जय भीम पदयात्रा में पटना में पैदल चले मोदी के मंत्री मनसुख मांडविया, बिहार के युवाओं को दिया खास संदेश
- गांधी मैदान से हाईकोर्ट तक आयोजित पदयात्रा की अगुआई केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया ने की। इसमें विधानसभा स्पीकर नंद किशोर यादव, डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी, पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद समेत बिहार बीजेपी के कई बड़े नेता मौजूद रहे।

संविधान निर्माता भारत रत्न डॉ. भीमराव आंबेडकर की 134वीं जयंती के अवसर पर देश भर में बीजीपी की ओर से जय भीम पदयात्रा का आयोजन किया गया। बिहार की राजधानी पटना में गांधी मैदान से हाई कोर्ट तक पदयात्रा का आयोजन किया गया जिसका शुभारंभ केंद्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल, श्रम और रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने किया गया। पदयात्रा में विधानसभा स्पीकर नंद किशोर यादव, डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी, पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद समेत बिहार बीजेपी के कई बड़े नेता मौजूद रहे। देश के सभी राज्यों की राजधानी में यह पदयात्रा की जा रही है।
पदयात्रा की अगुआई कर रहे मोदी सरकार में खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि देशभर में पांच हजार से अधिक स्थानों पर बाबासाहेब की जयंती पर पदयात्राएं आयोजित की जा रही हैं। इस आयोजन का मकसद यह है कि डॉ. आंबेडकर के विचारों को जन-जन तक पहुंचाया जाए। उन्होंने कहा कि देश भर में जहां भी बाबासाहेब की प्रतिमा स्थापित है, वहां माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की जा रही है और लोगों को उनके पदचिन्हों पर चलते हुए देश में वास्तिविक अर्थों में लोकतंत्र की स्थापना का संदेश दिया जा रहा है।
खेल मंत्री मांडविया ने युवाओं को राजनीति में आकर देश के विकास के लिए बागडोर संभालने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि युवा ही देश के भविष्य हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2022 में विकसित भारत के निर्माण का जो संकल्प लिया था, वह सिर्फ एक नारा नहीं है, बल्कि एक दिशा है, एक मार्ग है, जिस पर आज का भारत आगे बढ़ रहा है। उन्होंने ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने 1985 में 21वीं सदी का सपना दिखाया था। लेकिन उन सपनों को साकार करने के लिए रास्ता स्पष्ट नहीं किया गया था। लेकिन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका संकल्प भी लिया और साकार करने का रास्ता दिखाया।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जय भीम पदयात्रा मात्र नहीं बल्कि युवाओं द्वारा लिए गए संकल्प का प्रतीक है। हमें डॉ. आंबेडकर के जीवन से प्रेरणा लेकर उनके द्वारा तैयार किए गए संविधान के तले काम करते हुए समाज के हर वर्ग को साथ लेकर आगे बढ़ना है। बाबा साहेब की प्रतिमाओं की सफाई करना केवल बाह्य स्वच्छता नहीं, बल्कि यह हमारे भीतर की स्वच्छता, सरकारी शुद्धता और सुशासन की दिशा में एक कदम है। हम सबको एक साथ मिलकर नए भारत का निर्माण और बाबासाहेब के सपनों को साकार करना है।