रैली में शामिल हों; बंगाल में बेरोजगार शिक्षकों की सौरव गांगुली से अपील, पूर्व क्रिकेटर ने दिया जवाब
- Sourav Ganguly: पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती परीक्षा घोटाले के खिलाफ कोर्ट के आदेश के बाद विरोध प्रदर्शन का दौर जारी है। इसी एक प्रदर्शन में सौरव गांगुली को शामिल होने का न्यौता देने के लिए कुछ लोग उनके आवास पर पहुंच गए।

पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग में हुए भर्ती घोटाले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के फैसले के कारण अपनी नौकरी खो चुके शिक्षक प्रदर्शन कर रहे हैं। इन्हीं शिक्षकों के एक समूह ने राज्य सचिवालय तक एक विरोध प्रदर्शन का आयोजन करने की योजना के तहत पूर्व भारतीय क्रिकेटर और कप्तान सौरव गांगुली को भी इसमें शामिल होने का न्यौता दिया था लेकिन उपलब्ध सूत्रों के अनुसार गांगुली ने यह निमंत्रण अस्वीकार कर दिया है।
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक बेरोजगार शिक्षक 21 अप्रैल को पश्चिम बंगाल के राज्य सचिवालय नबन्ना तक मार्च में शामिल होने के लिए सौरव गांगुली के आवास पर गए थे लेकिन पुलिस ने उन्हें रास्ते में ही रोक दिया और पूरी प्रक्रिया पर चर्चा करने के लिए पुलिस स्टेशन ले गई।
आपको बता दें कि सौरव गांगुली के आवास पर जाने की कोशिश करने वाले शिक्षक चक्रिहारा ओइक्यामंच नामक संगठन से जुड़े हुए हैं। इस संगठन ने ममता सरकार के मांग करते हुए कहा था कि सरकार सुप्रीम कोर्ट जाए और निर्दोष उम्मीदवारों को बहाल कराने के लिए तत्काल आदेश पारित कराए। अपनी इसी बात को और मजबूती से रखने के लिए संगठन ने नबन्ना तक रैली करने का प्रस्ताव रखा था। हालांकि लाइव हिन्दुस्तान इस बात की पुष्टि नहीं करता है लेकिन एबीपी आनंद की एक रिपोर्ट के मुताबिक गांगुली ने शिक्षकों से कहा कि कृपया करके मुझे राजनीति में शामिल न करें।
इससे पहले सौरव गांगुली के आवास पर पहुंचने की कोशिश कर रहे लोगों ने कहा, "हम उनके घर पर पहुंच कर अपनी बात उनके सामने रखना चाहते थे, वह इतने बड़े आदमी हैं, लोकप्रिय हैं.. एक आइकॉन हैं। हम चाहते थे कि वह हमारे साथ आएं ताकि सीएम ममता बनर्जी हमारी बात को सुनें। हम दादा से मिलना चाहते थे.. उन्हें हमारी रैली में शामिल होने के लिए आमंत्रित करना चाहते थे।
रिपोर्ट्स के मुताबिक जब प्रदर्शनकारियों से गांगुली के ऑफिस में जाकर वहां पर अपना निमंत्रण देने के लिए कहा गया तो उन्होंने इससे इनकार कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि हमारी इस हालत का जिम्मेदार स्कूल सेवा आयोग है, जिसने भर्ती के दौरान घोटाला होने दिया और सही और धोखाधड़ी से नौकरी पाने वालों में कोई अंतर नहीं कर पाया। उन्हीं कि वजह से आज हम सड़कों पर हैं।