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इंडो-नेपाल के सीमा स्तंभ को किया क्षतिग्रस्त, केस

हरलाखी के जाटही-पिपरौन बॉर्डर पर अज्ञात असामाजिक तत्वों ने भारत-नेपाल सीमा स्तंभ को क्षतिग्रस्त कर दिया। एसएसबी ने हरलाखी थाने में मामला दर्ज किया है। यह घटना सीमा विवादों को बढ़ा सकती है, क्योंकि...

Newswrap हिन्दुस्तान, मधुबनीSun, 8 June 2025 10:46 PM
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इंडो-नेपाल के सीमा स्तंभ को किया क्षतिग्रस्त, केस

हरलाखी, एसं। जाटही-पिपरौन बॉर्डर के दिघिया टोल बीओपी क्षेत्र में भारत-नेपाल के सीमा स्तंभ को अज्ञात असामाजिक तत्वों ने क्षतिग्रस्त कर दिया। रविवार को इस मामले में एसएसबी की ओर से हरलाखी थाने में केस दर्ज करवाया है। दिघिया टोल बीओपी के कमांडर कपिल कुमार सहारण ने पुलिस को दिये प्रतिवेदन में कहा है कि वे कुछ जवानों के साथ सीमा स्तंभों की जांच कर रहे थे। उसी दौरान उन्होंने बॉर्डर पीलर संख्या 286/29 क्षतिग्रस्त पाया। किसी नुकीली वस्तु से पीलर संख्या को मिटाकर क्षति पहुंचाई गई है। हरलाखी थानाध्यक्ष सह इंस्पेक्टर अनुप कुमार ने बताया कि सीमा स्तंभ को क्षति पहुंचाने का मामला गंभीर है।

इसकी जांच कर आरोपित की पहचान करने का प्रयास किया जा रहा है। मालूम हो कि भारत नेपाल की खुली सीमा पर पिलरों की स्थिति ठीक नहीं है। यहां दोनों देशों के बीच सीमा खुली हुई है। इससे अक्सर परेशानी होती है। कई बार असामाजिक तत्व पिलरों को नुकसान पहुंचाते हैं। भारत-नेपाल की खुली सीमा पर पिलरों की स्थिति ठीक नहीं दोनों देशों के बॉर्डर पर ईंट-सीमेंट के बनाए गए पिलरों से रेखांकित किया गया है। जिससे बॉर्डर पर खड़े ये पिलर दोनों देशों की सीमाओं को दर्शाते हैं। लेकिन कालांतर में बॉर्डर पर स्थापित पिलरों का लोकेशन कई बार नदियों की धाराओं के साथ भी बदल जाती है। जिससे बीते दिनों में दोनों देशों के बीच स्थानीय तौर पर सीमा विवाद को लेकर कई बार रिश्तों में खटास भी उत्पन्न हुई। बॉर्डर पर जमुनी नदी बहती है। इन नदियों में नेपाल के नदियों से भी पानी आता है हर साल यहां बाढ़ आ जाने से नदियों में बाढ़ का पानी उफान पर आ जाता है। बाढ़ का पानी बॉर्डर इलाके के गांवों में भी घुस जाता है। इसी कारण नदियों की धारा व बाढ़ के प्रभाव के कारण हर साल बॉर्डर पिलरों की स्थिति में बदलाव हो जाता है। हरिने बॉर्डर के इटहरवा बॉर्डर, करुणा-कमलावरपट्टी गांव के निकट परवतिया बांध बॉर्डर, फुलहर के थलही घाट बॉर्डर व गंगौर बॉर्डर समेत कई बॉर्डर पर सीमा स्तंभों की स्थिति ठीक नहीं है। स्थानीय ग्रामीण धनवीर यादव, रनवीर सिंह, मनोज कुमार, नरेश कुमार, रौशन कुमार, प्रदीप महतो, प्रमोद यादव समेत कई लोगों का कहना है कि इससे भविष्य में सीमाओं से संबंधित कई समस्याएं उत्पन्न हो सकती है। बॉर्डर पिलरों को सहेजने की जरूरत है। एसएसबी के अधिकारियों ने बताया कि कुछ वर्ष पहले सर्वे करके बॉर्डर पिलरों को सही स्थान पर पुन: स्थापित किया गया था। इसके बावजूद अगर कहीं से बॉर्डर पिलरों की स्थिति खराब है तो विभागीय आदेश मिलते ही तुरंत उसे ठीक किया जाएगा।

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