बिहार में बिजली और सस्ती होने वाली है। अगले 5 सालों में 43 फीसदी बिजली गैर परम्परागत ऊर्जा से आपूर्ति की जाएगी। जो ताप घरों की बिजली से सस्ती होती है। ऐसे में बिजली की खरीदारी करने पर कंपनी को कम पैसे खर्च करने होंगे और इसका लाभ आम लोगों को मिलेगा।
बिजली के स्मार्ट मीटर का लगातार हो रहे विरोध के चलते पावर कंपनी ने बिहार के गांवों में एक जबरदस्त प्लान तैयार किया है। इससे आम लोगों में स्मार्ट मीटर को लेकर चल रहीं भ्रांतियां दूर की जाएंगी।
बिहार की दोनों वितरण कंपनियां नॉर्थ व साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड ने अपना तकनीकी व व्यावसायिक नुकसान 15.50 फीसदी तक लाने में सफलता प्राप्त की है। दो दशक पहले बिहार में बिजली नुकसान 59.15 फीसदी था।
बिजली कंपनी ने बिहार के विभिन्न जिलों में रहने वाले ऐसे उपभोक्ताओं को बड़ी राहत दी है, जिनके घर या दुकान की बिजली इसलिए काट दी गई क्योंकि उन्होंने स्मार्ट मीटर में रिचार्ज नहीं किया, या फिर बिजली बिल बकाया था।
बिहार के ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि राज्य में बिजली पर भारी सब्सिडी दी जा रही है। अन्य राज्यों के मुकाबले यहां बिजली काफी सस्ती है। उन्होंने बताया कि लाभ कमाने वाली कंपनियों ने बिजली दरों में कटौती की है।
ऊर्जा के क्षेत्र में उद्यमिता कौशल विकास के लिए बिहार के 11 जिलों की जीविका दीदियों को गौरीचक स्थित बिहार पावर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट में पांच दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया है। जो अब बिजली के क्षेत्र में काम करेंगी
बिहार में अब बिजली चोरी की निगरानी ट्रांसफार्मर करेंगे। जिसके लिए मीटर लगने का काम लगभग पूरा हो गया है। साढ़े तीन लाख ट्रांसफॉर्मर में से दो लाख 30 हजार से अधिक में मीटर लग चुके हैं। ये ट्रांसफार्मर एक-एक घर की बिजली खपत का हिसाब देंगे।
बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों के उपभोक्ताओं को बिजली बिल में राहत मिलने वाली है। विद्युत विनियामक आयोग को प्रति यूनिट 40 पैसे की कटौती करने का प्रस्ताव दिया गया है।
बिहार के चार लाख 79 हजार 698 किसानों को कनेक्शन देना है। एक लाख 65 हजार 881 किसानों को कनेक्शन दिया जाना लंबित है। बिजली कनेक्शन देने की रफ्तार काफी धीमी है। ऐसे में अगले दो साल में तय लक्ष्य के अनुसार सभी किसानों को कनेक्शन मिल जाए, इसमें संदेह है।
एलटी थ्री फेज में 20 किलोवाट का कनेक्शन लेने पर उपभोक्ताओं को 19 हजार 500 रुपए देने होंगे। इससे अधिक होने पर प्रति किलोवाट एक हजार अतिरिक्त देने होंगे। 50 मीटर की दूरी पर 4795 रुपए प्रति स्पैन देने होंगे।