मुर्शिदाबाद हिंसा पर बंगाल की राजनीति गरम, अब राहत शिविर पहुंचे राज्यपाल, बोले- ऐक्शन होगा
- राज्यपाल आनंद बोस ने कहा, 'मैंने इस कैंप में रहने वाले परिवारों से मुलाकात की। उनकी समस्याओं को विस्तार से सुना और भावनाओं को समझने का प्रयास किया। उन्होंने मुझे बताया कि वे क्या चाहते हैं।'

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने मुर्शिदाबाद हिंसा से प्रभावित परिवारों से मुलाकात की। शुक्रवार को वह उनसे मिलने के लिए मालदा जिले के एक राहत शिविर में पहुंचे। राज्यपाल बोस ने कहा, 'मैंने इस कैंप में रहने वाले परिवारों से मुलाकात की। उनकी समस्याओं को विस्तार से सुना और भावनाओं को समझने का प्रयास किया। उन्होंने मुझे बताया कि वे क्या चाहते हैं। निश्चित रूप से उसे लेकर कदम उठाए जाएंगे।'
मुर्शिदाबाद जिले के शमशेरगंज, सुती, धुलियान और जंगीपुर इलाकों में वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ 11 और 12 अप्रैल को हुए प्रदर्शनों के दौरान साम्प्रदायिक हिंसा भड़क गई। इसमें तीन लोगों की मौत हो गई थी। जिले के कई निवासी और भी हिंसा होने की आशंका के चलते पड़ोसी मालदा जिला पलायन कर गए थे। दंगा करने और तोड़फोड़ में संलिप्तता को लेकर अबतक 274 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। हिंसा प्रभावित इलाकों में अर्द्धसैनिक और पुलिस बल तैनात किए गए हैं।
देश भर में प्रदर्शन की तैयारी में विहिप
इस बीच, विश्व हिंदू परिषद ने शनिवार को देशव्यापी प्रदर्शन करने का ऐलान किया है। इस दौरान मुर्शिदाबाद जिले में सांप्रदायिक हिंसा को लेकर पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की जाएगी। विहिप के अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि देशभर के हर जिला मुख्यालय में संगठन के सदस्य और समर्थक मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा के विरोध में धरना देंगे। उन्होंने कहा, ‘हम जिलाधिकारियों को ज्ञापन देकर मांग करेंगे कि केंद्र सरकार पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने पर विचार करे।’ कुमार ने दावा किया कि संशोधित नागरिकता अधिनियम (CAA), तीन तलाक और वक्फ अधिनियम जैसे कई मुद्दों पर हिंसक विरोध केवल पश्चिम बंगाल में हुआ, किसी अन्य राज्य में नहीं। यह गंभीर चिंता का विषय है कि ऐसी हिंसा केवल पश्चिम बंगाल में ही होती है।