MP में 7 मरीजों की मौत के बाद पकड़े गए 'डॉ. जॉन कैम' का करीब 1 करोड़ का था पैकेज
मध्य प्रदेश के दमोह जिले में कथित तौर पर फर्जी तरीके से डॉक्टर बनकर इलाज करने वाले नरेंद्र विक्रमादित्य यादव उर्फ 'एन जॉन कैम' को दबोच लिया गया है।

मध्य प्रदेश के दमोह जिले में कथित तौर पर फर्जी तरीके से डॉक्टर बनकर इलाज करने वाले नरेंद्र विक्रमादित्य यादव उर्फ 'एन जॉन कैम' को दबोच लिया गया है। डेढ़ महीने में 7 मरीजों की मौत के लिए जिम्मेदार बताए जा रहे कैम को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से गिरफ्तार किया गया है। इस बीच आरोपी डॉक्टर को लेकर कई जानकारियां सामने आ रही हैं। यह भी पता चला है कि दमोह के मिशनरी अस्पताल में उसे भारी-भरकम पैकेज पर रखा गया था।
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, डॉ. जॉन कैम को अस्पताल ने भोपाल की एक एजेंसी के जरिए नौकरी पर रखा था। उसे हर महीने 8 लाख रुपये का वेतन मिलता था, इस हिसाब से देखें तो सालभर में करीब एक करोड़ (96 लाख) का पैकेज उसे मिल रहा था। इस बीच यह भी पता चला है कि मध्य प्रदेश से पहले वह छत्तीसगढ़ में भी एक बड़े निजी अस्पताल में कार्डियोलॉजिस्ट के तौर पर काम कर चुका है। छत्तीसगढ़ के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष राजेंद्र शुक्ला के बेटे ने आरोप लगाया है कि जॉन कैम ने 2006 में उनके पिता की भी सर्जरी की थी और इसके बाद वह बच नहीं पाए थे।
पुलिस ने दमोह जिले के मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) एम के जैन की शिकायत पर जॉन कैम के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। आरोप है कि वह फर्जी मेडिकल डिग्री के सहारे डॉक्टर बनकर सर्जरी कर रहा था। पुलिस ने कोतलवाली थाने में जालसाजी और धोखाधड़ी के आरोप में एफआईआर लिखी है। दमोह के एसपी श्रुत कीर्ति सोमवंशी ने बताया कि आरोपी डॉ. नरेंद्र जॉन कैम को प्रयागराज से गिरफ्तार किया गया है।
एसपी ने बताया कि सीएमएचओ की ओर से की गई शिकायत में उठाए गए सवालों पर आरोपी से पूछताछ की जाएगी। उन्होंने कहा, 'मूल शिकायत (एनएचआरसी को सौंपी गई) में मिशन अस्पताल में सात मरीजों की मौत का जिक्र है। एक अन्य शिकायत (सीएमएचओ जैन द्वारा दायर) डॉक्टर की डिग्री के सत्यापन से संबंधित है।' सोमवंशी ने बताया कि प्राथमिक जांच में पता चला कि डॉक्टर का सर्टिफिकेट फर्जी है।
उन्होंने कहा कि प्राथमिकी जालसाजी और धोखाधड़ी के आरोपों में दर्ज की गई है और उसी के आधार पर गिरफ्तारी की गई है। सोमवंशी ने कहा, 'अस्पताल में मरीजों की मौत के संबंध में जिलाधिकारी ने सीएमएचओ की रिपोर्ट के बाद जांच जबलपुर मेडिकल कॉलेज को सौंपी है। उनकी (जबलपुर मेडिकल कॉलेज) रिपोर्ट के आधार पर आगे की जांच की जाएगी।'
(पीटीआई इनपुट के साथ)
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