मास्टर प्लान में शामिल निगम क्षेत्र व 38 गांवों का होगा विकास
मधुबनी में विकास के लिए जीआईएस आधारित मास्टर प्लान तैयार किया गया है। इसमें तालाबों का संरक्षण, रिंग रोड का विकास और पीने के पानी की उपलब्धता का ध्यान रखा गया है। यह योजना 20-25 वर्षों के लिए तैयार की...

मधुबनी। मधुबनी आयोजना क्षेत्र के विकास के लिए निर्धारित एजेंसी के द्वारा प्रथम चरण के तहत तैयार जीआईएस बेस्ड मास्टर प्लान को नगर विकास व आवास विभाग को भेज दिया गया है। मास्टर प्लान के सभी स्टेक होल्डर की सहमति के बाद प्रस्ताव की रुपरेखा तैयार की गयी है। जिसमें आयोजना क्षेत्र के तालाबों के संरक्षण व आसपास की नदी के जीर्णाद्धार को इस मास्टर प्लान में विशेष रुप से शामिल करने का निर्णय लिया गया है। इसके अलावे प्रस्तावित रिंग रोड को ध्यान में रखते हुए मास्टर प्लान में इसे सम्मलित कर विकास योजना लेना है। सामाजिक आर्थिक विकास पर विशेष रुप से फोकस करने की प्रक्रिया इसमें शामिल होंगे।
सतत विकास के लिए पीने के पानी की उपलब्धता आने वाले 20-25 सालों का विवरण मास्टर प्लान में महत्वपूर्ण रूप से उल्लेखित करने व सतही जल के उपयोग के महत्व के मुद्दे में शामिल किया गया है। प्रथम चरण के रिपोर्ट व अन्य महत्वपूर्ण मुद्दे के आधार पर एजेंसी डिजायन प्वाइंट कंसल्ट प्रालि कॉपरेशन विथ सिटियानो डी सोल्यूशन प्रालि दूसरे चरण के डाटा संकलन का कार्य संबंधित विभागों से समन्वय स्थापित कर शीघ्रता से पूरा करेगा। विभिन्न क्षेत्रों से जुटायी गयी जानकारी:मास्टर प्लान के लिए सबसे पहले जन क्षेत्र के सीमांकन वाले एरिया से विभिन्न स्तरों जानकारी जुटाई गई है। शहरी क्षेत्रों और निकटवत्र्ती शहरी क्षमता वाले ग्रामीण क्षेत्रों का मास्टर प्लान इसके तहत बनाया जा रहा है। जो कम से कम बीस वर्षो की अवधि के लिए प्रभावित आबादी को ध्यान में रखकर तैयार किया जा रहा है। वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर मधुबनी आयोजना क्षेत्र का गठन किया गया है। इस एरिया में मधुबनी रहिका के 18, पंडौल के पांच व राजनगर के 15 राजस्व गांवों को शामिल किया गया है। इसतरह इसमें नगर निगम सहित 38 राजस्व गांवों के 144.66 वर्ग किमी एरिया के विकास की रूपरेखा बनायी जा रही है। इसका लाभ लगभग छह लाख आबादी को होगा। मास्टर प्लान की चौहद्दी का हुआ सर्वे: इस मास्टर प्लान के लिए चौहद्दी व प्रभावित एरिया के आधारभूत संरचना, पर्यावरण, जलश्रोत सहित सभी तथ्यों के प्रथम चरण के सर्वे का काम पूरा किया गया है। इसमें उत्तर व पश्चिमी भाग में रहिका, पोखरौनी, सौराठ, रामखेतारी, सरमा होते हुए राजनगर प्रखंड के बेल्हवाड़, परिहारपुर तक, दक्षिण पूर्वी भाग में पंडौल के श्रीपुरहाटी, रामखेतारी होते हुए रहिका के भड़वारा, बसौली, खाजीपुर, कटैया, हरिरामपट्टी तक का क्षेत्र शामिल है। पूरब व उत्तरी भाग में राजनगर के सतधारा, मिर्जापुर, सिमरी, बाडमोतरा, नवटोली, भेरिया, विशुनपुर, राघोपुर बलाट, महिनाथपुर ग्राम होते हुए पंडौल के नवहथ गांव तक के एरिया को इसमें शामिल है। वहीं पश्चिम दक्षिणी भाग में रहिका के ककरौल, कमलपुर, हसनपुर, ढेलपुरवा, सतलखा, सिरमपुर गांव होते हुए लकशायर गांव तक के अंदर के एरिया को इस मास्टर प्लान में शामिल किया गया है।
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