अस्पताल के खराब परफॉर्मेंस पर डीएस ने जतायी नाराजगी
अस्पताल के खराब परफॉर्मेंस पर डीएस ने जतायी नाराजगी

लखीसराय, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। राज्य स्वास्थ्य समिति के निर्देशानुसार इलाज के लिए आने वाले सभी मरीज का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के साथ इलाज से संबंधित रिकार्ड भी चिकित्सक को भाव्या पर अपलोड करना होता है। जेनरल ओपीडी में एकमात्र चिकित्सक की उपस्थिति के कारण मरीज का ऑनलाइन इलाज व रिकॉर्ड अपलोड करने में भी परेशानी हो रही है। जिसके कारण स्थानीय सदर अस्पताल राज्य के अन्य अस्पताल से भाव्या ऐप के माध्यम इलाज के मामले में काफी पिछड़ा हुआ है। ऐसी स्थिति में अस्पताल प्रबंधन मुकम्मल कार्रवाई की तैयारी कर रही है। सदर अस्पताल में ड्यूटी रोस्टर के मुताबिक मरीज के इलाज में लापरवाही बरतने वाले चिकित्सक के खिलाफ प्रबंधन कार्रवाई के मूड में आने का संकेत दिया है। ड्यूटी रोस्टर में सप्ताह के सभी दिन उपस्थिति की छूट एवं आपसी सामंजस्य के बाद भी नियमित रूप से जेनरल ओपीडी में दो बदले एकमात्र चिकित्सक की उपस्थित के कारण इलाज के लिए आने वाले मरीज को होने वाली परेशानी का हवाला देते हुए अस्पताल प्रबंधन ने अनुपस्थित रहने वाले चिकित्सक के खिलाफ कार्रवाई का मूड बनाया है। ज्ञात हो सदर अस्पताल के नियमित ड्यूटी रोस्टर में प्रतिदिन जेनरल ओपीडी में पांच चिकित्सक की ड्यूटी निर्धारित है। जेनरल ओपीडी में नियमित रूप से एकमात्र चिकित्सक उपस्थित रहते हैं। जिसके कारण जिले के विभिन्न क्षेत्र से इलाज के लिए आने वाले मरीज को बेहतर तो दूर खानापूर्ति वाली इलाज के लिए भी घंटो लाइन में खड़ा रहना पड़ता है। चिकित्सक के अभाव में मरीज को होने वाली परेशानी की शिकायत के बाद डीएम ने सीएस डॉ बीपी सिन्हा को चिकित्सक की उपस्थिति शत प्रतिशत कराने का निर्देश दिया था। डीएम की सख्ती के बाद सीएस के पहल पर प्रबंधन ने सभी चिकित्सकों की सहमति से जेनरल ओपीडी न्यूनतम दो चिकित्सक की उपस्थिति के लिए नया ड्यूटी रोस्टर लागू किया था। जिसमें कुछ दिन जेनरल ओपीडी में नियमित रूप से दो चिकित्सक की उपस्थिति भी सुनिश्चित हुई थी। हालांकि धीरे-धीरे सभी चिकित्सक पुराने ढर्रे पर चलते हुए जेनरल ओपीडी में एकला चलो की नीति पर काम करने लगे। जिसके कारण एक बार फिर जेनरल ओपीडी में इलाज के लिए आने वाले मरीज की परेशानी बढ़ गई। इधर सरकार के मरीज को पेपर लेस व चिकित्सक की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए ऑनलाइन इलाज प्रक्रिया में भी अस्पताल प्रबंधन को परेशानी होने लगी।
डीएस राकेश कुमार ने बताया कि राज्य स्वास्थ्य समिति के निर्देशानुसार इलाज के लिए आने वाले सभी मरीज का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के साथ इलाज से संबंधित रिकार्ड भी चिकित्सक को भाव्या पर अपलोड करना पड़ता है। जेनरल ओपीडी में एकमात्र चिकित्सक की उपस्थिति के कारण मरीज का ऑनलाइन इलाज व रिकॉर्ड अपलोड करने में भी परेशानी हो रही है। जिसके कारण स्थानीय सदर अस्पताल राज्य के अन्य अस्पताल से भाव्या ऐप के माध्यम इलाज के मामले में काफी पिछड़ा हुआ है। डीएस ने कहा कि भाव्या ऐप मामले में राज्य स्वास्थ्य समिति व जिला स्वास्थ्य समिति से बेहतर परफॉर्मेंस का निर्देश मिल रहा है। जो कि चिकित्सक के मौजूदा कार्यशैली से संभव नहीं है। डीएस ने बताया कि एक बार लिखित व मौखिक रूप से सभी चिकित्सक को निर्देशित किया गया है कि कार्यशैली में सुधार करें अन्यथा अनुपस्थित पर अटेंडेंस काटा जाएगा व इसकी जानकारी जिला स्वास्थ्य समिति को दिया जाएगा।
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