसभा चुनाव को केंद्रित कर नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार को घेरने के मूड में हैं। इसलिए सीएम फेस घोषित कर बेवजह मुद्दे को भटकाना नहीं चाहते हैं।

तेजस्वी और अल्लावरु ने क्या कहा था?

पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी ने पिछले दिनों महागठबंधन की पहली बैठक के बाद कहा था कि हम एनडीए को मुद्दों से भटकने नहीं देंगे। चुनाव प्रचार के दौरान जनता के मुद्दों पर प्रमुखता से ध्यान दिया जाएगा। पलायन, रोजगार, कानून व्यवस्था, कृषि संकट जैसे मुद्दों पर एनडीए सरकार की विफलता को लोगों के बीच ले जाया जाएगा।

सीट शेयरिंग भी एक वजह

दूसरी ओर, अटकलें हैं कि मुख्यमंत्री पद को संशय बनाकर महागठबंधन के घटक दलों ने अपने वरिष्ठ सहयोगी आरजेडी को थोड़ा अस्थिरता में डाल दिया है। पूर्व सीएम लालू यादव की पार्टी लंबे समय से अपने युवा नेता तेजस्वी को महागठबंधन के सीएम फेस के रूप में प्रोजेक्ट कर रही है।

कहा यह भी जा रहा है कि कांग्रेस सीट बंटवारे के दौरान अच्छा मोलभाव करने के लिए सीएम पेस की घोषणा को फिलहाल के लिए टालना चाहती है। पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन आरजेडी के मुकाबले बहुत खराब रहा था। कांग्रेस ने 70 विधासनभा सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे, जिनमें से महज 19 पर ही जीत हासिल हो सकी थी। जबकि महागठबंधन कुल 110 सीटें जीता था।

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नाम न छापने की शर्त पर महागठबंधन के एक नेता ने कहा कि तेजस्वी यादव और आरजेडी अच्छी तरह जानते हैं कि सीएम फेस की घोषणा के लिए कांग्रेस की सहमति जरूरी होगी। अन्य घटक दल इस प्रस्ताव का समर्थन करें या नहीं, इससे ज्यादा फर्क नहीं पड़ता है। इसलिए आरजेडी सीट शेयरिंग को फाइनल करन से पहले मुख्यमंत्री पद के मामले को आगे नहीं बढ़ा रहा है। क्योंकि आगामी चुनाव महागठबंधन और खासकर आरजेडी के लिए महत्वपूर्ण है।

इसके अलावा आरजेडी के नेताओं का दावा है कि तेजस्वी यादव को महागठबंधन की कोऑर्डिनेशन कमिटी का अध्यक्ष बनाया गया। सीएम चेहरे को लेकर मामला पहले ही सुलझा लिया गया। सही समय पर इसकी घोषणा कर दी जाएगी। सूत्रों के अनुसार, कोऑर्डिनेशन कमिटी की कमान सौंपकर अनौपचारिक रूप से कांग्रेस समेत सभी घटक दलों ने तेजस्वी के नेतृत्व पर मुहर लगा दी है। यानी कि अगर महागठबंधन बिहार की सत्ता में आता है तो तेजस्वी ही मुख्यमंत्री होंगे।