अल्लावरु की बात के साथ नहीं हैं सारे विधायक; तेजस्वी के नेतृत्व पर कांग्रेस में गहरे मतभेद, राजद भी तनी
- लालू यादव का बयान आने के बाद कांग्रे प्रभारी कृष्णा अल्लावरू ने कहा कि सीएम फेस तय नहीं है। दूसरी ओर पूर्व अध्यक्ष अखिलेश सिंह को तेजस्वी पसंद हैं। विधायकों में भी मतभेद है।

बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले सियासी तापमान उफान पर है। एनडीए ने नीतीश कुमार के नेतृत्व में 2025 के चुनाव मैदान में उतरेंगे। लेकिन, विपक्षी महागठबंधन में तेजस्वी के नेतृत्व पर कांग्रेस पार्टी का अंदरूनी मतभेद उभर कर सतह आ गया है। पार्टी के बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावरु के स्टैंड पर सभी विधायक सहमत नहीं हैं। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने भी अपना मतभेद जाहिर कर दिया है। इधर लालू प्रसाद की पार्टी राजद ने दो टूक कह दिया है कि 2025 के लिए महागठबंधन में तेजस्वी यादव की सीएम पद की उम्मीदवारी फाइनल है।
बिहार में चुनावी बिगुल अभी बजा भी नहीं है लेकिन महागठबंध में सीएम कैंडिडेट को लेकर खींचतान शुरू हो गया है। लालू यादव के एक बयान के बाद तेजस्वी के नेतृत्व पर कांग्रेस के भीतर का मतभेद बाहर आ गया है। रविवार को मोतिहारी में लालू प्रसाद ने दावा किया कि 2025 में तेजस्वी यादव के नेतृत्व में बिहार में सरकार बनेगी, कोई माई का लाल रोक नहीं सकता। इस बयान पर सियासत सुलग गई। मंगलवार को दिल्ली में पार्टी नेताओं के साथ बैठक के बाद बिहार प्रदेश प्रभारी कृष्णा अल्लावारु ने बिहार प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम की मौजूदगी में कहा कि सीएम का चेहरा कौन होगा यह तय नहीं है। उन्होंने कहा था कि मुख्यमंत्री कौन होगा यह सामूहिक फैसला होगा। इस पर कोई टिप्पणी अभी उचित नहीं है। इंडिया गठबंधन जब बैठेगी तो सीट शेयरिंग पर चर्चा होगी। मुख्यमंत्री कैंडिडेट कौन होगा, कौन नहीं होगा, घोषित करना है या नहीं यह सामूहिक फैसला होगा।
इधर पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह का कहना है कि महागठबंधन में तेजस्वी यादव की भूमिका को कैसे कोई नकार सकता है। राष्ट्रीय जनता दल बिहार में ताकतवर है। उनके ज्यादा विधायक जीतकर आएंगे। यह पहले ही फाइनल हो चुका है कि नेतृत्व पर कोई कनफ्यूजन नहीं है। तेजस्वी को सब लोगों माना था।
सीएम कैंडिडेट के लिए तेजस्वी यादव के नाम पर पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और प्रदेश प्रभारी के साथ विधायकों में भी मतभेद है। पार्टी विधायक मुन्ना तिवारी का कहना है कि पहले ही तय हो चुका है कि महागठबंधन का नेतृत्व तेजस्वी यादव करेंगे। 2015 और 2020 के लिए जो फैसला लिया गया था वही 2025 में भी लागू होगा। यह हमारे नेता ने तय कर दिया है। लेकिन विधायक अजीत शर्मा इससे इतर राय रखते हैं। उनका मानना है कि सीएम फेस कौन होगा यह अभी तय नहीं हुआ है। इसके लिए राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे और लालू प्रसाद साथ बैठेंगे और फाइनल करेंगे।
इधर राजद भी तन गई है। पार्टी के सांसद सुधाकर सिंह ने सीएम उम्मीदवारी पर कांग्रेस के भीतर चल रही बहस को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा है कि तेजस्वी यादव की सीएम पद के लिए उम्मीदवारी पहले निर्धारित है। तीन साल पर जो बैठक होती है उसमें पारित है कि तेजस्वी यादव ही सीएम उम्मीदवार रहेंगे।