राजस्व कर्मियों के हड़ताल से ठप पड़ा कामकाज, जनता परेशान
राजस्व कर्मियों के हड़ताल से ठप पड़ा कामकाज, जनता परेशान

बड़हिया, एक संवाददाता। प्रदेश भर में राजस्व कर्मचारियों द्वारा अपने 17 सूत्री मांगों के साथ बीते 7 मई से जारी अनिश्चितकालीन हड़ताल का असर अब व्यापक रूप से सामने आने लगा है। अंचल कार्यालयों का सामान्य प्रशासनिक कार्य बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। आम जनता को जाति, आय, निवास, जमीन दाखिल-खारिज जैसे महत्वपूर्ण प्रमाण पत्रों के निर्गमन में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। जिससे आम जनों में असंतोष तेजी से गहराता जा रहा है। ज्ञात हो कि बिहार राज्य भूमि सुधार कर्मचारी संघ (गोपगुट) द्वारा प्रस्तुत मांगों में प्रमुख रूप से सभी नव नियुक्त राजस्व कर्मियों का गृह जिला में पदस्थापन, ग्रेड वेतन में सुधार, सेवा संपुष्टि, अतिरिक्त कार्यभार से मुक्ति, रिक्त पदों की शीघ्र भरती, सुरक्षा की गारंटी और पुरानी पेंशन की बहाली शामिल है।
संघ का आरोप है कि पूर्व में भी 9 फरवरी और 4 मार्च को क्रमशः एक दिवसीय धरना एवं 10 दिवसीय अनिश्चितकालीन धरना के दौरान सरकार द्वारा लिखित आश्वासन दिया गया था। जिसके डेढ़ महीना बीत जाने के बाद भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। इससे क्षुब्ध होकर कर्मचारियों ने सामूहिक अवकाश पर जाने का निर्णय लिया है। इस हड़ताल के चलते भूमि संबंधी कार्य, दाखिल-खारिज, म्यूटेशन, पंजीयन जांच, प्रमाण पत्र निर्गमन जैसी आवश्यक सेवाएं ठप पड़ी हुई है। इससे न केवल आम नागरिक प्रभावित हो रहे हैं बल्कि सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में भी बाधा आ रही है। इस संबंध में सीओ राकेश आंनद ने कहा कि सरकार के द्वारा कर्मियों को हड़ताल से वापस लौटने का आग्रह किया गया है, लेकिन लोग अभी तक नहीं लौटे हैं।
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