पिछली बार कोरोना महामारी के असर के कारण 25 सितंबर 2020 को चुनाव की घोषणा की गयी थी। जबकि, 2015 में विधानसभा चुनाव की घोषणा 9 सितंबर को हुई थी। वर्तमान में राज्य में स्थिति सामान्य है। ऐसे में आयोग तय समय पर चुनाव की घोषणा करने की तैयारी में जुटा है।
बिहार में बिजली और सस्ती होने वाली है। अगले 5 सालों में 43 फीसदी बिजली गैर परम्परागत ऊर्जा से आपूर्ति की जाएगी। जो ताप घरों की बिजली से सस्ती होती है। ऐसे में बिजली की खरीदारी करने पर कंपनी को कम पैसे खर्च करने होंगे और इसका लाभ आम लोगों को मिलेगा।
बिहार में इस साल बिजली की दरों में कोई बदलाव नहीं होगी। राज्य में कुल 2.08 करोड़ (लगभग) बिजली उपभोक्ताओं में से लगभग 60 लाख स्मार्ट प्रीपेड मीटर उपभोक्ताओं को 25 पैसे प्रति यूनिट की छूट मिलेगी।
लालू यादव का बयान आने के बाद कांग्रे प्रभारी कृष्णा अल्लावरू ने कहा कि सीएम फेस तय नहीं है। दूसरी ओर पूर्व अध्यक्ष अखिलेश सिंह को तेजस्वी पसंद हैं। विधायकों में भी मतभेद है।
बिहार विधानसभा चुनाव (2025) से पहले राज्य में पंचायत उपचुनाव हो जा रहे हैं। राज्य निर्वाचन आयोग ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। सोमवार से वोटर लिस्ट का काम भी शुरू हो जाएगा। मई महीने में पंचायत उपचुनाव कराए जा सकते हैं।
तेजस्वी यादव ने कहा है कि इस बार चाहे अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को बुला लें पर बिहार की जनता इन्हें सबक सिखा देगी। उन्होंने यह भी कहा कि अकेले सबकी हालत खराब करके रखा है।
तेजस्वी यादव ने कहा कि चुनाव आयोग देश के संविधान और लोकतंत्र के लिए कैंसर बन चुका है। वह बीजेपी के चीयरलीडर की तरह काम कर रहा है।
केसी वेणुगोपाल ने कहा कि संशोधित कानून ने चीफ जस्टिस को सीईसी चयन समिति से हटा दिया। सरकार को सीईसी का चयन करने से पहले 19 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई तक इंतजार करना चाहिए था।
राज्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय की ओर से बिहार में लोकसभा चुनाव 2024 के तुरंत बाद कराए गए सर्वे में कई अहम तथ्य सामने आए हैं। बिहार में वोट डालने में किसान, मजदूर और घरेलू महिलाएं सबसे आगे हैं।
नाव के दौरान मात्र 4.2 प्रतिशत मतदाताओं ने जाति के आधार पर मतदान करने की बात कही। वहीं, धर्म को प्राथमिकता 1.1 प्रतिशत मतदाताओं ने दी। जबकि, राजनीति दलों के समर्थक होने के नाते 32.2 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया।