बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाओ, निष्पक्ष चुनाव के लिए सेना भेजो; मिथुन की गृह मंत्री से अपील
- इस हिंसा में अब तक तीन लोगों की मौत, सैकड़ों गिरफ्तारियां, और हजारों लोग विस्थापित हुए हैं। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए राज्य सरकार और केंद्रीय एजेंसियों को हस्तक्षेप करना पड़ा है।

अभिनेता और बीजेपी नेता मिथुन चक्रवर्ती ने पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग करते हुए कहा है कि राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति बेहद चिंताजनक हो चुकी है। उन्होंने केंद्र सरकार और गृह मंत्री से अपील की कि चुनावों के दौरान कम से कम दो महीने के लिए सेना की तैनाती की जाए, ताकि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव संभव हो सकें।
मिथुन ने कहा, "मैंने कई बार अनुरोध किया है और मैं अभी भी गृह मंत्री से अनुरोध कर रहा हूं। कम से कम, कृपया चुनाव के दौरान दो महीने के लिए अंदर सेना तैनात करें। अगर उन्हें तैनात किया जाता है, तो ही निष्पक्ष चुनाव हो सकेंगे।" मिथुन चक्रवर्ती की यह टिप्पणी मुर्शिदाबाद जिले में 8 से 12 अप्रैल के बीच हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद आई है। इस हिंसा की शुरुआत वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ हुए प्रदर्शनों से हुई, जिसने देखते ही देखते कई मुस्लिम-बहुल क्षेत्रों जैसे शमशेरगंज, सुती, धूलियन और जंगीपुर को अपनी चपेट में ले लिया।
इस हिंसा में अब तक तीन लोगों की मौत, सैकड़ों गिरफ्तारियां, और हजारों लोग विस्थापित हुए हैं। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए राज्य सरकार और केंद्रीय एजेंसियों को हस्तक्षेप करना पड़ा है। इसी बीच, राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के दौरे को टालने के आग्रह को दरकिनार करते हुए शुक्रवार को मालदा पहुंचकर राहत शिविरों का दौरा किया। आज वे शमशेरगंज, धूलियन, सुती और जंगीपुर का भी दौरा करने वाले हैं, ताकि ज़मीनी हालात का जायज़ा ले सकें।
राज्यपाल ने मालदा के एक स्कूल में बनाए गए राहत शिविर में विस्थापित परिवारों से मुलाकात की और कहा, "मैंने पीड़ित महिलाओं और परिवारों से बातचीत की। उन्होंने बताया कि उनके घरों में घुसकर दुर्बियों ने हमला किया, गाली-गलौज की और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया। सभी ने सुरक्षा और पुनर्वास की मांग की है।" राज्यपाल ने यह भी कहा कि पीड़ित महिलाएं चाहती हैं कि उनके टूटे-फूटे और जले हुए घरों का पुनर्निर्माण किया जाए, और उन्हें रोजगार के अवसर भी दिए जाएं ताकि वे अपने जीवन को फिर से पटरी पर ला सकें।
इस बीच, राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) की अध्यक्ष विजया रहाटकर के नेतृत्व में एक टीम भी मालदा और मुर्शिदाबाद पहुंची। आयोग की यह टीम तीन दिन के दौरे पर है और हिंसा से प्रभावित महिलाओं और बच्चों की स्थिति का अध्ययन कर रही है। मीडिया से बात करते हुए रहाटकर ने कहा, "इस प्रकार की भयावह स्थिति तब पैदा होती है जब समाज में महिलाओं के प्रति संवेदनशीलता की कमी होती है। सभी को महिलाओं के प्रति संवेदनशील होना चाहिए, तभी उन्हें न्याय मिल सकता है।" हिंसा की गंभीरता को देखते हुए राजनीतिक गलियारों में भी हलचल तेज हो गई है। मिथुन चक्रवर्ती के बयान और राज्यपाल की सक्रियता से यह साफ है कि आने वाले दिनों में यह मुद्दा राजनीतिक रूप से और भी बड़ा रूप ले सकता है।
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