More than 40 transformers are burning everyday due to severe heat in Bihar people are troubled by power cuts बिहार में भीषण गर्मी से रोज फूंक रहे 40 से ज्यादा ट्रांसफॉर्मर, बिजली कटौती से लोग परेशान, Bihar Hindi News - Hindustan
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बिहार में भीषण गर्मी से रोज फूंक रहे 40 से ज्यादा ट्रांसफॉर्मर, बिजली कटौती से लोग परेशान

भीषण गर्मी के कारण बिहार में रोजाना 40 से अधिक ट्रांसफॉर्मर जल रहे हैं। हालांकि, पिछले महीने तक औसतन 30 से अधिक ट्रांसफॉर्मर जल रहे थे। जिस हिसाब से गर्मी बढ़ रही है, बिजली कंपनी को आशंका है कि ट्रांसफॉर्मर जलने की संख्या हर रोज 50 तक भी पहुंच सकती है।

sandeep हिन्दुस्तान ब्यूरो, पटनाSun, 15 June 2025 11:11 PM
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बिहार में भीषण गर्मी से रोज फूंक रहे 40 से ज्यादा ट्रांसफॉर्मर, बिजली कटौती से लोग परेशान

राज्य में पड़ रही भीषण गर्मी के कारण ट्रांसफॉर्मर जलने की घटनाओं में वृद्धि हो गई है। बिहार में हर रोज औसतन 40 से अधिक ट्रांसफॉर्मर जल रहे हैं। हालांकि, पिछले महीने तक औसतन 30 से अधिक ट्रांसफॉर्मर जल रहे थे। जिस हिसाब से गर्मी बढ़ रही है, बिजली कंपनी को आशंका है कि ट्रांसफॉर्मर जलने की संख्या हर रोज 50 तक भी पहुंच सकती है। ट्रांसफॉर्मर जलने के बाद स्थानीय इंजीनियर उसे बदलने में मनमर्जी कर रहे हैं।

इस कारण लोगों को घंटों बिना बिजली के ही रहना पड़ रहा है। कंपनी अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार राजधानी के अलावा राज्य के अन्य शहरों के साथ ही अर्धशहरी व ग्रामीण इलाकों में भी ट्रांसफॉर्मर जलने की घटनाओं में वृद्धि हुई है। जनवरी में हर रोज औसतन छह-आठ ट्रांसफॉर्मर जल रहे थे।

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फरवरी-मार्च में यह बढ़कर अधिकतम हर रोज 15 तक पहुंची, लेकिन अप्रैल में अचानक से हर रोज ट्रांसफॉर्मर जलने की संख्या बढ़कर औसतन हर रोज 25 हो गई। मई में यह आंकड़ा 35 को पार कर गया। जून में पड़ रही भीषण गर्मी के बाद हर रोज 40 से अधिक ट्रांसफॉर्मर जलने लगे हैं। किसी-किसी दिन 45 तक ट्रांसफॉर्मर जल जा रहे हैं। गर्मी के पहले बिजली कंपनी हर साल ट्रांसफॉर्मर की क्षमता का आकलन करती है। लोड आकलन में यह देखा जाता है कि पिछले वर्षों में संबंधित ट्रांसफॉर्मर पर बिजली का कितना लोड बढ़ा है।

बिजली कंपनी के नियमानुसार शहरी इलाके में अधिकतम 24 घंटे तो ग्रामीण इलाकों में 72 घंटे में ट्रांसफॉर्मर बदले जाने हैं। इसके लिए कंपनी ने जिलों में ट्रांसफॉर्मर का पर्याप्त संख्या में भंडारण भी कर रखा है, लेकिन स्थानीय इंजीनियरों की कार्यशैली के कारण आम लोग परेशान हैं। इंजीनियर ट्रांसफॉर्मर बदलने में मनमर्जी कर रहे हैं। अगर शहरी इलाके में शाम में भी ट्रांसफॉर्मर जल जाए तो इंजीनियर रात में उसे बदलने की जहमत नहीं उठाते। अगले दिन सुबह में ट्रांसफॉर्मर बदलने की कार्रवाई शुरू की जाती है। इसके बाद इसे चार्ज पर छोड़ा जाता है। कहने को कंपनी 24 घंटे में ट्रांसफॉर्मर बदल देती है लेकिन उसे चालू होने में 30-35 घंटे तक का समय लग जाया करता है।

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इसी तरह ग्र्रामीण इलाके में अगर अवकाश हो तो इंजीनियर कार्यालय खुलने के बाद ही ट्रांसफॉर्मर बदलने की कार्रवाई करते हैं। यही नहीं, ग्रामीणों से ट्रांसफॉर्मर के बदले किराया भी वसूल लेते हैं। इस पूरी प्रक्रिया में ग्रामीण इलाके में अपवादस्वरूप ही तीन दिन के भीतर ट्रांसफॉर्मर बदले जा रहे हैं। जले हुए ट्रांसफॉर्मर के चालू होने में चार-पांच दिन का समय लग जाया करता है।