पंजी प्रथा को सुदृढ़ करने से सैकड़ों वर्षों का मिलेगा वंशावली : कुलपति
रहिका में सौराठ महोत्सव समारोह का दूसरा दिन शास्त्रार्थ परंपरा की शुरुआत के साथ मनाया गया। मुख्य अतिथि लक्ष्मी निवास पांडेय ने कहा कि संस्कृति को आगे बढ़ाने से वंशजों का इतिहास सुरक्षित रहेगा।...
रहिका। सौराठ महोत्सव समारोह के दूसरे दिन के कार्यक्रम में विद्वानों के बीच शास्त्रार्थ परम्परा की शुरुआत हुई। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति लक्ष्मी निवास पांडेय ने अपने शास्त्रार्थ उद्बोधन करते हुए कहा कि धर्म शास्त्र के अनुसार संस्कृति परम्परा को आगे बढ़ाने से वंशजों का इतिहास सात पीढ़ी तक ही नही हजारों वर्षों तक परम्परा जीवंत बनाए रखने में सहूलियत होगा। सौराठ सभा के गौरवशाली महत्व के विषय पर विस्तार से जानकारी दी। पूर्व कुलपति प्रो.देव नारायण झा ने संबोधित करते हुए कहा कि मिथिला की नव पीढ़ी को नसीहत देते हुए बताया कि अपने मिथिला संस्कृति एवं परम्परा के प्रति अटूट विश्वास बनाए रखेंगे तो अतीत की पंजी व्यवस्था एवं वैवाहिक पद्धतियों का ह्रास नहीं होगा।
पंजी व्यवस्था एवं सौराठ सभा के गौरवशाली इतिहास के बारे में विस्तृत जानकारी दी। पूर्व कुलपति प्रो रामचन्द्र झा ने कहा कि मिथिला की पौराणिक व्यवस्था कायम रखने में पंजी सिद्धांत व्यवस्था बहुत ही अनुकरणीय है। अपने भावी पिढ़ी की विरासत को संरक्षित रखने में सक्षम होंगे। उन्होंने कहा कि सरकार सभी जातियों के लिए पंजी व्यवस्था लागू करने में सहयोग करेंगे तो राज्य के सामाजिक चेतना जागृत होगा। धर्म शास्त्र के विभागाध्यक्ष दिलीप कुमार झा ने कहा कि धर्म के आधार से विवाह संस्कार बहुत ही सुन्दर है।सौराठ सभावास में शास्त्रार्थ परम्परा का होने का इतिहास है। शास्त्रार्थ परम्परा से सामाजिक सांस्कृतिक महत्व का मंथन होने से एक नया प्रेरणा मिलेगा। कार्यक्रम में एसडीओ चंदन कुमार झा,सचिव शेखर चन्द्र मिश्र एवं अध्यक्ष कृष्ण कान्त झा गुड्डू सहित लोगों ने भाग लिया। सौराठ महोत्सव समारोह में कलाकारों के मनमोहक प्रस्तुति से झूमे श्रोता फोटो.6 जून रहिका 1.सौराठ महोत्सव समारोह में कार्यक्रम प्रस्तुत करते कलाकार रहिका,निज संवाददाता। सौराठ महोत्सव समारोह कार्यक्रम में गीत संगीत, नृत्य एवं हास्य व्यंग रंगकर्मी सहित राष्ट्रीय स्तर के ख्याति प्राप्त कलाकारों के मनमोहक प्रस्तुति से श्रोता झूमते रहे। मिथिला रत्न कुंज बिहारी मिश्र एवं साथियों ने कर्णप्रिय सुमधुर मैथिली लोकगीत गाकर लोगों को आह्लादित किया। इंडियन आइडल के जय झा ने हिन्दी फिल्म संगीत के आधुनिक गीतों पर लोगों ने लुत्फ उठाया। गायिका डोली सिंह ने मैथिली लोकगीत गाकर लोगों को आनंदित किया। गायक निखिल महादेव झा,सौम्या मिश्र सहित कलाकारों ने देर रात तक श्रोताओं को समां बांधे रखा। व्हाट्सएप पर हो रहा मिथिला अक्षर सिखाने का कार्य मिथिला अक्षर ज्ञान विषय पर आशीष कुमार मिश्र ने बताया कि हमलोग व्हाट्सएप पर छात्रों को मिथिला अक्षर सिखाने का काम शुरू किया है। मैथिली भाषा की लिपि सिखने का खास प्रशिक्षण कार्यक्रम में सरकार सहयोग करें तो पुनः मिथिला अक्षर ज्ञान सिखने की ललक लोगों में बढ़ेगा। आयोजित कार्यक्रम में पंजी व्यवस्था पर सेमिनार आयोजित हुई। पंजी व्यवस्था से विवाह करने पर दाम्पत्य रहता है सुखमय सेमिनार में पंजी कार प्रो.दयानंद मिश्र ने वैवाहिक पंजी सिद्धांत के वैज्ञानिक महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि जेनिटकल रूप से पंजी व्यवस्था के मुताबिक विवाह संबंध होता है तो दाम्पत्य जीवन सुखमय एवं आगे पिंढी स्वस्थ रहता है। पंजी व्यवस्था सेमिनार में विश्व मोहन मिश्र, कन्हैया मिश्र, सुमित कुमार मिश्र सहित पंजीकारों ने बताया कि मिथिला श्रेत्र में नये पिढ़ी के युवा वर्ग पौराणिक वैवाहिक पंजी सिद्धांत के प्रति जागरूक करने की जरूरत पर बल दिया। कार्यक्रम में मिथिला चित्रकला प्रतियोगिता आयोजित किया गया। जिसमें दो दर्जन से अधिक छात्राओं ने पेंटिंग कला प्रतियोगिता में भाग लिया। लक्ष्मी विलास गुरूकुल के छात्रों ने वेद मंत्र का गायन किया। कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों का स्वागत सभा विकास समिति के अध्यक्ष कृष्ण कान्त झा गुड्डू एवं सचिव डा.शेखर चन्द्र मिश्र ने पाग दोपटा पहनाकर स्वागत किया।
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