शराबबंदी से बिगड़ रही बिहार की कानून-व्यवस्था, प्रशांत किशोर का दावा; लालू, नीतीश दोनों को लपेटा
- प्रशांत किशोर ने कहा कि शराबबंदी के कारण पुलिस शराब पकड़ने और वसूली करने में लगी है। उधर अपराधी वारदातों को अंजाम दे रहे हैं।

बिहार में बिगड़ रही कानून व्यवस्था पर जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर कहा बड़ा बयान आया है। गिरती कानून व्यवस्था के लिए नीतीश कुमार और उनके शराबबंदी कानून को जिम्मेदार ठहराते हुए प्रशांत किशोर ने आंकड़ों का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि आंकड़े साफ बताते हैं कि 2017 के बाद से बिहार में कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ी है। जिस तरह से बिहार में हर दिन लूट, हत्या, मारपीट के मामले देखने को मिल रहे हैं।
पीके ने कहा कि यह कहना गलत नहीं होगा कि अपहरण को छोड़ दें तो नीतीश सरकार में कानून व्यवस्था की स्थिति वैसी ही है जैसी लालू यादव के समय थी। और इसकी एक बड़ी वजह शराबबंदी है। क्योंकि कानून व्यवस्था को लागू करने के लिए जो तंत्र है उसका एक बड़ा हिस्सा कानून व्यवस्था का काम छोड़कर शराबबंदी को लागू करने, उसे छुपाने और उससे कमाई करने में लगा हुआ है। इस वजह से बिहार में सामान्य कानून व्यवस्था दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है।
प्रशांत किशोर ने बताया कि बिहार के विभिन्न जेलों में एक लाख से अधिक लोग शराबबंदी कानून के तहत बंद हैं। इनमें से अधिकतर लोग दलित और पिछड़े हैं। उनके परिवार में कोई केस लड़ने वाला भी नहीं है। लेकिन समाजवाद की बात करने वाले लोगों को इसकी कोई चिंता नहीं है। साल 2017 से बिहार की कानून व्यवस्था बिगड़ी है क्योंकि पुलिस शराब से कमाने या छिपाने में लगी है। इसका फायदा अपराधी उठा रहे हैं। इन्हीं वजहों से जन सुराज शराबबंदी कानून की खिलाफत करता है।
प्रशांत किशोर ने पिछले दिनों कहा था कि उनकी सरकार बनेगी तो एक घंटे में शराबबंदी कानून को समाप्त कर दिया जाएगा। शराब बंद होने से युवा दूसरी प्रकार के नशे के शिकार हो रहे हैं। माफिया होम डिलिवरी से शराब पहुंचा रहे हैं और सरकार को हजारों करोड़ के राजस्व का नुकसान हो रहा है।