27 से मेगा ब्लॉक, दो प्लेटफार्म छोड़ बाकी से ठप रहेगा ट्रेनों का संचलन
Gorakhpur News - गोरखपुर में 27 मई से नान इंटरलॉकिंग का काम शुरू होगा। तीन मई तक 122 ट्रेनें निरस्त रहेंगी और दो प्लेटफार्मों को छोड़कर बाकी प्लेटफार्मों पर ट्रेनें नहीं चलेंगी। 11 लाख यात्रियों की यात्रा प्रभावित...

गोरखपुर, मुख्य संवाददाता 27 मई से नान इंटरलॉकिंग का काम शुरू हो जाएगा। तीन मई तक होने वाले एनआई के लिए मेगा ब्लॉक रहेगा। इस दौरान जहां 100 से अधिक ट्रेनें निरस्त रहेंगी वहीं दूसरी दो प्लेटफार्म छोड़ बाकी सभी प्लेटफार्मों से ट्रेनों का संचलन रद रहेगा।
इस दौरान प्लेटफार्म नंबर एक और तीन से ही ट्रेनों का संचलन होगा। ब्लॉक के चलते प्लेटफार्म नम्बर एक से बस्ती और तीन नम्बर से देवरिया-नरकटियागंज की तरफ जाने वाली ट्रेनें चलेंगी। 12 अप्रैल से शुरू हुए ब्लॉक में कुल 22 तक रूटीन और स्पेशल मिलाकर 122 ट्रेनें निरस्त हैं।
27 अप्रैल से 3 मई तक गोरखपुर जंक्शन पर कर्फ्यू जैसा माहौल रहेगा। दिन में कुछ चुनिंदा ट्रेनों की ही आवाज सुनाई देगी। बाकी पूरे दिन प्लेटफार्मों पर सन्नाटा पसरा रहेगा। यार्ड रिमॉडलिंग के दौरान करीब 11 लाख यात्रियों की यात्रा रद होगी, वहीं रेलव को करीब 12 करोड़ रुपये का नुकसान भी होगा। एनआई का काम पूरा हो जाने के बाद ट्रेनों का संचलन काफी सहज हो जाएगा।
ऐसा पहली बार होगा जब एक साथ 122 ट्रेनें निरस्त कर दी गई हैं और 28 का रूट बदल दिया गया है। गोरखपुर जंक्शन से रोजाना औसतन 50 से 55 हजार यात्री अनारक्षित और आरक्षित बोगियों में यात्रा करते हैं। इनसे रोजाना करीब 70 लाख रुपये की आय है।
कार्य पूरा होने पर नहीं बेवजह नहीं रुकेंगी ट्रेनें
तीसरी लाइन व दोहरीकरण का कार्य पूरा होने पर सबसे अधिक राहत एक्सप्रेस ट्रेनों को होगा। अभी नकहा जंगल रूट से गुजरने वाली ट्रेनों को ट्रैक खाली नहीं मिलने पर रुकना पड़ता है, लेकिन दोहरीकरण का कार्य पूरा होने पर यात्रियों को राहत मिलेगी। इसी प्रकार थर्ड लाइन पूरा होने से गोरखपुर से आने-जाने वाली अन्य ट्रेनों को भी बिना किसी रुकावट के चलाया जा सकेगा।
साढ़े पांच घंटे का रहा ब्लॉक, 22 जोड़ी ट्रेनें रहीं निरस्त
ब्लॉक के सातवें दिन ट्रेनों का संचलन साढ़े पांच घंटे तक बाधित रहा। ट्रेनों का सबसे अधिक संचलन सुबह 10 के पहले और शाम सात बजे के बाद हो रहा है। सातवें दिन विभिन्न रूटों की 22 जोड़ी ट्रेनें निरस्त रहीं। ट्रेनों के निरस्त होने का असर सबसे अधिक दिल्ली रूट पर पड़ा है। इसी वजह से गोरखधाम एक्सप्रेस में गुरुवार को जबरदस्त भीड़ रही। जनरल कोच में चढ़ने के लिए मारामारी तो रही ही, आरक्षित कोच में भी चढ़ने के लिए यात्रियों को जद्दोजहद करनी पड़ी।
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