तेजस्वी पर नरम नहीं कांग्रेस, सचिन पायलट की दो टूक- पहले बहुमत मिले, फिर CM चुनेंगे
पटना में सचिन पायलट ने साफ कर दिया कि बिहार चुनाव के नतीजों के बाद ही महागठबंधन के मुख्यमंत्री का चेहरा तय होगा। उन्होंने आरजेडी नेता तेजस्वी यादव को सीएम कैंडिडेट बनाने के सवाल पर यह बात कही।

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता तेजस्वी यादव को लेकर कांग्रेस के तेवर नरम पड़ते नहीं दिख रहे हैं। अब कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव सचिन पायलट ने भी दो-टूक जवाब देते कह दिया कि बिहार चुनाव में बहुमत मिलने के बाद ही मुख्यमंत्री का नाम तय होगा। यानी कि चुनाव नतीजे आने के बाद ही महागठबंधन का सीएम फेस घोषित किया जाएगा। दूसरी ओर, आरजेडी तेजस्वी को ही महागठबंधन का सीएम फेस बनाकर चुनावी मैदान में उतरना चाहती है। दोनों पार्टियों के बीच इस मुद्दे पर तकरार हो सकती है।
कन्हैया कुमार की बिहार में चल रही नौकरी दो, पलायन रोको यात्रा का शुक्रवार को पटना में समापन हुआ। इस मौके पर सचिन पायलट पटना पहुंचे। उन्होंने कांग्रेस कार्यालय में मीडिया से बातचीत के दौरान कई सवालों के जवाब दिए। जब उनसे महागठबंधन के सीएम फेस को लेकर सवाल किया गया तो पायलट ने कहा कि विधानसभा चुनाव में गठबंधन को बहुमत मिलेगा, तब मुख्यमंत्री का नाम तय किया जाएगा। हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि आगामी चुनाव में आरजेडी के साथ गठबंधन जारी रहेगा।
इससे पहले बिहार कांग्रेस के प्रभारी कृष्णा अल्लावरू ने भी स्पष्ट किया था कि चुनाव के बाद ही सीएम तय किया जाएगा। पिछले महीने दिल्ली में बिहार चुनाव को लेकर कांग्रेस की हुई बैठक में भी इसी रणनीति पर मुहर लगाई गई थी। उस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी मौजूद थे। अल्लावरू ने बैठक से निकलकर कहा था कि बिहार में कांग्रेस का आरजेडी के साथ गठबंधन जारी रहेगा, लेकिन सीएम पद पर बाद में फैसला किया जाएगा।
बिहार में इस साल अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। चुनाव में अब ज्यादा समय नहीं बचा है। एनडीए की ओर से जहां हर जिले में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बीजेपी, जेडीयू समेत सभी घटक दलों के बीच एकजुटता का संदेश दिया जा रहा है। दूसरी ओर, महागठबंधन में सीएम फेस को लेकर आरजेडी और कांग्रेस के बीच एक राय नहीं बन पा रही है।
आरजेडी के नेता जहां तेजस्वी यादव को ही सीएम कैंडिडेट मान रहे हैं और कांग्रेस के नेताओं पर भी इसके लिए दबाव बना रहे हैं। वहीं, कांग्रेस इस बार आरपार के मूड में है। राहुल गांधी के लगातार दौरे, चुनाव से पहले जिलाध्यक्ष से लेकर प्रदेश अध्यक्ष तक को बदला गया। प्रदेश प्रभारी कृष्णा अल्लावरु भी दो-टूक कह चुके हैं कि सीट शेयरिंग में कांग्रेस इस बार उचित हिस्सेदारी लेगी।