सड़क पर बिकती है सब्जियां, बाजार की मांग
सड़क पर बिकती है सब्जियां, बाजार की मांग

सूर्यगढ़ा नगर परिषद क्षेत्र के स्थानीय सूर्यगढ़ा बाजार में अब तक सब्जी मार्केट का निर्माण नहीं किया जा सका है। तीन साल पहले नगर परिषद का भी गठन किया गया, लेकिन अबतक निर्माण नहीं हो सका है। 5 वर्ष पहले पुराने डाक बंगला परिसर में मार्केट का निर्माण शुरू किया गया था। यह निर्माण कार्य जिला परिषद के द्वारा कराया जा रहा था। करीब 140 दुकानों के अलावा सब्जी मार्केट भी खुलने की योजना बताई गई थी, क्योंकि इसका परिसर बड़ा है। 30 वर्ष पहले एक पूर्व मंत्री ने सुपर मार्केट खोलने की घोषणा भी की थी। नगर परिषद की बैठकों में सब्जी मार्केट खोलने का प्रस्ताव भी लिया जा चुका है।
कुछ लोगों के अनुसार एनएच 80 के किनारे सरकारी भूमि की कमी है। कई लोगों ने बताया कि अतिक्रमण हटाने के बाद भूमि उपलब्ध हो सकती है। पुराने पथ परिवहन निगम कार्यालय और भू कैलाश मंदिर के सामने भी सरकारी जमीन होने की बात की जाती है। वैसे हाल के वर्षों में सभापति प्रतिनिधि सजन कुमार ने बाजार में अपनी जमीन पर तत्काल रूप में सब्जी मार्केट खोलने का निर्णय किया था। मगर सब्जी बेचने वाले दुकानदारों के द्वारा कोई उत्साह नहीं दिखाया गया। इस कारण से वहां खाली जमीन में दूसरी दुकानें खोली गई हैं। नगर परिषद गठन के बाद वार्ड पार्षदों तथा लोगों ने शांति समिति तथा अन्य बैठकों में सब्जी मार्केट निर्माण की बात उठाई भी थी। जब यह बाजार सूर्यपुरा और जकड़पुरा में था तो उस समय भी चेंबर ऑफ कामर्स, वाणिज्य संघ के सदस्यों ने इसकी आवश्यकता को देखते हुए मांग की थी। इसके अलावा चुनावी सभाओं, मंत्रियों, नेताओं आदि के कार्यक्रम में भी लोगों ने सब्जी मार्केट निर्माण की मांग की है। स्थानीय बाजार को अतिक्रमण तथा जाम से मुक्ति के लिए अलग सब्जी मार्केट एवं वाहन स्टैंड निर्माण की आवश्यकता महसूस की जा रही है। नगर परिषद के द्वारा भी एक दो बार प्रयास किया गया है, लेकिन सरकारी जमीन की उपलब्धता की समस्या सामने आ जाती है। स्थानीय बाजार में बड़ी दुर्गा स्थान, बेसिक स्कूल के निकट बस स्टैंड और एक बैंक शाखा के पास मुख्य रूप से थोक सब्जी बिक्रेताओं की दुकानें हैं। ये दुकाने एनएच 80 के किनारे है। मेदनीचौकी थाना क्षेत्र के किरणपुर मोड़ पर भी थोक बिक्रेता की दुकाने हैं। खास कर सुबह में 9-10 बजे तक इन दुकानों के सामने खुदरा सब्जी बेचने वालों की भीड़ रहती है। इस कारण से यहां यात्रियों तथा वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। कुछ दुकानदार लखीसराय से भी सब्जियां लाकर खुदरा बिक्रेताओं को बेचते हैं, किन्तु अधिकांश दुकानदार सीमावर्ती शाम्हो, अरमा, नवाबगंज, मानूचक, नंदपुर बिंद टोली, मेदनीचौकी क्षेत्र के देवघरा चंद्रटोला, खावा आदि जगहों से सब्जियां मंगाते हैं। कुछ थोक बिक्रेताओं ने बताया कि किसानों के द्वारा ही सब्जियां पहुचायीं जाती हैं। मटर की छिमियों के किसानों ने बताया कि उन्हें बिक्री केन्द्र के अभाव में थोक बिक्रेताओं के पास सब्जियां या छिमिया बेचनी पड़ती है। ज्यादातर किसान अपनी सब्जियों को सूर्यगढ़ा के ही थोक बिक्रेताओं के यहां बेचनी पड़ती है। इन्हें जो भी दाम मिलता है लेना पड़ता है। जो मुनाफा होना चाहिए वैसा नहीं हो पाता है। इसके अलावा मेदनीचौकी और सूर्यगढ़ा के फुटपाथों या अन्य जगहों पर सब्जी बेचने वाले बाजार ही आ जाते हैं। इनमें मेदनीचौकी क्षेत्र के किरणपुर, खावा, देवघरा चंद्रटोला आदि गांव के पुरूष तथा महिलाएं सब्जी बेचने के लिए बड़ी संख्या में रोज आती हैं और जाती हैं। देर रात को ये अपने घर लौटते हैं। सब्जी मार्केट होने से इन्हें सुविधा मिलती। वैसे ये बाजार में फुटपाथों के किनारे सभी मौसम में सब्जियां बेचते हैं। कड़ी धूप, वर्षा और जाड़े की कपकपाती ठंड में भी ये सब्जियां बेचते हैं। मार्केट का निर्माण नहीं होने से इनको परेशानी झेलनी पड़ती है। मछली बिक्री होने का स्थान भी प्लस टू पब्लिक हाई स्कूल के सामने एनएच 80 के किनारे है। मछली बेचने और इन्हें खरीदने वालों की भीड़ सुबह शाम लगती है। यह स्थान भी गंदगी और दुर्गंध से भरा हुआ होता है। यहां नाले का गंदा पानी भी जमा होता रहता है। इसके अलावा भी जब तब पुरानी बाजार चौक पर मछलियां बेची जाती हैं। मांस की बिक्री प्रखंड कार्यालय के निकट होती है। सब्जी मार्केट होने से इन लोगों तथा यात्रियों को भी सुविधा होती। इस बाजार की आबादी और क्षेत्रफल में लगातार वृद्धि हो रही है। मुंगेर और लखीसराय से यह एनएच 80 जुड़ी हुई है । इस कारण से यातायात की सुविधा बढ़ाने के दृष्टिकोण से सब्जी मार्केट का निर्माण आवश्यक बताया जा रहा है। नगर परिषद के इस दिशा में सक्रिय होने की भी मांग की जा रही है। बोले जिम्मेदार सब्जी मार्केट रहे या वाहन स्टैंड सब प्रस्ताव पास है। डीएम साहब को जमीन उपलब्धता के लिए पत्र दिया जा चुका है। जमीन तो यहां मिल नहीं रही हैं। डीएम ने जमीन की उपलब्धता के लिए आश्वासन दिया है। जल्द ही उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया गया है। वैसे दो तीन जगहों को इसके लिए चिह्नित किया गया है। इसमें एनओसी भी कराने की प्रक्रिया होती हैं। वे लोग लगे हुए हैं। रूपम, देवी सभापति, नगर परिषद सूर्यगढ़ा। लोगों ने कहा 01. वे पटेलपुर चौक के पास एक थोक सब्जी बिक्रेता के यहां रहते हें। बगल में मार्केट का कार्य अधूरा है। अगर इसका निर्माण पूरा हो जाता तो यहां सब्जी का मार्केट लाया जा सकता है। बड़ा सा क्षेत्र हे। बहुत आसानी होती। चंदन साव 02. यहां के बाजार में सब्जी का मार्केट अलग से बनना चाहिए। अब तो सूर्यगढ़ा में नगर परिषद हो गया। इस हिसाब से सब्जी मार्केट बनना आवश्यक हे। बहुत जरूरी है इसका बनना। सतीश कुमार 03. वे तो मेदनीचौकी क्षेत्र से आकर सब्जियां बेचते हैं। रोज सूर्यगढ़ा बाजार आते और जाते हें। मेदनीचौकी में एकाध थोक बिक्रेता हैं। यहां अधिक दाम मिलती है। दुकान के सामने सब्जी बेचते हैं। रूदल महतो 04. उनका घर कटेहर पड़ता है। फुटपाथ पर सब्जी बेचकर गुजारा करती हें। अगर सब्जी मार्केट बन जाता तो इस प्रकार से बाहर में नहीं बैठना पड़ता। बनने से बेचने में सुविधा होती। एक जगह मिल जाती। नबीसा खातुन 05. सड़क पर ही सब्जी की दुकान लगाते हें। कहां जाएं वे? कहीं तो स्थान नहीं है। कड़ी धूप में बैठे हुए हैं। कोई छाया नहीं। बहुत कठिनाई होती है। दूर से आते हैं और दुकानदार से कह सुन कर स्थान लेते हैं। फजीत अहमद 06. उनकी दुकान एनएच 80 के सामने किनारे में हैं। अगर सब्जी मार्केट बना रहता तो धूप में परेशान नहीं होते। स्थायी दुकान हो जाती। ग्राहकों को भी आने में सुविधा होती। एक ही जगह सभी सब्जियां मिल जातीं। मंजू देवी 07. वे तो मेदनीचौकी थाना क्षेत्र के खाबा गांव से आते हैं। रोज का आना जाना और सब्जी बेचना है। सही है कि सब्जी का मार्केट बनने से सुविधा हो रही है। लोग काम्प्लेक्स बनाते हैं, मगर सब्जी मार्केट नहीं खोलते। भोला महतो 08. मेदनीचौकी के दियारा से सब्जी लाती हैं। देवघरा चंद्र टोला उनका घर है। सूर्यग-सजय़ा बाजार में अधिक सब्जी बिकती है। मुनाफा भी अधिक है। आने जाने में भले परेशानी होती है। मार्केट अलग से होना चाहिए। जयका देवी 09. देवघरा चंद्र टोला से आती हें। यहां मेदनीचौकी की अपेक्षा महंगी सब्जी मिलती है। दो पैसे ज्यादा होने को लेकर फुटपाथ पर सब्जी बेचती हें। पता नहीं कब यहां सब्जी का मार्केट बनेगा। बड़े लोगों को बनाना चाहिए। गीता देवी 10. वे गरीब सब्जी बेचने वाले लोग कहां जाएं? किसान से सब्जी खरीदते हैं और देवघरा से सूर्यग-सजय़ा बाजार सब्जी बेचने के लिए आते हैं। बरसात,जाड़ा और गर्मी में दिक्कत होती है। मार्केट बना हुआ रहता तो इतनी परेशानी नहीं होती। महेश महतो 11. बहुत दिक्कत है, लेकिन परिवार का भरण पोषण करना है। सड़क के किनारे सब्जी बेचने का कार्य करना है। अब तकलीफ तो है ही। बड़का लोग, अफसर का काम है सब्जी मार्केट बनाना। बन जाता तो बढ़िया रहता। मंजूला देवी 12. बाजार में केवल सब्जियां ही इधर उधर सड़क के किनारे नहीं बिकती हैं, बल्कि मछली भी सड़क के किनारे बिकती है। बिक्री वाला स्थान गंदा और बदबूदार है। मांस भी दूर बिकता है। सीएचसी मोड़ से लेकर भर थाना तक किनारे में सब्जी की बिक्री होती है। सभी फुटपाथ पर रहते हैं। इनमें महिलाएं भी अधिक संख्या में होती हें। मार्केट बनाने पर ध्यान देना चाहिए। मनोज कुमार फोटो 40 बाजार में मुख्य सड़क पर सब्जी बेचते दुकानदार फोटो 41 मुख्य स्ड़क पर सब्जी बेचने के कारण अतिमक्रमण फोटो 42 बाजार में एनएच के किनारे थोक बिक्रेता की दुकान फोटो 43 रूपम देवी फोटो 44 चंदन साव फोटो 45 सतीश कुमार फोटो 46 रूदल महतो फोटो 47 नबीसा खातुन फोटो 48 फजीत अहमद फोटो 49 मंजू देवी फोटो 50 भोला महतो फोटो 51 जयका देवी फोटो 52 गीता देवी फोटो 53 महेश महतो फोटो 54 मंजूला देवी फोटो 55 मनोज कुमार
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