शेक्सपियर का साहित्यिक अवदान महत्वपूर्ण
मधेपुरा में बीएनएमयू विवि के पीजी अंग्रेजी विभाग ने अन्तर्राष्ट्रीय अंग्रेजी भाषा दिवस पर विलियम शेक्सपियर की जयंती मनाई। विभागाध्यक्ष डॉ. बीएन विवेका ने शेक्सपियर की रचनाओं की महत्ता पर प्रकाश डाला।...

मधेपुरा, निज प्रतिनिधि । अन्तर्राष्ट्रीय अंग्रेजी भाषा दिवस के अवसर पर बीएनएमयू विवि पीजी अंग्रेजी विभाग में विलियम शेक्सपियर की जयंती मनाई गई। विभागाध्यक्ष डॉ. बीएन विवेका की अध्यक्षता में आयोजित जयंती समारोह में शक्षिक और छात्रों शेक्सपियर के व्यक्तत्वि और कृतत्वि पर प्रकाश डाला। अध्यक्षीय भाषण में विभागाध्यक्ष डॉ. बीएन विवेका ने कहा कि दुनिया के तमाम वश्विवद्यिालयों के पाठ्यक्रम में शेक्सपियर की रचनाएं तकरीबन छः सौ वर्षों के बाद भी पठन पाठन का विषय है। इससे हीं शेक्सपियर की साहत्यिकि रचनात्मकता और अवदानों को समझा जा सकता है। शेक्सपियर के बाद जितने भी साहत्यिकि हस्ताक्षर हुए हैं सभी कहीं न कहीं उनसे प्रभावित अवश्य हुए। डीन प्रो. आरके मल्लिक ने शेक्सपियर के संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि शेक्सपियरियन नाटकों में स्थापित व्यक्तियों का पतन हुआ है चाहे वे मैकबेथ, किंग लियर, ओथेलो या जूलियस सीजर हो। ट्रेजिक फ्लाव हीं उनके पतन का कारण बना। परस्थितिियों के बीच लिए गये नर्णिय को मनोवैज्ञानिक प्रभाव देने में शेक्सपियर की तूलना अन्य से नहीं की जा सकती। आईक्यूएसी डायरेक्टर प्रो. नरेश कुमार ने कहा कि बहुत सारे मुहावरे शेक्सपियर के साहत्यि से हीं जन्म लिया है। शेक्सपियर के साहत्यिकि अवदान पर छात्र छात्राओं ने प्रकाश डाला। कार्यक्रम में शेक्सपियर के साहत्यिकि अवदान पर राहूल, शिवम, अंशुराज, शालू, मयंक, वशष्ठि, सौरभ, पुनम, गुनीत, दीपशिखा, लक्ष्मी प्रिया, पिंकी अमीत, दव्यिा आदि शामिल रहे।
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