कृष्णा अल्लावरु को लेफ्ट में बिठाकर कैसे कांग्रेस को राइट ट्रैक पर ले आए तेजस्वी यादव?
- बिहार में विपक्षी दलों के महागठबंधन में तेजस्वी यादव के नेतृत्व के सवाल पर छह में से पांच दलों के खुलकर बोलने से तेवर दिखा रही कांग्रेस के सुर में नरमी आ गई है। कांग्रेस ने कहा कि यहां यूनिटी और क्लैरिटी है, जबकि एनडीए में कन्फ्यूजन है।

बिहार विधानसभा के चुनाव में तेजस्वी यादव बतौर मुख्यमंत्री उम्मीदवार महागठबंधन का नेतृत्व करेंगे या नहीं, इस सवाल का आधा समाधान छह विपक्षी दलों की पहली बैठक में हो गया। पटना में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के दफ्तर में गुरुवार को इंडिया गठबंधन के घटक राजद, कांग्रेस, सीपीआई माले, सीपीआई, सीपीएम और वीआईपी के नेताओं की लगभग तीन घंटे लंबी बैठक में 13 नेताओं की एक समन्वय समिति बना दी गई है जिसके अध्यक्ष तेजस्वी यादव होंगे। कुछ समय से सीएम कैंडिडेट के सवाल को चुनाव नतीजों तक टालने की कोशिश रही कांग्रेस के आक्रामक बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावरु बैठक में तेजस्वी के लेफ्ट में बैठे नजर आए।
तेजस्वी दो दिन पहले दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी के साथ बैठक करके पटना लौटे थे। उनके लौटने के बाद गठबंधन के नेताओं ने सीएम कैंडिडेट पर बोलना शुरू कर दिया। बुधवार को सबसे पहले विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के नेता और डिप्टी सीएम कैंडिडेट की दावेदारी कर रहे मुकेश सहनी ने कहा कि तेजस्वी के अलावा और कोई नेता है क्या, जिस पर विचार किया जा सके। कोई है तो बताइए, विचार किया जाएगा। पिछले हफ्ते कांग्रेस के महासचिव सचिन पायलट पटना में कहकर गए थे कि पहले बहुमत मिले फिर सीएम चुनेंगे।
महागठबंधन की बैठक में कोऑर्डिनेशन कमिटी बनी, तेजस्वी को जिम्मेदारी
तेजस्वी के लिए बैठक से पहले मुकेश सहनी के बाद बिहार में सबसे बड़े वामपंथी दल माले ने भी माहौल बनाया। सीपीआई-माले के राज्य सचिव कुणाल से जब तेजस्वी को सीएम कैंडिडेट मानने पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा- “गैर जरूरी सवाल है। बहुत पहले से मानते हैं। सबसे बड़ी पार्टी है। वो सबसे बड़े नेता हैं। बेवजह ये सवाल बनाया जाता है। सवाल ये है नहीं। सवाल ये है कि कैसे हम भाजपा को पराजित करें और महागठबंधन की सरकार बने। ये असली बात है।”
एक कदम आगे बढ़ी तेजस्वी की बात, पहली बैठक में महागठबंधन की कोऑर्डिनेशन कमिटी का नेतृत्व मिला
इसके बाद महागठबंधन के नेताओं की बंद कमरे में लंबी बैठक चली। बैठक में तेजस्वी को चेहरा बनाने के मसले पर गठबंधन के छह में पांच दल एक तरफ थे और दूसरी तरफ कांग्रेस इसे चुनाव के बाद तक लटकाए रखना चाहती थी। लेकिन तेजस्वी के लिए सहयोगी दलों ने बयानबाजी करके जो माहौल बनाया, उसका असर संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में दिखा। कांग्रेस के अल्लावरु को ही इस घोषणा की जवाबदेही दी गई कि कोर्डिनेशन कमिटी बनाई गई है जिसके प्रमुख तेजस्वी होंगे। अल्लावरु ने ये भी बताया कि 13 नेताओं की यह समिति चुनाव संबंधी सारे निर्णय लेगी। गठबंधन में समन्वय का काम यह समिति प्रखंड स्तर तक ले जाएगी।
अभी बस खिड़की खुली है; महागठबंधन में पशुपति पारस की एंट्री पर तेजस्वी बोले- आगे देखेंगे
अब तक चर्चा नहीं हुई है कहकर सीएम कैंडिडेट का सवाल टालने वाले कृष्णा अल्वावरु से फिर मीडिया ने तेजस्वी के नाम पर सवाल पूछा तो इस बार जवाब था- “एनडीए गठबंधन में कन्फ्यूजन है। महागठबंधन में कन्फ्यूजन नहीं है। यूनिटी है। क्लैरिटी है। जहां कन्फ्यूजन है, वहां पर ये सवाल उठाएं।” अल्लावरु ने बताया कि सीट बंटवारा, न्यूनतम साझा कार्यक्रम, प्रचार और चुनाव से जुड़ी तमाम चीजों के लिए कोर्डिनेशन कमिटी सर्वोच्च फोरम है जिसकी अध्यक्षता तेजस्वी करेंगे। इसके बाद तेजस्वी यादव ने पत्रकारों के सवाल पर मजा लेते हुए कहा- हर चीज एक ही दिन में दे देंगे। थोड़े इंतजार का मजा लीजिए।