Bihar power companies losses came down to 15 percent less than the national average 20 years ago it was 59 percent बिहार की बिजली कंपनियों का घाटा 15% पर आया, देश के औसत से भी कम; 20 साल पहले 59 फीसदी, Bihar Hindi News - Hindustan
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बिहार की बिजली कंपनियों का घाटा 15% पर आया, देश के औसत से भी कम; 20 साल पहले 59 फीसदी

बिहार की दोनों वितरण कंपनियां नॉर्थ व साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड ने अपना तकनीकी व व्यावसायिक नुकसान 15.50 फीसदी तक लाने में सफलता प्राप्त की है। दो दशक पहले बिहार में बिजली नुकसान 59.15 फीसदी था।

sandeep हिन्दुस्तान ब्यूरो, पटनाSat, 5 April 2025 10:07 PM
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बिहार की बिजली कंपनियों का घाटा 15% पर आया, देश के औसत से भी कम; 20 साल पहले 59 फीसदी

बिहार की बिजली कंपनियों का नुकसान देश के औसत से कम हो गया है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में देशभर की बिजली कंपनियों के नुकसान का औसत 17.60 फीसदी रहा। बिहार की दोनों वितरण कंपनियां नॉर्थ व साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड ने अपना तकनीकी व व्यावसायिक नुकसान 15.50 फीसदी तक लाने में सफलता प्राप्त की है। दो दशक पहले बिहार में बिजली नुकसान 59.15 फीसदी था। बिजली कंपनी ने यह उपलब्धि कई रणनीतिक प्रयासों और सुधारों के बल पर हासिल किया है।

शनिवार को बिजली कंपनी की ओर से दी गई आधिकारिक जानकारी के अनुसार नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड (एनबीपीडीसीएल) और साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड (एसबीपीडीसीएल) ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में समेकित तकनीकी एवं वाणिज्यिक हानि को घटाकर 15.50 प्रतिशत कर लिया है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में कंपनियों का नुकसान 19.94 फीसदी था। यह पहली बार है, जब बिहार का एटीएंडसी लॉस भारत के सभी वितरण कंपनियों के राष्ट्रीय औसत से कम रहा है। एनबीपीडीसीएल ने अनुमानित एटीएंडसी लॉस को 14.5 फीसदी और एसबीपीडीसीएल ने 17 फीसदी तक लाने में सफलता पाई है।

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बिजली कंपनी ने नुकसान कम करने को कई प्रयास किए हैं। वितरण प्रणाली की विश्वसनीयता में सुधार, समयबद्ध रूप से नए कनेक्शन प्रदान करना, सटीक और पारदर्शी बिलिंग पर जोर देना तथा उपभोक्ता विश्वास हासिल करने के लिए निरंतर प्रयास किए गए हैं। हाल ही में विद्युत मंत्रालय द्वारा जारी उपभोक्ता सेवा रेटिंग में एनबीपीडीसीएल को ए ग्रेड और एसबीपीडीसीएल को बी+ ग्रेड प्रदान किया गया है। इस सुधार का ही नतीजा रहा कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में बिहार के वितरण कंपनियों ने रिकॉर्ड 17,114 करोड़ की राजस्व वसूली की, जो वित्तीय वर्ष 2023-24 में 15,109 करोड़ की तुलना में लगभग 13 फीसदी अधिक है।

ऊर्जा सचिव सह बिजली कंपनी के सीएमडी पंकज कुमार पाल ने कहा कि राष्ट्रीय औसत से कम नुकसान होना सराहनीय है। विशेषकर तब जब हमारे उपभोक्ताओं में 85 फीसदी से अधिक लोग ग्रामीण क्षेत्रों से हैं। हम आगे भी गुणवत्तापूर्ण और निर्बाध विद्युत आपूर्ति, सटीक बिलिंग और उपभोक्ता शिकायतों का त्वरित समाधान सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध रहेंगे।

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वहीं ऊर्जा, योजना एवं विकास मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दूरदर्शी नेतृत्व के परिणाम के कारण ही बिजली कंपनियों ने यह सफलता हासिल की है। वित्तीय वर्ष 2004-05 में जहां एटीएंडसी नुकसान 59.15 फीसदी था, जो अब 15.50 फीसदी पर आ चुका है। यह प्रदर्शन पारदर्शिता, सुधार और उत्तरदायित्व के प्रति राज्य की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। जनता के विश्वास और सहयोग के बिना यह संभव नहीं था।