हम यहां कैद, रिश्तेदारों से बात पर भी रोक; बंगाल हिंसा के बाद मालदा में शरण लेने वाले लोगों के आरोप
- लोगों ने दावा किया है कि उन्हें इन शिविरों से बाहर रहने की इजाजत नहीं दी जा रही है। यहां के एक शिविर में शरण लिए विस्थापितों ने आरोप लगाया है कि उन्हें शिविर में ही कैद कर दिया गया गया है।

West Bengal Murshidabad Violence: पश्चिम बंगाल में वक्फ कानून के विरोध में हुई हिंसा के बाद हालात अब तक सामान्य नहीं हो पाए हैं। मुर्शिदाबाद में हिंसा से प्रभावित लोगों ने मालदा के राहत शिविरों में शरण ले रखी है। इस बीच यहां के लोगों ने शुक्रवार को दावा किया है कि उन्हें इन शिविरों से बाहर रहने की इजाजत नहीं दी जा रही है। यहां के स्कूल परिसर में बनाए गए शिविर में शरण लिए विस्थापितों ने आरोप लगाया है कि उन्हें शिविर में ही कैद कर दिया गया गया है और उन्हें परिसर से बाहर जाने या अपने रिश्तेदारों से बातचीत करने की इजाजत नहीं दी जा रही है।
वैष्णवनगर के परलालपुर हाई स्कूल स्थित शिविर में कथित तौर पर तनाव तब बढ़ गया जब पुलिस ने राज्यपाल सीवी आनंद बोस के दौरे के दौरान पत्रकारों को परिसर में प्रवेश करने से रोक दिया। इसके बाद विस्थापित लोगों ने विरोध प्रदर्शन भी किया। जानकारी के मुताबिक फिलहाल शिविर में सैकड़ों लोग रह रहे हैं।
क्या है आरोप?
शिविर में रह रहे एक व्यक्ति ने आरोप लगाया, ‘‘हमें पुलिस ने यहां कैद कर दिया है और हम स्वतंत्र रूप से घूम नहीं सकते। हमें बाहर जाने या अपने रिश्तेदारों से बातचीत करने की अनुमति नहीं है। हमें नहीं पता कि जब राज्यपाल यहां हैं और हमसे बात कर रहे हैं, तो मीडिया को अंदर क्यों नहीं आने दिया जा रहा है। हम चाहते हैं कि दुनिया को उनके साथ हमारी बातचीत के बारे में पता चले।’’
मानवाधिकार आयोग ने लिया स्वत: संज्ञान
हालांकि विस्थापित लोगों के आरोपों जिला प्रशासन और पुलिस ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। इस बीच राजभवन के सूत्रों के मुताबिक बोस शुक्रवार शाम शिविर पहुंचे थे जहां उन्होंने विस्थापित परिवारों से बातचीत की और स्थिति का जायजा लिया। इससे पहले शुक्रवार को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के एक दल ने हिंसा का स्वत: संज्ञान लेते हुए उसी शिविर का दौरा किया था। दल ने प्रभावित परिवारों से बात कर उनके बयान दर्ज किए हैं और घटना की जांच के लिए एक फैक्ट चेकिंग कमिटी का गठन भी किया है।
अब तक 274 लोग गिरफ्तार
बता दें कि वक्फ (संशोधन) अधिनियम को लेकर 11 और 12 अप्रैल को हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा में मुर्शिदाबाद जिले के शमशेरगंज, सुती, धुलियान और जंगीपुर के मुस्लिम बहुल इलाकों में तीन लोगों की मौत हो गई थी। वहीं कई लोग घायल भी हुए थे। जिले के दंगा प्रभावित इलाकों में राज्य पुलिस के साथ अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है, जहां से अब तक 274 लोगों को तोड़फोड़ और दंगे भड़काने में कथित संलिप्तता के लिए गिरफ्तार किया गया है।