बालिका स्कूल में 29 सौ छात्राओं के लिए भवन, कैंटीन और पर्याप्त बेंच-डेस्क नहीं
मिज़ब बालिका प्लस टू विद्यालय की स्थापना 1986 में बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए की गई थी। विद्यालय में लगभग 2900 छात्राएं पढ़ाई कर रही हैं, लेकिन यहां भवन, शिक्षकों और खेल के मैदान की कमी है।...

शहर के ज्ञानबाबू चौक के समीप स्थित मिस्कॉट मोहल्ले में राजकीयकृत मुजीब बालिका प्लस टू विद्यालय की स्थापना 1986 में बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की गई थी। इससे पहले इस विद्यालय की नींव 1971 में शहर के बलुआ स्थित किराए के मकान में रखी गयी थी। वर्तमान में इस इंटरस्तरीय विद्यालय में लगभग 2900 छात्राएं विभिन्न कक्षाओं में नामांकित हैं। यहां 9वीं से 12वीं तक की पढ़ाई होती है। जिले के सुदूर ग्रामीण इलाकों से बच्चियां पढ़ाई करने आती हैं। मगर, बच्चियों की संख्या के अनुरूप यहां वर्ग कक्षा नहीं हैं। इसके बावजूद इस विद्यालय की छात्राओं का प्रदर्शन बेहतर रहा है।
विद्यालय में 9वीं व 10वीं कक्षा में चार-चार सेक्शन हैं। मगर, पर्याप्त भवन के अभाव में कक्षा संचालन में परेशानी होती है। वहीं 11वीं कक्षा में करीब 1080 छात्राएं नामांकित हैं। बावजूद इसके यहां छात्राओं के लिए पर्याप्त भवन व बैठने का सही इंतजाम नहीं है। इसके अलावा विद्यालय में खेलकूद मैदान, वाहन स्टैंड, कैंटीन व छात्रावास आदि की भी कमी है।
संख्या के अनुरूप भवन नहीं
कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य राजकुमार चौधरी, अनिल कुमार, हरेंद्र प्रसाद, कुमार नवीन चंद्र आदि ने बताया कि सीमित संसाधन में भी विद्यालय की छात्राएं बेहतर कर रहीं हैं। शहर के प्रत्येक राजकीय आयोजनों में यहां की छात्राएं बढ़-चढ़कर अपनी भागदारी सुनिश्चित कराती हैं। छात्राओं की संख्या के अनुरूप वर्ग कक्ष की कमी है। इस विद्यालय में मात्र 11 शिक्षक हैं। एक कक्षा का चार सेक्शन चलता है। कई विषय के शिक्षक उपलब्ध नहीं हैं। अंग्रेजी, सामाजिक विज्ञान, भूगोल, संस्कृत आदि विषय के शिक्षक नहीं हैं। विद्यालय परिसर में कुल नौ कमरे हैं। इममें 9वीं व 10वीं के लिए चार तथा 11वीं व 12वीं कक्षा के लिए पांच भवन हैं। मगर, इन्हीं भवनों में स्मार्ट क्लास, लाइब्रेरी व जिम की स्थापना की गई है। शेष बचे कमरों में कक्षाएं संचालित की जाती हैं।
विद्यालय में खेल का मैदान नहीं
छात्रा खदिजा, फिजा परवीन, नायरा तबस्सूम, आसिया हुसैन, कोमल, सुप्रिया कुमारी, भूमिका कुमारी, वैष्णवी कुमारी, जेबा अंजुम, निक्की कुमारी, ज्योति रानी, लाडली, प्रियांशु आदि ने बताया कि विद्यालय का अपना खेल मैदान नहीं है। विद्यालय परिसर की जमीन भी समतल नहीं है। इससे खिलाड़ियों को बहुत परेशानी होती है। विद्यालय परिसर में बारिश के दिनों में पानी जमा हो जाता है। इसके स्थाई समाधान के लिए मिट्टी की भराई आवश्यक है। इससे खेलकूद में भी सुविधा होगी। विद्यालय में खेल सामग्री की भी कमी है। लैब के अधिकतर उपकरण क्षतिग्रस्त : राजकीयकृत मुजीब बालिका प्लस टू विद्यालय में कई समस्याएं हैं। यहां का जिम काफी पुराना हो चुका है। अधिकतर उपकरण क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। कोई भी उपकरण उपयोग के लायक नहीं है। इसके अलावा विद्यालय के लैब का भवन काफी छोटा है। यह भवन सामग्री व उपकरण से ही भर गया है। यहां 10 छात्राओं से ही भीड़ हो जाती है। संगीत व नृत्य की शिक्षिका नहीं : छात्राओं के इस विद्यालय में कला व संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए कोई प्रबंध नहीं है। कार्यक्रम की प्रस्तुति के लिए स्टेज नहीं है। इसके अलावा नृत्य व गीत-संगीत को बढ़ावा देने के लिए विद्यालय में एक भी शिक्षिका नहीं हैं। विद्यालय में खेल के लिए ट्रैक नहीं, परिसर में लगता है पानी : छात्रा आफरिन बानो, प्रिया कुमारी, जिन्नत परवीन, पूजा कुमारी आदि ने बताया कि मुजीब बालिका प्लस टू विद्यालय में खेलकूद के पर्याप्त साधन का अभाव है। किसी खेल के लिए ट्रैक नहीं है। ग्राउंड में पानी जमा हो जाता है। इससे परेशानी होती है। विद्यालय में वाहन स्टैंड व छात्रावास का निर्माण जरूरी है। छात्राओं ने बताया कि स्कूल आने में सवारी की दिक्कत हाेती है। सरकार को बस सेवा शुरू करनी चाहिए। इससे कॉलेज आने में सुविधा होगी। इतने पुराने कॉलेज में पार्क व कैंटिन की सुविधा नहीं है। कैंटिन खुलने से छात्राओं को बहुत सुविधा होगी। टिफिन में उन्हें बाहर नहीं जाना पड़ेगा। शिकायतें: 1. मुजीब बालिका प्लस टू विद्यालय की स्थापना बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए की गयी थी। यहां संसाधन का अभाव है। 2. इस विद्यालय में लगभग 2900 छात्राएं विभिन्न कक्षाओं में नामांकित हैं। उनके लिए भवन व डेस्क-बेंच की कमी है। 3. छात्राओं की संख्या के अनुपात में शिक्षकों की संख्या कम है। चार-चार सेक्शन के बावजूद मात्र 11 शिक्षक ही कार्यरत हैं। 4. विद्यालय के कमरों व परिसर में साफ-सफाई की कमी है। डस्टबिन नहीं होने से गंदगी इधर-उधर फेंका रहता है। 5. विद्यालय के पास खेल का मैदान, कैंटीन व साइकिल स्टैंड की सुविधा नहीं है। इससे छात्राओं को परेशानी होती है। सुझाव: 1. मुजीब बालिका प्लस टू विद्यालय की स्थापना बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए की गयी थी। यहां संसाधन जरूरी है। 2. इस विद्यालय में लगभग 2900 छात्राएं विभिन्न कक्षाओं में नामांकित हैं। उनके लिए भवन व डेस्क-बेंच जरूरी है। 3. छात्राओं की संख्या के अनुरूप शिक्षकों की कमी है। स्कूल में मात्र 11 शिक्षक ही कार्यरत हैं। शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति की जाए। 4. विद्यालय के कमरों व परिसर में साफ-सफाई की कमी है। सुधार के लिए डस्टबिन की व्यवस्था आवश्यक है। 5. विद्यालय के पास खेल का मैदान, कैंटिन व साइकिल स्टैंड की सुविधा बहाल हो। सरकार को बस सेवा भी शुरू करनी चाहिए। बोले जिम्मेदार: राजकीयकृत मुजीब बालिका प्लस टू स्कूल में छात्राओं की संख्या के अनुरूप कमरा व शिक्षकों की कमी है। इसके लिए विद्यालय से प्रस्ताव आने पर आगे बढ़ाया जाएगा। विद्यालय का कैंपस लो लैंड है। यहां मिट्टी भरने से खेलकूद में सुविधा होगी। वाहन स्टैंड निर्माण की दिशा में प्रयास किया जाएगा। इससे विद्यालय की छात्राओं व शिक्षक-शिक्षिकाओं को काफी सुविधा होगी। लगातार शिक्षकों की बहाली हो रही है, इससे शिक्षकों की कमी दूर होगी। नित्यम कुमार गौरव, डीपीओ, माध्यमिक शिक्षा, पूर्वी चंपारण।
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