प्रारंभिक कक्षाओं के बच्चे अब बनेंगे निर्णयकर्ता
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने छात्रों के आत्मविश्वास को बढ़ाने और आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक नई पहल शुरू की है। जिले के सीबीएसई स्कूलों में पहली कक्षा के छात्र निर्णयकर्ता बनेंगे, जबकि 12वीं के...

मधुबनी, निज संवाददाता। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने छात्रों के आत्मविश्वास को बढ़ाने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक अनोखी पहल शुरू की है। अब जिले के सीबीएसई से संबद्ध स्कूलों में पहली कक्षा के बच्चे डिसीजन मेकर यानी निर्णयकर्ता बनेंगे। जबकि 12 वीं के छात्र अपने अनुभवों के आधार पर छोटे छात्रों को करियर की दिशा में मार्गदर्शन देंगे। बोर्ड ने निर्देश दिया है कि सभी स्कूलों में पेरेंटिंग कैलेंडर लागू किया जाए। इसके तहत कक्षा-वार गतिविधियों की विस्तृत योजना तैयार की गई है। नर्सरी और केजी के बच्चों के लिए स्टोरीटेलिंग, गुड टच-बैड टच की जानकारी, चित्रों के माध्यम से सिखाने जैसी गतिविधियां होंगी।
कक्षा पहली व दूसरी के छात्र सीखेंगे कि कब हां कहना है, कब ना और कब विचार करना चाहिए। कक्षा तीन से पांच तक के छात्रों के लिए समूह चर्चा, बागवानी, कला व संवाद गतिविधियां होंगी। कक्षा 6 से 8 तक के विद्यार्थियों के लिए साइबर सुरक्षा, सामाजिक जागरूकता और जीवन कौशल पर केंद्रित कार्यक्रम होंगे। वहीं कक्षा 9 और 10 में करियर मार्गदर्शन, रोल प्ले, अतिथि वक्ताओं के व्याख्यान होंगे। कक्षा 11-12 के छात्रों के लिए पैनल डिस्कशन, मॉक इंटरव्यू, पूर्व छात्रों के साथ मीट एंड ग्रीट और प्रोफाइल बिल्डिंग कार्यशालाएं होंगी। जिला समन्वयक के अनुसार, जिले के सभी 120 से अधिक निजी स्कूलों में इसकी तैयारी प्रारंभ हो चुकी है। इस पहल से बच्चों में नेतृत्व क्षमता, संवाद कौशल और आत्मनिर्भरता विकसित होगी। स्कूलों को इसके लिए बोर्ड की ओर से स्पष्ट गाइडलाइन दी गई है, जिसका पालन अनिवार्य रूप से करना है।
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