सरकारी स्कूलों में 32 हजार बच्चों के लिए आयीं मात्र 18 हजार पुस्तकें
झंझारपुर में नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत के साथ ही सरकारी स्कूलों में किताबों की कमी से शिक्षकों में अफरा-तफरी मची है। 32 हजार बच्चों के लिए मात्र 18158 पुस्तकें मिली हैं, जिससे 14 हजार बच्चों को...

झंझारपुर, निज संवाददाता। सरकारी स्कूलों में नए शैक्षणिक सत्र शुरू हो गया है, लेकिन बच्चों की संख्या के मुकाबले किताबों की आपूर्ति कम होने से वितरण में भारी परेशानी आ रही है। स्थिति यह है कि शिक्षकों को खुद प्रखंड संसाधन केंद्र (बीआरसी) तक दौड़ लगानी पड़ रही है ताकि उनके स्कूल के बच्चों के लिए किताबें मिल सकें। जबकि बीआरसी की यह जवाबदेही है कि वह सभी स्कूलों तक समय पर पुस्तकें पहुंचाए। झंझारपुर प्रखंड में कुल 133 प्राथमिक व मिडिल स्कूल है। इसमें वर्ग एक से आठवीं कक्षा में नामांकित बच्चों की संख्या लगभग 32 हजार है। नए सत्र के लिए सभी क्लास के बच्चों को पुस्तकें उपलब्ध करानी है। इसके लिए छह महीने पहले ही प्रखंड शिक्षा अधिकारी के कार्यालय से स्कूल व कक्षा के हिसाब से कुल नामांकित बच्चों के लिए डिमांड भेजी गई थी। लेकिन एक सप्ताह पहले झंझारपुर बीआरसी को 32 हजार बच्चों के एवज में मात्र 18158 पुस्तकों का सेट उपलब्ध कराई गई। नतीजा करीब 14 हजार बच्चों को पुस्तकें मिलने पर ग्रहण लग गया है। हालांकि प्रखंड साधन सेवी चंद्रशेखर यादव ने बताया कि बच्चों के अनरूप पुस्तकें नहीं मिलने की जानकारी जिले को दी गई है। कहा गया है कि बचे बच्चों के लिए भी जल्द ही पुस्तकें उपलब्ध कराई जाएगी। अब तक जितनी पुस्तकों का सेट आया है उसमें कक्षा एक के लिए 1771, दूसरी कक्षा के लिए 1981, तीसरी वर्ग के लिए 2366, चौथी कक्षा के लिए 2452, पांचवीं के लिए 2663, छठी कक्षा के लिए 2524, सातवीं कक्षा के लिए 2391 एवं आठवीं कक्षा के लिए 2206 पुस्तकों का सेट उपलब्ध कराई गई है।
पुस्तकों की कमी होने की खबर से शिक्षकों में अफरा-तफरी
मंगलवार को बीआरसी पर पंहुचे विभिन्न स्कूलों के शिक्षकों ने बताया कि जब उन्हें किताबों की कमी की जानकारी मिली तो कहीं उनका स्कूल वंचित नहीं रह जाय इसलिए उन्हें खुद ही स्कूल छोड़कर प्रखंड मुख्यालय तक आना पड़ रहा है ताकि वे अपने छात्रों के लिए किताबें ला सकें। ऊपर से पुस्तकों को ले जाने के भाड़ा के टेंपो करने की मजबूरी है। शिक्षकों का कहना है कि नियमानुसार बीआरसी को स्कूल तक पुस्तकें पंहुचाने की जिम्मेवारी है। वहीं, बीआरसी के अधिकारियों का कहना है कि उन्हें ऊपर से ही कम संख्या में पुस्तकें प्राप्त हुई हैं, जिसके कारण वितरण में यह समस्या आ रही है। जंहा तक स्कूलों तक पुस्तकें पंहुचाने की बात है यंहा से किसी भी स्कूल को पुस्तक लेने के लिए आने का बुलाबा नहीं गया है। शिक्षक खुद ही आते हैं।
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