टारगेट से पीछे मगर मधुमेह और बीपी जांच में पूर्वी चंपारण आगे
मोतिहारी नगर संवाददाता जिला में मधुमेह से लेकर ब्लड प्रेशर की बीमारी युवाओं में

मोतिहारी नगर संवाददाता जिला में मधुमेह से लेकर ब्लड प्रेशर की बीमारी युवाओं में बहुत मिल रही है। जिसका खुलासा एनसीडी सेल के द्वारा चलाए गए मधुमेह जांच और ब्लड प्रेशर की जांच में हुआ है।
बताया जाता है कि सरकार ने मधुमेह व ब्लड प्रेशर की जांच के लिए एक विशेष अभियान 21 फरवरी से 31 मार्च तक चलाया।यह अभियान एनसीडी सेल के तहत किया गया। बताते हैं कि करीब 24 लाख लोगों के जांच का टारगेट दिया गया था।जिसमें करीब 5 लाख लोगों की जांच की गई जिसमें करीब 14 हजार लोगों में मधुमेह और करीब 17 हजार में ब्लड प्रेशर की बीमारी पाई गई। इस 14 हजार में सबसे अधिक युवा जिनकी उम्र 25 से 40 वर्ष थी। जांच में बच्चे शामिल नहीं हुए जबकि बच्चे यानि नवजात से लेकर 18 साल के बच्चे में भी मधुमेह के रोग निजी लैब में खूब मिल रहा है।
बताया जाता है कि इस बार की जांच में भले ही एनसीडी सेल टारगेट से बहुत कम लोगों का जांच कर सका है।मगर बिहार में अगली पंक्ति में है।इसका भी खुलासा राज्य सरकार के द्वारा जारी सूची से हुआ है।बताते हैं कि जांच में प्रथम स्थान पर पूर्वी चंपारण ,दूसरे नंबर पर अरवल , तीसरे नंबर पर सुपौल, चौथे नंबर पर कैमूर पर पांचवें नंबर पर लखीसराय जिला है। वहीं नीचले स्थान पर सारण, कटिहार, मधेपुरा, मुजफ्फरपुर व वैशाली जिला है। इसको लेकर राज्य स्वास्थ्य समिति ने पिछले दिनों बैठक में रेड लगे जिला को अपने में सुधार लाने का नर्दिेश दिया है।
बताया जाता है कि जिला में पुराने मधुमेह का केस चार प्रतिशत है ।यानी आबादी के चार प्रतिशत मधुमेह के रोगी पहले से हैं। अब नया सर्वे यानि जांच में इसकी संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है।चिंता इस बात की है कि ग्रामीण इलाके में मजदूर वर्ग में मधुमेह और ब्लड प्रेशर का केस अधिक मिल रहा है। बताते हैं कि मौजूदा समय में शहर के कम ग्रामीण इलाके में मधुमेह का केस अधिक बढ़ता जा रहा है।
इसको लेकर एनसीडी सेल के प्रभारी डॉक्टर शरद चंद्र शर्मा ने बताया कि यह सब खान पान व भागदौड़ की जिंदगी का नतीजा है।
मधुमेह रोग विशेषज्ञ डॉक्टर आरकेपी शाही ने कहा कि जिस तरह से मधुमेह का केस युवाओं में बढ़ रहा है यह बहुत बड़े खतरे की घंटी है। बताया कि इस बार का रिसर्च होना चाहिए कि कही रासायनिक खाद से उपजे फल और अनाज का तो असर नहीं है। क्योंकि आए दिन हर कोई चाहे फल खाए या अनाज सब पर रासायनिक खाद का असर होता है। उन्होंने बताया कि मौजूदा समय में बीमारी से बचने के लिए शारीरिक मेहनत व योग जरूरी हो गया है। कम से कम आधा घंटा वाकिंग जरूरी है।
उन्होंने बताया कि मधुमेह को रोकने के लिए चार उपाय है।पहला दवा, दूसरा व्यायाम, तीसरा टेंशन फ्री व चौथा शुद्ध भोजन नियमित होना चाहिए। अन्यथा मधुमेह को रोक पाना मुश्किल होगा।
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