FIR against dr n john camm of Mission Hospital in Damoh Madhya Pradesh 7 मरीजों की मौत के बाद फंस गए फर्जी ‘डॉ. जॉन कैम’, MP में FIR, Madhya-pradesh Hindi News - Hindustan
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7 मरीजों की मौत के बाद फंस गए फर्जी ‘डॉ. जॉन कैम’, MP में FIR

खुद को 'डॉ. जॉन कैम' बताने वाले नरेंद्र विक्रमादित्य यादव पर मध्य प्रदेश के दमोह में पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है।

Sudhir Jha लाइव हिन्दुस्तान, दमोह, एएनआई-पीटीआईMon, 7 April 2025 10:10 AM
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7 मरीजों की मौत के बाद फंस गए फर्जी ‘डॉ. जॉन कैम’, MP में FIR

खुद को 'डॉ. जॉन कैम' बताने वाले नरेंद्र विक्रमादित्य यादव पर मध्य प्रदेश के दमोह में पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है। दमोह जिले में एक मिशनरी अस्पताल में हृदयरोग विशेषज्ञ (कार्डियोलॉजिस्ट) के रूप में काम कर रहे विक्रमादित्य पर आरोप है कि फर्जी डिग्री के सहारे डॉक्टर बनकर उन्होंने लोगों की सर्जरी की और 7 मरीजों की मौत हो गई। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने भी मामले की जांच शुरू कर दी है।

सीएसपी दमोह अभिषेक तिवारी ने कहा कि थाना कोतवाली में धोखाधड़ी और फर्जी दस्तावेजों के सहारे डॉक्टर बनकर इलाज करने का मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के सीएमएचओ ने शिकायत की थी कि डॉ. नरेंद्र जॉन कैम फर्जी तरीके से एजियोग्राफी और एंजियोप्लास्टी कर रहे थे। डॉ. जॉन कैम के दस्तावेज संदेहास्पद पाए गए हैं।

इससे पहले एनएचआरसी के सदस्य प्रियंक कानूनगो ने बताया कि मामले की जांच के लिए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की एक टीम सात से 9 अप्रैल तक दमोह में रहेगी। एनएचआरसी में एक स्थानीय निवासी की ओर से दी गई शिकायत के मुताबिक अस्पताल में काम करने वाले डॉ. एन जॉन कैम नामक व्यक्ति ने खुद को विदेश से शिक्षित और प्रशिक्षित बताया था।

शिकायतकर्ता ने दावा किया कि व्यक्ति का असली नाम नरेंद्र विक्रमादित्य यादव है। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि उसने ब्रिटेन के मशहूर कार्डियोलॉजिस्ट प्रोफेसर जॉन कैम के नाम का दुरुपयोग कर मरीजों को गुमराह किया और उसके गलत इलाज के कारण मरीजों की मौत हो गई।

कानूनगो ने शुक्रवार को सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर एक पोस्ट में लिखा कि दमोह के एक मिशनरी अस्पताल में 7 लोगों की असामयिक मौत का मामला सामने आया है, जहां एक फर्जी डॉक्टर हृदय रोग का इलाज कर रहा था। शिकायत के अनुसार उक्त मिशनरी अस्पताल प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना के अंतर्गत आता है, इसलिए सरकारी धन का दुरुपयोग भी किया गया है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने जांच के आदेश दे दिए हैं।

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