आशा चयन में लायें तेजी, होम डिलवरी पर लगाएं अंकुश : डीएम
स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक में डीएम ने जिले के सभी 259 एचएससी को करें क्रियाशील करने के दिए निर्देश

किशनगंज, एक प्रतिनिधि। हर नागरिक को बेहतर और समय पर स्वास्थ्य सेवा मिलना, जहां उसका अधिकार है, वहीं स्वास्थ्य विभाग की सर्वोच्च प्राथमिकता भी है। इसी मूल मंत्र को दोहराते हुए डीएम विशाल राज ने शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक में विभाग से जुड़े अधिकारियों व कर्मियों को कई निर्देश दिये। समाहरणालय स्थित सभागार में जिलाधिकारी विशाल राज ने स्वास्थ्य सेवा-सुविधा ई स्वास्थ्य योजनाओं की गहन समीक्षा के लिए एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में पूर्व के निर्देशों की प्रगति की समीक्षा के साथ आशा बहाली, एपीएचसी और एचडब्लूसी की पारदर्शिता, टीबी उन्मूलन, एनसीडी स्क्रीनिंग, टेलीमेडिसिन, आयुष्मान कार्ड निर्माण, मातृ मृत्यु की समीक्षा और संस्थागत प्रसव की प्रगति जैसे अनेक अहम विषयों पर जिला पदाधिकारी ने गहन समीक्षा की गयी।
259 एचएससी होंगे पूर्ण रूप से क्रियाशील , सेवाएं गांव तक पहुंचेंगी: बैठक में जिला पदाधिकारी ने स्वास्थ्य अधिकारियों निर्देश दिया कि जिले के सभी 259 हेल्थ सब सेंटर ( एचएससी) को पूर्ण रूप से फंक्शनल किया जाए। इन केंद्रों पर आवश्यक मानव संसाधन, दवाएं, जांच सुविधा टीकाकरण और नियमित आउटरिच सेवाएं सुनिश्चित की जाएं ताकि दूरदराज़ के ग्रामीण क्षेत्रों को प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा अपने गांव में ही मिल सके। उन्होंने कहा कि अगर एचएससी मजबूत होंगे, तो अस्पतालों का बोझ कम होगा और शुरुआती इलाज समय पर संभव होगा। साप्ताहिक समीक्षा और आशा चयन में तेजी लाने का निर्देश : डीएम विशाल राज ने सभी एमओआईसी को निर्देशित किया कि वे अपने प्रखंड में आशा फैसिलिटेटरों के साथ साप्ताहिक बैठक करें। इन बैठकों से न केवल कार्यों की निगरानी होगी, बल्कि क्षेत्रीय स्वास्थ्य चुनौतियों की वास्तविक स्थिति सामने आएगी। साथ ही, जिन पंचायतों में आशा पद रिक्त हैं, वहां तुरंत चयन प्रक्रिया पूरा करें।डीए निर्देश देते हुए कहा आशा कर्मियों की संख्या और दक्षता ही ग्रामीण स्वास्थ्य बदलाव की असली कुंजी है। किसी भी पंचायत में खाली पद रहना अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। नई एएनएम को मिली विशेष जिम्मेदारी, रोकें घर में प्रसव : सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी ने जानकारी दी कि हाल में पदस्थापित हुई नई एएनएम को प्रशिक्षण के साथ यह निर्देश दिया है कि वे होम डिलीवरी (गृह प्रसव) को रोकने में सक्रिय भूमिका निभाएं। संस्थागत प्रसव को प्राथमिकता देना न केवल मातृत्व को सुरक्षित बनाता है बल्कि शिशु मृत्यु दर में भी प्रभावी कमी लाता है। बीडीओ की अध्यक्षता में संयुक्त बैठक का निर्देश : बैठक में जिला पदाधिकारी ने निर्देश दिया कि पंचायत स्तर पर होम डिलीवरी मुक्त पंचायत बनाने के लिए प्रखंड विकास पदाधिकारी की अध्यक्षता में एक संयुक्त बैठक आयोजित की जाए। इसमें विकास मित्र, स्वास्थ्य विभाग, आईसीडीएस और जीविका की भागीदारी सुनिश्चित की जाए। बैठक में जन-जागरूकता, व्यवहार परिवर्तन और सेवा की पहुंच बढ़ाने की ठोस रणनीति तैयार की करें।समाहरणालय के महानन्दा सभागार में आयोजित बैठक में सिविल सर्जन, डीपीएम मो. मुनाजिम ,सभी एमओआईसी, डब्ल्यूएचओ, यूनिसेफ, पीएसआई, पीरामल स्वास्थ्य, बीएचएम, बीसीएम समेत अन्य विभागों के प्रतिनिधि शामिल थे।
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