कचुरीधाम से शुरू मिथिला मध्यमा परिक्रमा यात्रा जनकपुरधाम पहुंची
नेपाल के कचुरीधाम से शुरू हुई मिथिला की पारंपरिक मध्यमा परिक्रमा यात्रा गुरुवार को जनकपुरधाम पहुंची। यहां श्रद्धालुओं ने रत्नसागर पोखरा परिसर में भोजन और विश्राम किया। महंत राम नरेश शरण के नेतृत्व में...
हरलाखी। नेपाल के कचुरीधाम से प्रारंभ हुई मिथिला की पारंपरिक मध्यमा परिक्रमा यात्रा गुरुवार की सुबह जनकपुरधाम पहुंची। जहां जनकपुरधाम के रत्नसागर पोखरा परिसर में परिक्रमावासियों का दिन का भोजन व विश्राम हुआ। रत्नसागर स्थान की ओर से परिक्रमा में शामिल सभी श्रद्धालु व संत- महात्माओं को भोजन कराया गया। कचुरीधाम स्थित मिथिला बिहारी मंदिर से महंत राम नरेश शरण के नेतृत्व में प्रभु श्रीराम का डोला के साथ हज़ारों श्रद्धालु इस यात्रा में शामिल हुए है। कचुरीधाम में प्रभु श्रीराम के डोला के दर्शन के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु पीछे पीछे चल रहे थे। श्रद्धालुओं की उपस्थिति में डोला की विधिवत पूजा अर्चना कर मध्यमा परिक्रमा का शुभारंभ किया गया।
रत्नसागर से विदा होने के बाद यात्रा जनकनंदिनी के महल की परिक्रमा की। जहां जानकी मंदिर के महंत ने डोला में विराजमान प्रभु श्रीराम का पूजा अर्चना किया। इसके बाद डोला जनक दरबार के मुख्य द्वार पर पहरेदार के रूप में अवस्थित बजरंगबली के मंदिर हनुमानगढ़ी की ओर विदा हुआ।
जहां पहले दिन के यात्रा का रात्रि विश्राम हुआ। यहां पूरी रात श्रद्धालु भजन कीर्तन करते हुए प्रभु श्रीराम की भक्ति में लीन थे।
शुक्रवार को हनुमानगढ़ी से प्रभु श्रीराम का डोला व जनकपुरधाम स्थित अग्निकुण्ड से जनकनन्दिनी किशोरी जी का डोला भारतीय क्षेत्र के कल्याणेश्वर स्थान के लिए प्रस्थान करेगी। भारतीय क्षेत्र में प्रवेश करते ही हरिने सीमा पर गांव में दिन का विश्राम होगा।
यहां स्थानीय लोगों के द्वारा प्रभु श्रीराम व माता सीता को बाल भोग कराया जाएगा। उसके बाद कल्यानेश्वर महादेव स्थान में दूसरे दिन का रात्रि विश्राम होगा। कल्याणेश्वर स्थान में गुरुवार से ही यात्रा में शामिल होने के लिए साधु संत जुटने लगे हैं। जगह जगह भक्तों द्वारा साधु संतों को भोजन कराने के लिए भंडारे का आयोजन शुरु किया जा रहा है।
एक को डोला गिरजा स्थान फूलहर पहुंचेगा, 14 मार्च को जनकपुर में संपन्न होगी यात्रा
तीसरे दिन एक मार्च को डोला कल्यानेश्वर स्थान से विदा होकर गिरजा स्थान फूलहर पहुंचेगा। दो मार्च को नेपाल के मटिहानी स्थान, तीन मार्च को जलेश्वर, चार मार्च को मड़ई स्थान, पांच मार्च को ध्रुवकुंड, छह मार्च को कंचनवन, सात मार्च को पर्वता स्थान, आठ मार्च को धनुषा, नौ मार्च को सतोषर स्थान, दस मार्च को औरही स्थान, ग्यारह मार्च को करुणा स्थान, बारह मार्च को पुन: कल्याणेश्वर स्थान की परिक्रमा कर विशौल विश्वामित्र स्थान, तेरह मार्च को जनकपुरधाम के गंगासागर पोखरा पर वृहद जनकपुर क्षेत्र विकास परिषद से बनवाया गया मंडप में रात्रि विश्राम एवं चौदह मार्च को पूर्णिमा के दिन अन्तहगृह परिक्रमा कर यात्रा संपन्न होगी।
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